बस्ती: हर साल सरयू नदी की बाढ़ से सैंकड़ों गरीब परिवार पानी के चलते अपने घरों से विस्थापित होने को मजबूर होते हैं. कई दिनों तक उन्हें बंधे पर आकर शरण लेना पड़ता है. खाने तक की दिक्कत पैदा हो जाती है. इतना ही नहीं, बाढ़ पीड़ितो के घर सरयू के पानी में विलीन हो जाते हैं, उनके खेत भी बर्बाद हो जाते हैं. इसके बाद महीनों तक उन्हें अपनी बिखरी हुई जिंदगी को फिर से पटरी पर लाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है.
सरयू नदी की बाढ़ से भारी तबाही देखने को मिलती है. हजारों परिवार सरयू के बाढ़ से प्रभावित होते हैं. इस बार भी सरयू के जल में धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी शुरू हो गई है. इसको लेकर जिला प्रशासन ने भी कमर कस ली है. बाढ़ चौकियों को अलर्ट पर रखा गया है. हर हाल में बंधे को बचाने के लिए बाढ़ विभाग पानी की तरह पैसा बहा रहा है.
सरयू नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने से अति संवेदनशील तटबंध कटारिया चांदपुर गौरा सैफाबाद तटबंध के ऊपर दबाव बढ़ना शुरू हो गया है. हालांकि, नदी का जलस्तर खतरे के निशान से अभी नीचे है. नदी का जलस्तर बढ़ने से तटबंध और नदी के बीच लगी परवल की खेती में पानी भरना शुरू हो गया है. इससे किसानों का काफी नुकसान हो रहा है.
सरयू नदी जगह-जगह कटान करती हुई तटबंध की तरफ बढ़ रही है. हालांकि, बाढ़ खंड इन तटबंधों की निगरानी में लगा हुआ है. वहीं, किसान ढोंगी नाव के सहारे खेती-किसानी के लिए आने-जाने पर मजबूर हैं. वहीं, एडीएम ने बाढ़ को लेकर कहा है कि प्रशासन पूरी तरह से तैयार है. बाढ़ आने पर हर मुश्किल से निपटने के लिए भी सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं.
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