ETV Bharat / state

Basti News: ना रास्ता, ना ग्रामीणों का कोई वास्ता, मगर शौचालय सरकार का

बस्ती जिले में सामुदायिक शौचालयों की हालत बहुत बुरी है. कहीं शौचालय जर्जर पड़े हैं तो कहीं अधूड़े पड़े हैं. वहीं, कुदरहा ब्लॉक के एक गांव में पूर्व प्रधान ने सामुदायिक शौचालय सार्वजनिक स्थल पर न बनवाकर अपने घर में ही बनवा लिया.

बस्ती
बस्ती
author img

By

Published : Jan 31, 2023, 10:22 AM IST

Updated : Jan 31, 2023, 10:46 AM IST

बस्ती जिले में सामुदायिक शौचालयों की हालत

बस्ती: जनपद में सरकार के खर्चे पर बनाए जा रहे शौचालय की स्थिति सिर्फ बस्ती ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लोगों ने देखी थी कि किस तरीके से एक-एक टॉयलेट रूम में दो-दो सीटें लगा दी गई. बावजूद इसके अभी भी जनपद के अधिकारी सुधर नहीं रहे और सामुदायिक शौचालयों की हालत आज भी बद से बदतर है.

कहीं सामुदायिक शौचालय शोपीस बनकर खड़े हैं तो कहीं जर्जर हालत में हैं तो कहीं अधूरे पड़े हैं. कुल मिलाकर आलम यह है कि सरकारी धन का जिम्मेदारों ने जमकर बंदरबांट किया और जिसका लाभ गांव की जनता को मिलना चाहिए था, वह मनसा आज तक पूरी नहीं हो पाई. एक और अजूबे शौचालय की तस्वीर सामने आई है. जहां जाने के लिए ना कोई रास्ता है और ना ही ग्रामीणों का इससे कोई वास्ता है. बावजूद इस सामुदायिक शौचालय को हजारों रुपये खर्च करके बनाया गया है.

कुदरहा ब्लॉक के माधवपुर गांव में पूर्व प्रधान रामदीन ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसके बारे में किसी को अंदाजा भी नहीं था. दरअसल, पूर्व प्रधान रामदीन ने सामुदायिक शौचालय का निर्माण सार्वजनिक स्थल पर कराने के बजाय अपने ही घर के परिसर में करवा दिया, जिसका उपयोग अब वह स्वयं कर रहे हैं. वैसे तो अब वह प्रधान नहीं रह गए हैं. लेकिन, सरकारी खर्चे से बने सामुदायिक शौचालय का लाभ उन्हें भरपूर मिल रहा है.

आलम यह है कि इस गांव के लोगों को यह तक नहीं पता कि आज तक उनके गांव में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कहां हुआ है. लोगों का कहना है कि पूर्व प्रधान ने अपने ही घर के अंदर सामुदायिक शौचालय बनवा लिया, जहां जाने के लिए ना तो कोई रास्ता है और ना ही ग्रामीण उस शौचालय से कोई मतलब रखते हैं. अगर कोई इस शौचालय का प्रयोग करना भी चाहे तो उसे प्रधान के घर के अंदर घुसना पड़ेगा और अगर कोई भाई यह जुर्रत कर भी लेता है तो प्रधान उसके ऊपर टूट पड़ते हैं. बहरहाल, ग्रामीणों ने अब पूर्व प्रधान के इस कारनामे से समझौता करते हुए माधवपुर के इस सामुदायिक शौचालय से हाय तौबा भी कर लिया है.

इस पूरे मामले को लेकर मुख्य विकास अधिकारी राजेश प्रजापति ने बताया कि उनके संज्ञान में आया है कि माधवपुर गांव में बना सामुदायिक शौचालय पूर्व प्रधान ने अपने घर के अंदर ही बनवा लिया है और वह सरकारी जमीन पर बना है. इसकी जानकारी के लिए एसडीएम को पत्र लिखा गया है और जिला पंचायत राज अधिकारी से पूरे प्रकरण की जांच भी करवाई जा रही है. दोषी मिलने पर सरकारी जमीन पर बने सामुदायिक शौचालय को खाली भी करवाया जाएगा और पूर्व प्रधान से सरकारी धन की रिकवरी भी कराई जाएगी.

यह भी पढ़ें: Gorakhpur News : नेपाल से लाई जा रहीं शालिग्राम शिलाओं का पूजन कर विदाई करेंगे सीएम योगी आदित्यनाथ



बस्ती जिले में सामुदायिक शौचालयों की हालत

बस्ती: जनपद में सरकार के खर्चे पर बनाए जा रहे शौचालय की स्थिति सिर्फ बस्ती ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लोगों ने देखी थी कि किस तरीके से एक-एक टॉयलेट रूम में दो-दो सीटें लगा दी गई. बावजूद इसके अभी भी जनपद के अधिकारी सुधर नहीं रहे और सामुदायिक शौचालयों की हालत आज भी बद से बदतर है.

कहीं सामुदायिक शौचालय शोपीस बनकर खड़े हैं तो कहीं जर्जर हालत में हैं तो कहीं अधूरे पड़े हैं. कुल मिलाकर आलम यह है कि सरकारी धन का जिम्मेदारों ने जमकर बंदरबांट किया और जिसका लाभ गांव की जनता को मिलना चाहिए था, वह मनसा आज तक पूरी नहीं हो पाई. एक और अजूबे शौचालय की तस्वीर सामने आई है. जहां जाने के लिए ना कोई रास्ता है और ना ही ग्रामीणों का इससे कोई वास्ता है. बावजूद इस सामुदायिक शौचालय को हजारों रुपये खर्च करके बनाया गया है.

कुदरहा ब्लॉक के माधवपुर गांव में पूर्व प्रधान रामदीन ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसके बारे में किसी को अंदाजा भी नहीं था. दरअसल, पूर्व प्रधान रामदीन ने सामुदायिक शौचालय का निर्माण सार्वजनिक स्थल पर कराने के बजाय अपने ही घर के परिसर में करवा दिया, जिसका उपयोग अब वह स्वयं कर रहे हैं. वैसे तो अब वह प्रधान नहीं रह गए हैं. लेकिन, सरकारी खर्चे से बने सामुदायिक शौचालय का लाभ उन्हें भरपूर मिल रहा है.

आलम यह है कि इस गांव के लोगों को यह तक नहीं पता कि आज तक उनके गांव में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कहां हुआ है. लोगों का कहना है कि पूर्व प्रधान ने अपने ही घर के अंदर सामुदायिक शौचालय बनवा लिया, जहां जाने के लिए ना तो कोई रास्ता है और ना ही ग्रामीण उस शौचालय से कोई मतलब रखते हैं. अगर कोई इस शौचालय का प्रयोग करना भी चाहे तो उसे प्रधान के घर के अंदर घुसना पड़ेगा और अगर कोई भाई यह जुर्रत कर भी लेता है तो प्रधान उसके ऊपर टूट पड़ते हैं. बहरहाल, ग्रामीणों ने अब पूर्व प्रधान के इस कारनामे से समझौता करते हुए माधवपुर के इस सामुदायिक शौचालय से हाय तौबा भी कर लिया है.

इस पूरे मामले को लेकर मुख्य विकास अधिकारी राजेश प्रजापति ने बताया कि उनके संज्ञान में आया है कि माधवपुर गांव में बना सामुदायिक शौचालय पूर्व प्रधान ने अपने घर के अंदर ही बनवा लिया है और वह सरकारी जमीन पर बना है. इसकी जानकारी के लिए एसडीएम को पत्र लिखा गया है और जिला पंचायत राज अधिकारी से पूरे प्रकरण की जांच भी करवाई जा रही है. दोषी मिलने पर सरकारी जमीन पर बने सामुदायिक शौचालय को खाली भी करवाया जाएगा और पूर्व प्रधान से सरकारी धन की रिकवरी भी कराई जाएगी.

यह भी पढ़ें: Gorakhpur News : नेपाल से लाई जा रहीं शालिग्राम शिलाओं का पूजन कर विदाई करेंगे सीएम योगी आदित्यनाथ



Last Updated : Jan 31, 2023, 10:46 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.