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बस्ती: जिलाधिकारी ने लांच किया यूपी का पहला 'गौ सेवक ऐप' - गोशाला

उत्तर प्रदेश के बस्ती में अन्ना गोवंशों के लिए सीएम द्वारा संचालित ड्रीम प्रोजेक्ट गो सरंक्षण योजना पर गो सेवक ऐप लांच किया है. इस ऐप के माध्यम से अब गौशालाओं में गोवंशों के खाने पीने रहन-सहन की व्यवस्था पर निगरानी रखी जाएगी.

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बस्ती में डीएम ने लांच किया गौ सेवक ऐप
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Published : Jan 7, 2020, 7:27 AM IST

बस्ती: प्रदेश की सड़कों और खेतों में घूमने वाले अन्ना पशुओं को संरक्षित करने के लिए मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट गौ संरक्षण योजना को बस्ती में अधिकारियों ने एक अनूठा प्रयोग किया है. जिले के सभी गोशाला केंद्रों को अब गौ सेवक ऐप और पोर्टल के माध्यम से जोर दिया गया है. जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने बताया कि गौ सेवक ऐप के माध्यम से अब गौशालाओं में होने वाली हर प्रकार की एक्टिविटी को तुरंत देखा जा सकता है.

इससे गौशालाओं में अनियमितता की शिकायत और चारा संकट को तत्काल दूर किया जा सकेगा. इस ऐप के माध्यम से यह जानकारी हो सकेगी कि किसी भी गोशाला में कितने पशु बीमार हैं और उनके चारा की क्या व्यवस्था है. जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन बताया कि यह यूपी का पहला ऐसा ऐप है जिसमें गोशालाओं की ऑनलाइन व्यवस्था की गई है.

बस्ती में डीएम ने लांच किया गौ सेवक ऐप

ऐप के माध्यम से गौशाला का होगा मैनेजमेंट
जिले में गौशाला मैनेजमेंट पोर्टल एवं मोबाईल ऐप की व्यवस्था सोमवार से लागू कर दी गयी है. कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित पोर्टल एंव मोबाइल ऐप जागरूकता गोष्ठी में उन्होंने कहा कि इससे जिले के सभी 118 स्थायी एवं अस्थायी गोआश्रय स्थल की व्यवस्था सुचारू रूप से हो सकेंगी. बस्ती जिले में पोर्टल एंव मोबाइल ऐप के माध्यम से गोशाला मैनेजमेंट का अनुठा प्रयोग शुरू किया जा रहा है. इसका प्रस्तुतीकरण प्रमुख सचिव पशुपालन के सम्मुख किया जा चुका है. इस ऐप को पूरे प्रदेश में लागू करने की सैद्धान्तिक सहमति प्रदान कर दी गई है.

गौशाला मैनेजमेंट ऐप से की जाएगी मॉनिटरिंग
जिले में यह पोर्टल एवं एप तीन सप्ताह में पूरी तरह सक्रिय हो जायेगा. प्रयास किया जा रहा है कि बस्ती महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर सीएम योगी से इसका शुभारंभ कराया जाय. जिले में कुल 114 स्थायी एवं अस्थायी गोआश्रय स्थल है. दो कान्हा स्थायी गौआश्रय स्थल, एक वृहद गौआश्रय स्थल है. एक निर्माणाधीन गौआश्रय स्थल है. इन सभी गौआश्रय स्थलों में पशुओं की उपलब्धता उनके लिए चारा एवं भूसा की उपलब्धता, यहां पर तैनात कर्मियों की उपस्थिति पशु डाक्टरों द्वारा इसका विजिट आदि कार्यों का मोबाइल ऐप के माध्यम से मॉनिटरिंग की जाएगी.

पशु चिकित्सकों की पूरी हुई ट्रेनिंग
इस संबंध में सभी पशु चिकित्साधिकारियों की ट्रेनिंग पूरी हो गयी है. इस सप्ताह ग्रामप्रधान, सचिव, सफाईकर्मी की ट्रेनिंग ब्लाक स्तर पर करायी जायेगी. सभी गौआश्रय स्थलों की मैपिंग कराते हुए. इससे संबंधित सभी आवश्यक सूचना पोर्टल पर दर्ज कर दी गयी है. अगले सोमवार से अधिकारी-कर्मचारी प्रत्येक गौआश्रय स्थल की प्रतिदिन की सूचना अपलोड करना शुरू कर देंगे. पोर्टल एवं मोबाइल ऐप पर दर्ज प्रतिदिन की सूचनाओं की मानीटरिंग ब्लाक, तहसील एवं जिले स्तर पर अधिकारियों द्वारा की जा सकेगी.

बस्ती: प्रदेश की सड़कों और खेतों में घूमने वाले अन्ना पशुओं को संरक्षित करने के लिए मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट गौ संरक्षण योजना को बस्ती में अधिकारियों ने एक अनूठा प्रयोग किया है. जिले के सभी गोशाला केंद्रों को अब गौ सेवक ऐप और पोर्टल के माध्यम से जोर दिया गया है. जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने बताया कि गौ सेवक ऐप के माध्यम से अब गौशालाओं में होने वाली हर प्रकार की एक्टिविटी को तुरंत देखा जा सकता है.

इससे गौशालाओं में अनियमितता की शिकायत और चारा संकट को तत्काल दूर किया जा सकेगा. इस ऐप के माध्यम से यह जानकारी हो सकेगी कि किसी भी गोशाला में कितने पशु बीमार हैं और उनके चारा की क्या व्यवस्था है. जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन बताया कि यह यूपी का पहला ऐसा ऐप है जिसमें गोशालाओं की ऑनलाइन व्यवस्था की गई है.

बस्ती में डीएम ने लांच किया गौ सेवक ऐप

ऐप के माध्यम से गौशाला का होगा मैनेजमेंट
जिले में गौशाला मैनेजमेंट पोर्टल एवं मोबाईल ऐप की व्यवस्था सोमवार से लागू कर दी गयी है. कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित पोर्टल एंव मोबाइल ऐप जागरूकता गोष्ठी में उन्होंने कहा कि इससे जिले के सभी 118 स्थायी एवं अस्थायी गोआश्रय स्थल की व्यवस्था सुचारू रूप से हो सकेंगी. बस्ती जिले में पोर्टल एंव मोबाइल ऐप के माध्यम से गोशाला मैनेजमेंट का अनुठा प्रयोग शुरू किया जा रहा है. इसका प्रस्तुतीकरण प्रमुख सचिव पशुपालन के सम्मुख किया जा चुका है. इस ऐप को पूरे प्रदेश में लागू करने की सैद्धान्तिक सहमति प्रदान कर दी गई है.

गौशाला मैनेजमेंट ऐप से की जाएगी मॉनिटरिंग
जिले में यह पोर्टल एवं एप तीन सप्ताह में पूरी तरह सक्रिय हो जायेगा. प्रयास किया जा रहा है कि बस्ती महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर सीएम योगी से इसका शुभारंभ कराया जाय. जिले में कुल 114 स्थायी एवं अस्थायी गोआश्रय स्थल है. दो कान्हा स्थायी गौआश्रय स्थल, एक वृहद गौआश्रय स्थल है. एक निर्माणाधीन गौआश्रय स्थल है. इन सभी गौआश्रय स्थलों में पशुओं की उपलब्धता उनके लिए चारा एवं भूसा की उपलब्धता, यहां पर तैनात कर्मियों की उपस्थिति पशु डाक्टरों द्वारा इसका विजिट आदि कार्यों का मोबाइल ऐप के माध्यम से मॉनिटरिंग की जाएगी.

पशु चिकित्सकों की पूरी हुई ट्रेनिंग
इस संबंध में सभी पशु चिकित्साधिकारियों की ट्रेनिंग पूरी हो गयी है. इस सप्ताह ग्रामप्रधान, सचिव, सफाईकर्मी की ट्रेनिंग ब्लाक स्तर पर करायी जायेगी. सभी गौआश्रय स्थलों की मैपिंग कराते हुए. इससे संबंधित सभी आवश्यक सूचना पोर्टल पर दर्ज कर दी गयी है. अगले सोमवार से अधिकारी-कर्मचारी प्रत्येक गौआश्रय स्थल की प्रतिदिन की सूचना अपलोड करना शुरू कर देंगे. पोर्टल एवं मोबाइल ऐप पर दर्ज प्रतिदिन की सूचनाओं की मानीटरिंग ब्लाक, तहसील एवं जिले स्तर पर अधिकारियों द्वारा की जा सकेगी.

Intro:रिपोर्ट - सतीश श्रीवास्तव
बस्ती यूपी
मो- 9889557333

स्लग - यूपी का पहला गौ सेवक ऐप हुआ बस्ती से लांच

एंकर -प्रदेश की सड़कों और खेतों में घूमने वाले छुट्टा पशुओं को संरक्षित करने के लिए संचालित मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट गौ संरक्षण योजना को बस्ती में अधिकारियो ने एक अनूठा प्रयोग किया है, जिले के सभी गौशाला केंद्रों को अब एक एप और पोर्टल के माध्यम से जोर दिया गया है। जिला अधिकारी आशुतोष निरंजन ने बताया कि गौ सेवक ऐप के माध्यम से अब गौशालाओं में होने वाली हर प्रकार की एक्टिविटी को तुरंत देखा जा सकता है। जिससे गौशालाओं में अनियमितता की शिकायत और चारा संकट को तत्काल दूर किया जा सकेगा। इस ऐप के माध्यम से यह जानकारी हो सकेगी कि किसी भी गौशाला में कितने पशु बीमार हैं और उनके चारा की क्या व्यवस्था है। जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन बताया कि यह यूपी का पहला ऐसा ऐप है जिसमें गौशालाओं कि ऑनलाइन व्यवस्था की गई है।

जिले में गोशाला मैनेजमेण्ट पोर्टल एवं मोबाईल एप की व्यवस्था आज से लागू कर दी गयी है। कलक्टेªट सभागार में आयोजित पोर्टल एंव मोबाइल एप जागरूकता गोष्ठी में उन्होने कहा कि इससे जिले के सभी 118 स्थायी एवं अस्थायी गोआश्रय स्थल की व्यवस्था सुचारू रूप से हो सकेंगी। बस्ती जिले में पोर्टल एंव मोबाइल एप के माध्यम से गोशाला मैनेजमेण्ट का अनुठा प्रयोग शुरू किया जा रहा है। इसका प्रस्तुतीकरण प्रमुख सचिव पशुपालन के सम्मुख किया जा चुका है और उन्होंने इस एप को पूरे प्रदेश में लागू करने की सैधान्तिक सहमति प्रदान कर दिया है।




Body:जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में यह पोर्टल एवं एप तीन सप्ताह में पूरी तरह सक्रिय हो जायेगा। प्रयास किया जा रहा है कि बस्ती महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर मा0 मुख्यमंत्री द्वारा इसका शुभारम्भ कराया जाय। बताया कि जिले में कुल 114 स्थायी एवं अस्थायी गोआश्रय स्थल है। दो कान्हा स्थायी गोआश्रय स्थल, एक वृहद गोआश्रय स्थल है। एक निर्माणाधीन गोआश्रय स्थल है। इन सभी गोआश्रय स्थलों में पशुओं की उपलब्धता उनके लिए चारा एवं भूषा की उपलब्धता, यहाॅ पर तैनात कर्मियों की उपस्थिति पशु डाक्टरों द्वारा इसका विजिट आदि कार्यो का मोबाइल एप के माध्यम से मानीटरिंग किया जायेगा।



Conclusion:डीएम ने बताया कि इस संबंध में सभी पशु चिकित्साधिकारियों की टेªनिंग पूरी हो गयी है। इस सप्ताह ग्रामप्रधान, सचिव, सफाईकर्मी की टेªनिंग ब्लाक स्तर पर करायी जायेगी। सभी गोआश्रय स्थलों की मैपिंग कराते हुए इससे संबंधित सभी आवश्यक सूचना पोर्टल पर दर्ज कर दी गयी है। अगले सोमवार से अधिकारी-कर्मचारी प्रत्येक गोआश्रय स्थल की प्रतिदिन की सूचना अपलोड करना शुरू कर देंगे। पोर्टल एवं मोबाइल एप पर दर्ज प्रतिदिन की सूचनाओं की मानीटरिंग ब्लाक, तहसील एवं जिले स्तर पर अधिकारियों द्वारा की जा सकेगी। 

बाइट - आशुतोष निरंजन,,, डी एम्


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