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फर्जी हस्ताक्षर मामला: जिला पंचायत सदस्यों ने की कार्रवाई की मांग - जिला पंचायत अध्यक्ष

बस्ती में भाजपा ने आरोप लगाया है कि वर्तमान बीजेपी अध्यक्ष के खिलाफ शिकायत पत्र में फर्जी दस्तखत किए हैं. भाजपा का कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ फर्जी दस्तखत के आधार पर सपा के जिला पंचायत सदस्यों ने कमिश्नर से शिकायत की थी. मगर अब वही जिला पंचायत सदस्य जिनके हस्ताक्षर शिकायतनामे में दर्ज हैं, सभी सदस्य अध्यक्ष के साथ खड़े नजर आ रहे हैं.

बीजेपी का पलटवार
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Published : Dec 20, 2021, 10:16 AM IST

Updated : Dec 20, 2021, 10:44 AM IST

बस्ती: उत्तर प्रदेश में जहां एक तरफ सर्दियों ने दस्तक दे दी है और ठंड बढ़ते जा रही है तो वहीं दूसरी ओर सियासी पार्टियों के नेताओं के भाषण और बयानबाजियों से सियासी पारा बढ़ता जा रहा है. प्रदेश में भले ही चुनावों की घोषणा अभी होनी बाकी हो लेकिन बस्ती में चुनावी सरगर्मी साफ महसूस की जा सकती है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि प्रदेश में अभी हाल ही में हुए जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में सभी पार्टियों ने सत्ता का सेमीफाइनल समझकर अपना-अपना दांव चला, जहां सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा को समाजवादी पार्टी दमदार टक्कर देती नजर आई थी, लेकिन सत्ता का फायदा उठाते हुए भाजपा ने सभी पार्टियों को धूल चटाते हुए करारी शिकस्त दी.

यहां भाजपा ने होटल व्यवसायी और अपने पुराने कार्यकर्ता संजय चौधरी पर दांव लगाया था तो वहीं ईंट भठ्ठा व्यवसायी वीरेंद्र चौधरी पर समाजवादी पार्टी ने अपना दांव खेला. जिले की नम्बर वन की कुर्सी पर काबिज होने के लिए शुरू हुए चुनावी दंगल मे सपा और भाजपा ने जमकर अपना अपना दांव लगाया, लेकिन लाख जतन के बावजूद सपा के खेमे में निराशा ही हाथ लगी. भाजपा समर्थित उम्मीदवार संजय चौधरी को 43 वोटों में 39 वोट मिले और उन्होंने एकतरफा जीत दर्ज की. तो वहीं सपा समर्थित उम्मीदवार वीरेंद्र चौधरी को महज 4 वोटों से सन्तोष करना पड़ा.

सदस्यों ने कार्रवाई को लेकर उठाई आवाज
बहरहाल, बीजेपी कैंडिडेट संजय चौधरी की ढोल नगाड़ों की गूंज के साथ ताजपोशी हुई. संजय अध्यक्ष पद की कुर्सी पर काबिज हुए, ताजपोशी के अभी कुछ ही दिन ही बीते थे कि कुछ जिला पंचायत सदस्य अपने साथ अनदेखी होता देख अध्यक्ष संजय चौधरी के विरोध में आ गए. फिर क्या था विरोधी सुगबुगाहट को देखते हुए विपक्ष में बैठे सपा को मौका मिल गया उसने मौके की नजाकत को देखते हुए सभी को इकट्टा कर वीरेंद्र चौधरी के नेतृत्व में सदस्यों का प्रतिनिधि मंडल कमिश्नर से मिलकर अपनी आप बीती सुनाई और आरोप लगाया कि जिला पंचायत अध्यक्ष टेंडर प्रक्रिया में अनिमितता बरत रहे हैं, जिससे उनके वार्डों का विकास रुक गया है.

यह भी पढ़ें- योगी सरकार का बड़ा आदेश, छह महीने के लिए यूपी में लगाया एस्मा एक्ट

इस पूरे घटनाक्रम में संजय चौधरी ने अपने कुछ सदस्यों के साथ प्रेस कांफ्रेंस की और बताया कि मुझसे कोई भी सदस्य नाराज नहीं है, बल्कि सारे सदस्य मेरे साथ हैं, न ही टेंडर प्रक्रिया में कोई अनिमितता की गई है. जो भी कार्य योजना आई है उसका पारदर्शी तरीके से टेंडर कराकर क्षेत्र का विकास कराया जा रहा है. विपक्ष के आरोपों का खण्डन करते हुए संजय चौधरी ने बताया कि ये विरोधियों की चाल है, जिन जिला पंचायत सदस्यों की हस्ताक्षर की लिस्ट मंडलायुक्त को दी गई थी, वो सारे दस्तखत फर्जी हैं. मैं स्वयं मंडलायुक्त से मिलकर इस पूरे फर्जीवाड़े की शिकायत करूंगा और उनसे इस पूरे फर्जीवाड़े पर FIR दर्ज कराने के लिए आग्रह भी करूंगा.

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बस्ती: उत्तर प्रदेश में जहां एक तरफ सर्दियों ने दस्तक दे दी है और ठंड बढ़ते जा रही है तो वहीं दूसरी ओर सियासी पार्टियों के नेताओं के भाषण और बयानबाजियों से सियासी पारा बढ़ता जा रहा है. प्रदेश में भले ही चुनावों की घोषणा अभी होनी बाकी हो लेकिन बस्ती में चुनावी सरगर्मी साफ महसूस की जा सकती है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि प्रदेश में अभी हाल ही में हुए जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में सभी पार्टियों ने सत्ता का सेमीफाइनल समझकर अपना-अपना दांव चला, जहां सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा को समाजवादी पार्टी दमदार टक्कर देती नजर आई थी, लेकिन सत्ता का फायदा उठाते हुए भाजपा ने सभी पार्टियों को धूल चटाते हुए करारी शिकस्त दी.

यहां भाजपा ने होटल व्यवसायी और अपने पुराने कार्यकर्ता संजय चौधरी पर दांव लगाया था तो वहीं ईंट भठ्ठा व्यवसायी वीरेंद्र चौधरी पर समाजवादी पार्टी ने अपना दांव खेला. जिले की नम्बर वन की कुर्सी पर काबिज होने के लिए शुरू हुए चुनावी दंगल मे सपा और भाजपा ने जमकर अपना अपना दांव लगाया, लेकिन लाख जतन के बावजूद सपा के खेमे में निराशा ही हाथ लगी. भाजपा समर्थित उम्मीदवार संजय चौधरी को 43 वोटों में 39 वोट मिले और उन्होंने एकतरफा जीत दर्ज की. तो वहीं सपा समर्थित उम्मीदवार वीरेंद्र चौधरी को महज 4 वोटों से सन्तोष करना पड़ा.

सदस्यों ने कार्रवाई को लेकर उठाई आवाज
बहरहाल, बीजेपी कैंडिडेट संजय चौधरी की ढोल नगाड़ों की गूंज के साथ ताजपोशी हुई. संजय अध्यक्ष पद की कुर्सी पर काबिज हुए, ताजपोशी के अभी कुछ ही दिन ही बीते थे कि कुछ जिला पंचायत सदस्य अपने साथ अनदेखी होता देख अध्यक्ष संजय चौधरी के विरोध में आ गए. फिर क्या था विरोधी सुगबुगाहट को देखते हुए विपक्ष में बैठे सपा को मौका मिल गया उसने मौके की नजाकत को देखते हुए सभी को इकट्टा कर वीरेंद्र चौधरी के नेतृत्व में सदस्यों का प्रतिनिधि मंडल कमिश्नर से मिलकर अपनी आप बीती सुनाई और आरोप लगाया कि जिला पंचायत अध्यक्ष टेंडर प्रक्रिया में अनिमितता बरत रहे हैं, जिससे उनके वार्डों का विकास रुक गया है.

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इस पूरे घटनाक्रम में संजय चौधरी ने अपने कुछ सदस्यों के साथ प्रेस कांफ्रेंस की और बताया कि मुझसे कोई भी सदस्य नाराज नहीं है, बल्कि सारे सदस्य मेरे साथ हैं, न ही टेंडर प्रक्रिया में कोई अनिमितता की गई है. जो भी कार्य योजना आई है उसका पारदर्शी तरीके से टेंडर कराकर क्षेत्र का विकास कराया जा रहा है. विपक्ष के आरोपों का खण्डन करते हुए संजय चौधरी ने बताया कि ये विरोधियों की चाल है, जिन जिला पंचायत सदस्यों की हस्ताक्षर की लिस्ट मंडलायुक्त को दी गई थी, वो सारे दस्तखत फर्जी हैं. मैं स्वयं मंडलायुक्त से मिलकर इस पूरे फर्जीवाड़े की शिकायत करूंगा और उनसे इस पूरे फर्जीवाड़े पर FIR दर्ज कराने के लिए आग्रह भी करूंगा.

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Last Updated : Dec 20, 2021, 10:44 AM IST
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