बस्ती: देश की आजादी के 75 साल पूरे(75 years of independence) हो चुके हैं. आजादी के इस लंबे अर्से के बाद भी बस्ती जनपद में बना लकड़ी का जर्जर पुल किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है. बस्ती जनपद मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर बने इस पुल से हर दिन सैंकड़ों लोग गुजरते हैं.
यह पुल कलवारी थाना क्षेत्र के माझा कला गांव में बना है. इस पुल को कठुआ पुल के नाम से भी जाना जाता है. इस पुल से हर दिन सैंकड़ों लोग पैदल और दो व चार पहिया वाहनों से गुजरते हैं. लगभग 20 साल पहले सरयू नदी की सोती पर माझा कला गांव में कई गांव के आवागमन के लिए PWD विभाग ने इस पुल का निर्माण कराया था. मौजूदा दौर में इस लकड़ी के पुल की हालत जर्जर है, इसके बावजूद स्थानीय लोग हर दिन इससे गुजरते हैं. इस पुल को बनाने के बाद PWD(Public Works Department) इसकी मरम्मत करना भूल गया.
जर्जर हालत में बने इस पुल पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं. पुल से गिरकर कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं, लेकिन फिर भी विभाग के कर्मचारियों की नींद नहीं टूटी. जब इस संबंध में PWD के अधिशासी अभियंता केशवराम से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि विभाग की तरफ से नए पुल के निर्माण के लिए शासन में प्रस्ताव भेजा गया है. जैसे ही शासन से नया पुल बनाने की स्वीकृति मिलेगी, तो पुल का काम चालू कर दिया जाएगा. अधिशासी अभियंता का कहना है कि उन्हें पुल पर रेलिंग न होने की जानकारी नहीं थी. अधिशासी अभियंता केशवराम ने बताया कि जल्द की पुल की रेलिंग का काम पूरा किया जाएगा, पुल की मरम्मत भी कराई जाएगी.
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