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बस्ती के नवागत डीएम आंद्रा वामसी के सीएम योगी भी हैं मुरीद, कार्यशैली से रहते हैं सुर्खियों में - डीएम आंद्रा वामसी

बस्ती के नवागत डीएम आंद्रा वामसी (CM Yogi favorite Andra Vamsi) ने कार्यभार संभाल लिया है. वह अपनी कार्यशैली से हमेशा चर्चाओं में रहते हैं. जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करते हैं.

डीएम आंद्रा वामसी ने संभाला चार्ज.
डीएम आंद्रा वामसी ने संभाला चार्ज.
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 8, 2023, 4:00 PM IST

डीएम आंद्रा वामसी ने संभाला चार्ज.

बस्ती : जिले के नवागत डीएम आंद्रा वामसी ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है. नगर पालिका के गौशाला में पहुंचकर गौ माता की पूजा के साथ नए शहर में उन्होंने ड्यूटी की शुरुआत की. पहले भी कई डीएम जिले में आ चुके हैं, लेकिन आंद्रा वामसी का आना खास माना जा रहा है. सीएम योगी भी वामसी के मुरीद हैं. वामसी जिस भी जिले के डीएम रहे हैं, वहां उन्होंने जन सुविधाओं के लिए कई बेहतर कार्य किए. ऐसे में जिले के लोगों की भी उनसे काफी उम्मीदे हैं.

गौ माता की पूजा से की दिन की शुरुआत : तमाम अटकलों और प्रयासों के बाद आखिरकार बस्ती जनपद को नया जिला अधिकारी मिल ही गया. तेज तर्रार व ईमानदार छवि के आईएएस अधिकारी आंद्रा वामसी ने बस्ती जनपद का चार्ज ले लिया. चार्ज लेने बाद सबसे पहले वह नगर पालिका की गौशाला में गौ माता की पूजा की. उन्होंने सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट गौशाला का निरीक्षण किया. आंद्रा वामसी जिस भी जिले में रहे हैं, वे अपने कार्य करने के तौर-तरीके से आम जनता में अमिट छाप छोड़ चुके हैं. सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ-साथ खुद धरातल पर उतरकर कार्य करने का उनका जज्बा उन्हें अन्य आईएएस अधिकारियों से अलग करता है. यही वजह है कि वह सीएम योगी के गुड लिस्ट में बने रहते हैं.

गौशाला में की गौमाता की पूजा.
गौशाला में की गौमाता की पूजा.

बचपन से ही था जनता की सेवा का जज्बा : आंद्रा वामसी कई जिलों में सीडीओ रहने के बाद कुशीनगर और झांसी जिले में डीएम रह चुके हैं. उनकी छवि बेहद कड़क है. वह ऑन स्पॉट फैसला लेने के अलावा कुशल नेतृत्व क्षमता के लिए भी जाने जाते हैं. आंद्रा वामसी ने पहले ही अटेम्प्ट में यूपीएससी पास की. मूल रूप से वह आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं. उनकी प्राथमिक शिक्षा दीक्षा वहीं पर हुई. बचपन से ही पढ़ने में होनहार आंद्रा वामसी के दिल में देश के लिए कुछ करने की चाहत थी. वे अफसर बनकर गरीब-शोषित और समाज से वंचित लोगों की आवाज बनना चाहते थे. आंद्रा वामसी ने वर्ष 2006 में हैदराबाद के स्टेट यूनिवर्सिटी के जवाहर लाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज से कंप्यूटर साइंस से बीटेक की पढ़ाई की. मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम किया. सन 2008 में इनकम टैक्स विभाग में बतौर असिस्टेंट कमिश्नर ज्वॉइन किया. वर्ष 2011 में देश की सबसे बड़ी परीक्षा यूपीएससी पास करके वह आईएएस बन गए.

कार्यशैली से रहते हैं चर्चाओं में.
कार्यशैली से रहते हैं चर्चाओं में.

जनता तक योजनाएं पहुंचाना मकसद : आईएएस आंद्रा वामसी लखनऊ में कौशल विकास मिशन के डायरेक्टर पद पर काम कर रहे थे. अचानक से उन्हें बस्ती का डीएम बनाकर भेज दिया गया. ज्वाइन करने बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि अभी तो मैंने ज्वॉइन किया है. अब लोगों से संपर्क बनेगा. जनता की जो भी समस्याएं होंगी उनका प्राथमिकता से समाधान किया जाएगा. सरकार की जो भी लाभकारी योजनाएं हैं, उनको जन-जन तक पहुंचाया जाएगा. विकास के कार्य, राजस्व के काम आदि सभी में बेहतर किया जाएगा.

यह भी पढ़ें : कौशल विकास मिशन के तहत अब कई नए क्षेत्रों में भी दिया जा रहा रोजगारपरक प्रशिक्षण

गांव में निरीक्षण करने पहुंची यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, जमीन पर योजनाओं का देखा हाल

डीएम आंद्रा वामसी ने संभाला चार्ज.

बस्ती : जिले के नवागत डीएम आंद्रा वामसी ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है. नगर पालिका के गौशाला में पहुंचकर गौ माता की पूजा के साथ नए शहर में उन्होंने ड्यूटी की शुरुआत की. पहले भी कई डीएम जिले में आ चुके हैं, लेकिन आंद्रा वामसी का आना खास माना जा रहा है. सीएम योगी भी वामसी के मुरीद हैं. वामसी जिस भी जिले के डीएम रहे हैं, वहां उन्होंने जन सुविधाओं के लिए कई बेहतर कार्य किए. ऐसे में जिले के लोगों की भी उनसे काफी उम्मीदे हैं.

गौ माता की पूजा से की दिन की शुरुआत : तमाम अटकलों और प्रयासों के बाद आखिरकार बस्ती जनपद को नया जिला अधिकारी मिल ही गया. तेज तर्रार व ईमानदार छवि के आईएएस अधिकारी आंद्रा वामसी ने बस्ती जनपद का चार्ज ले लिया. चार्ज लेने बाद सबसे पहले वह नगर पालिका की गौशाला में गौ माता की पूजा की. उन्होंने सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट गौशाला का निरीक्षण किया. आंद्रा वामसी जिस भी जिले में रहे हैं, वे अपने कार्य करने के तौर-तरीके से आम जनता में अमिट छाप छोड़ चुके हैं. सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ-साथ खुद धरातल पर उतरकर कार्य करने का उनका जज्बा उन्हें अन्य आईएएस अधिकारियों से अलग करता है. यही वजह है कि वह सीएम योगी के गुड लिस्ट में बने रहते हैं.

गौशाला में की गौमाता की पूजा.
गौशाला में की गौमाता की पूजा.

बचपन से ही था जनता की सेवा का जज्बा : आंद्रा वामसी कई जिलों में सीडीओ रहने के बाद कुशीनगर और झांसी जिले में डीएम रह चुके हैं. उनकी छवि बेहद कड़क है. वह ऑन स्पॉट फैसला लेने के अलावा कुशल नेतृत्व क्षमता के लिए भी जाने जाते हैं. आंद्रा वामसी ने पहले ही अटेम्प्ट में यूपीएससी पास की. मूल रूप से वह आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं. उनकी प्राथमिक शिक्षा दीक्षा वहीं पर हुई. बचपन से ही पढ़ने में होनहार आंद्रा वामसी के दिल में देश के लिए कुछ करने की चाहत थी. वे अफसर बनकर गरीब-शोषित और समाज से वंचित लोगों की आवाज बनना चाहते थे. आंद्रा वामसी ने वर्ष 2006 में हैदराबाद के स्टेट यूनिवर्सिटी के जवाहर लाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज से कंप्यूटर साइंस से बीटेक की पढ़ाई की. मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम किया. सन 2008 में इनकम टैक्स विभाग में बतौर असिस्टेंट कमिश्नर ज्वॉइन किया. वर्ष 2011 में देश की सबसे बड़ी परीक्षा यूपीएससी पास करके वह आईएएस बन गए.

कार्यशैली से रहते हैं चर्चाओं में.
कार्यशैली से रहते हैं चर्चाओं में.

जनता तक योजनाएं पहुंचाना मकसद : आईएएस आंद्रा वामसी लखनऊ में कौशल विकास मिशन के डायरेक्टर पद पर काम कर रहे थे. अचानक से उन्हें बस्ती का डीएम बनाकर भेज दिया गया. ज्वाइन करने बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि अभी तो मैंने ज्वॉइन किया है. अब लोगों से संपर्क बनेगा. जनता की जो भी समस्याएं होंगी उनका प्राथमिकता से समाधान किया जाएगा. सरकार की जो भी लाभकारी योजनाएं हैं, उनको जन-जन तक पहुंचाया जाएगा. विकास के कार्य, राजस्व के काम आदि सभी में बेहतर किया जाएगा.

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