बस्ती: पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाने के लिए सरकार ने कर्मचारियों व अधिकारियों को सख्त निर्देश दे रखा है ताकि महिलाओं को न्याय के लिए अधिकारियों का चक्कर न काटना पड़े, लेकिन सरकार के इस आदेश का पालन विकासखण्ड रूधौली (Block Rudhauli) के अधिकारी व कर्मचारी नहीं कर रहे हैं. यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि जिलाधिकारी से मिलने आई एक 55 वर्षीय बुजुर्ग महिला विन्ध्यवासिनी का कहना है.
शिकायतकर्ता विन्ध्यवासिनी ने बताया कि मैंने अपने पिता के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए बीडीओ रूधौली व उपजिलाधिकारी रूधौली को एक बार नहीं, कई बार शिकायत पत्र दे चुकी हूं और न्याय की गुहार लगा चुकी हूं कि मेरे ही गांव के एक दबंग व्यक्ति ने ब्लॉक के कुछ कर्मचारियों को मिलाकर फर्जीवाड़ा कर मेरे पिता का मृत्यु प्रमाण बनवा लिया है, जो पूर्ण रूप से गलत है. जब मुझे जानकारी हुई तो मैंने ब्लॉक पर इसकी शिकायत की, कि हमारे मृतक पिता के मौत की तिथि मे हेराफेरी की गई है. इसकी जांच करवा कर हमें मृत्यु प्रमाणपत्र निर्गत करवाने की कृपा करें, लेकिन आज तक हमें अपने पिता का मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं मिल पाया. इसलिए मैंने जिलाधिकारी को शिकायत पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है, जिससे फर्जी तरीके से जारी मृत्यु प्रमाणपत्र की जांच पड़ताल हो जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, ताकि मुझे न्याय मिल सके.
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शिकायतकर्ता विन्ध्यवासिनी ने बताया कि वि.ख रूधौली के ग्राम पंचायत केरौना के रामफेर ने ब्लॉक के कर्मचारियों व अधिकारियों को मिला कर फर्जी मृत्यु तिथि में मृत्यु प्रमाणपत्र संख्या 554198000624 जारी करा लिया, जबकि मेरे पिता की मृत्यु 1993 में हुई थी. मृत्यु प्रमाणपत्र विगत महीनों में फर्जी तरीके से उनकी सम्पत्ति हड़पने के लिए जारी किया गया, जिसकी जांच उपजिलाधिकारी रूधौली ने किया, लेकिन अभी तक फर्जी प्रमाणपत्र को निरस्त नहीं किया गया. इसलिए मैंने जिलाधिकारी से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है और उच्च स्तरीय जांच के लिए निवेदन किया है.
जिलाधिकारी ने जांच के दिए आदेश
जिलाधिकारी बस्ती ने इस प्रकरण को संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं. अब देखना यह है कि इस बुजुर्ग महिला को न्याय कब तक मिलता है और अपने ही पिता का मृत्यु प्रमाणपत्र कब प्राप्त होता है.