बस्ती: एक ओर जहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकलांगों को सम्मान देने के लिए नाम बदलकर दिव्यांग कह संबोधित करने की बात कहते हैं तो वहीं, दूसरी तरफ सरकार के कुछ नुमाइंदे आज भी दिव्यांगों को सामान्य नजरिए से देख उनको तवज्जों ही नहीं देते. ताजा मामला बस्ती जिले के हरैया तहसील से सामने आया है, जहां तीन दिव्यांग अपना प्रार्थना पत्र लेकर संपूर्ण समाधान दिवस में पहुंचे, जहां संपूर्ण समाधान दिवस में तहसील प्रशासन की ओर से दिव्यांगों के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं की गई थी. आम जनता की तरह ही वो भी अपने हाथ में शिकायत पत्र लिए कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए. वहीं, मीडियाकर्मियों को देखने के बाद आनन-फानन में अधिकारियों ने अपने कर्मचारियों से पीड़ित दिव्यांगों का प्रार्थना पत्र लेने को कहा.
इधर, एक दिव्यांग रामकृपाल से जब बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि हमारी जमीन की पैमाइश का मामला है और हम शिकायत पत्र लेकर संपूर्ण समाधान दिवस पर आए हैं और अपने बारी का इंतजार कर रहे थे. दिव्यांग ने यह भी बताया कि हल्का लेखपाल हमारी जमीन को नापने तक नहीं जा रहे हैं और हम बार-बार तहसील का चक्कर लगा रहे हैं.
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साहब हम दिव्यांग है और हमारी जमीन की पैमाइश हल्का लेखपाल नहीं कर रहे हैं, जिससें बहुत परेशान हो रही है. इतना ही नहीं उसने आगे बताया कि हल्का लेखपाल पैमाइश करने के लिए पैसा भी मांग रहे हैं. हम गरीब व्यक्ति कहा से पैसा लेकर आए.
हालांकि, जब संपूर्ण समाधान दिवस के प्रभारी अधिकारी सीडीओ राजेश कुमार प्रजापति से बात की गई तो उन्होंने ने बताया कि दिव्यांगों का प्रार्थना पत्र तत्काल लिए जाएंगे और संपूर्ण समाधान दिवस में आने वाले किसी भी पीड़ित दिव्यांगों को ज्यादा देर इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
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