बस्ती: जिले में विकास के दुश्मन अफसरों की सरपरस्ती में लाखों रुपये बर्बाद हो गए और जिम्मेदार लकीर पीटते रहे. शिकायत हुई, जांच की गई और अब घोटालेबाजों से वसूली करने में भी अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं. बस्ती जिले के कुदरहा विकास क्षेत्र के गायघाट में जिला पंचायत व विधायक निधि से इंटरलॉकिंग संपर्क मार्ग के निर्माण को ग्राम पंचायत का काम बताकर राज्य वित्त से भुगतान कराने के मामले में तत्कालीन प्रधान, जेई व ग्राम पंचायत सचिव दोषी पाए गए हैं. इनसे 4,48,427 रुपये की वसूली का 16 सितंबर 2021 को ही आदेश हो चुका है मगर फाइल ठंडे बस्ते में डाल दी गई. इसके अलावा विभागीय कार्रवाई भी प्रस्तावित की गई है जिस पर आज तक अमल नहीं हो सका.
गायघाट के गुड्डू उर्फ रामकृपाल मद्धेशिया ने सीडीओ को शपथ पत्र पर तथ्यों के साथ शिकायत की थी कि जिला पंचायत की ओर से गायघाट में 2017-18 में 215 मीटर इंटरलॉकिंग मार्ग का निर्माण कराया गया था. इसके पूर्व 2015-16 में विधायक निधि से गायघाट कस्बे में 150 मीटर इंटरलॉकिंग सड़क बनवाई गई थी. आरोप लगाया कि वर्ष 2019 में इसी मार्ग पर बिना कोई कार्य कराए पूर्व प्रधान द्वारा फर्जी भुगतान करा लिया गया. इन दोनों मार्ग पर ग्राम पंचायत की ओर से कोई कार्य नहीं कराया गया.
एडीएम अभय मिश्रा ने इस मामले को लेकर बताया कि इस प्रकरण की जांच हो चुकी है. दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई प्रचलित है. घोटाले में शामिल 2 ग्राम पंचायत सेक्रेटरी और तात्कालिक प्रधान से सरकारी धन की वसूली की जानी है. मामले में सीडीओ ने पीडी व एई डीआरडीए को जांच सौंपी थी. जांच के बाद पीडी कमलेश कुमार सोनी ने जांच रिपोर्ट सीडीओ को सौंप दी है.
एडीएम ने बताया कि रामजानकी मार्ग से रंगीलाल के घर तक 60 मीटर इंटरलॉकिंग के नाम पर 1,99,200 रुपये व पहलवान के घर से हरिद्वार के घर तक 75 मीटर इंटरलाकिंग के नाम पर ग्राम पंचायत द्वारा बिना काम के भुगतान ले लिया गया है. इन दोनों इंटरलॉकिंग सड़क का निर्माण जिला पंचायत व विधायक निधि से कराया गया था. प्रधान, सचिव व उस समय सड़क की माप करने वाले जेई ने उसी काम को ग्राम पंचायत का काम दिखा राज्य वित्त से 4,48,427 रुपये का फर्जी भुगतान करा लिया. तीनों से इसकी बराबर-बराबर वसूली की नोटिस जारी की गई है.
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