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बस्ती: पंचायत भवन निर्माण में भ्रष्टाचार की जांच में खुली पोल

यूपी के बस्ती जिले में निर्माणाधीन पंचायत भवन में घटिया क्वालिटी के सामानों का उपयोग किए जाने का खुलासा हुआ है. विभाग दोषी प्रधान और सेक्रेटरी सहित अन्य के खिलाफ कार्रवाई करने जा रहा है.

पंचायत भवन निर्माण में भ्रष्ट्राचार की जांच में खुली पोल
पंचायत भवन निर्माण में भ्रष्ट्राचार की जांच में खुली पोल
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Published : Sep 1, 2020, 4:30 PM IST

बस्ती: जिले में बनाए गए पंचायत भवन के निर्माण में बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है. जांच में यह बात सामने आई है कि पंचायत भवन के निर्माण में 12 एमएम के बजाय 8 एमएम का सरिया और पिलर में छह के बजाय चार सरिया लगाया गया है. वहीं दूसरे और तीसरे दर्जे का ईंट का प्रयोग किया जा रहा है. इतना ही नहीं ये सब कमियां डीपीआरओ के सामने जांच के दौरान उजागर हुई हैं. अब विभाग दोषी प्रधान और सेक्रेटरी सहित अन्य के खिलाफ कार्रवाई करने जा रहा है.

जानकारी देते डीपीआरओ

दरअसल, ग्राम पड़री में डीपीआरओ विनय सिंह अनियमितताओं की जांच करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने पाया कि निर्माणाधीन पंचायत भवन में मानक के विपरीत काम किया जा रहा है. इसमें घटिया गुणवत्ता वाले सरिया और ईंट का प्रयोग किया गया है. इसके बाद प्रधान और सेक्रेटरी की नजर शौचालय निर्माण में धन लूटने की रही. जांच में बताया गया है कि पूर्व सेक्रेटरी मायावती और प्रधान ने मिलकर 29 शौचालय का लगभग साढ़े तीन लाख का बंदरबांट कर लिया.


शौचालय का निर्माण करने के लिए किसी फर्म को ठेका दिया गया था. स्टॉक बुक चार्ज में दिया ही नहीं गया. इसमें वर्तमान सेक्रेटरी को भी अधिकारियों को गुमराह करने का दोषी माना गया है. पूरे ग्राम पंचायत में ग्राम निधि प्रथम से वित्तीय वर्ष 2020-21 में अब तक एक ही काम कराया गया. वह भी कमाई खाने वाला खड़ंजा का काम कराया, जबकि आदेश है कि सबसे पहले विद्यालयों में कायाकल्प का काम किया जाए.

वहीं डीपीआरओ विनय कुमार सिंह ने बताया की जांच में पंचायत भवन के निर्माण कार्य में कमियां पाई गई थीं, जिसको लेकर निर्देश दिया गया है कि अब तक हुए काम को छोड़कर मूल्यांकन किया जाए. साथ ही ग्राम पंचायत से स्पष्टीकरण मांगा गया है कि निर्माण में इतनी अनियमितता कैसे कर दी गयी. डीपीआरओ ने कहा कि मामले की जांच कर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.

बस्ती: जिले में बनाए गए पंचायत भवन के निर्माण में बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है. जांच में यह बात सामने आई है कि पंचायत भवन के निर्माण में 12 एमएम के बजाय 8 एमएम का सरिया और पिलर में छह के बजाय चार सरिया लगाया गया है. वहीं दूसरे और तीसरे दर्जे का ईंट का प्रयोग किया जा रहा है. इतना ही नहीं ये सब कमियां डीपीआरओ के सामने जांच के दौरान उजागर हुई हैं. अब विभाग दोषी प्रधान और सेक्रेटरी सहित अन्य के खिलाफ कार्रवाई करने जा रहा है.

जानकारी देते डीपीआरओ

दरअसल, ग्राम पड़री में डीपीआरओ विनय सिंह अनियमितताओं की जांच करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने पाया कि निर्माणाधीन पंचायत भवन में मानक के विपरीत काम किया जा रहा है. इसमें घटिया गुणवत्ता वाले सरिया और ईंट का प्रयोग किया गया है. इसके बाद प्रधान और सेक्रेटरी की नजर शौचालय निर्माण में धन लूटने की रही. जांच में बताया गया है कि पूर्व सेक्रेटरी मायावती और प्रधान ने मिलकर 29 शौचालय का लगभग साढ़े तीन लाख का बंदरबांट कर लिया.


शौचालय का निर्माण करने के लिए किसी फर्म को ठेका दिया गया था. स्टॉक बुक चार्ज में दिया ही नहीं गया. इसमें वर्तमान सेक्रेटरी को भी अधिकारियों को गुमराह करने का दोषी माना गया है. पूरे ग्राम पंचायत में ग्राम निधि प्रथम से वित्तीय वर्ष 2020-21 में अब तक एक ही काम कराया गया. वह भी कमाई खाने वाला खड़ंजा का काम कराया, जबकि आदेश है कि सबसे पहले विद्यालयों में कायाकल्प का काम किया जाए.

वहीं डीपीआरओ विनय कुमार सिंह ने बताया की जांच में पंचायत भवन के निर्माण कार्य में कमियां पाई गई थीं, जिसको लेकर निर्देश दिया गया है कि अब तक हुए काम को छोड़कर मूल्यांकन किया जाए. साथ ही ग्राम पंचायत से स्पष्टीकरण मांगा गया है कि निर्माण में इतनी अनियमितता कैसे कर दी गयी. डीपीआरओ ने कहा कि मामले की जांच कर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.

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