बस्ती: कोरोना काल में बिना सुरक्षा संसाधनों के अभाव में आशा बहुओं ने कार्य बहिष्कार का एलान कर दिया है. कोविड संक्रमण के दौरान बिना सुरक्षा संसाधन आशाओं से कार्य लिए जाने को लेकर आशा अधिकार मंच की एक आपात बैठक हुई. इसमें समस्त पदाधिकारियों ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया कि पर्याप्त सुरक्षा किट यदि प्रशासन द्वारा उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो इसके अभाव में हम आशा बहुएं जान जोखिम में डालकर इस कोरोना काल में कार्य नहीं करेंगी.
आशाओं ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि दशकों से हम सभी निष्ठापूर्वक स्वास्थ्य विभाग का कार्य कर रहे हैं, इसके बावजूद आज तक सरकारी नियमित कर्मचारी का दर्जा न देकर केवल स्वास्थ्य श्रमिक माना जा रहा है और न ही हम सबको पर्याप्त पारिश्रमिक ही दिया जा रहा है. इतना ही नहीं, बीते माह एक पखवाड़े तक दस्तक अभियान के तहत निःशुल्क काम कराया गया, जिसमें दो आशाओं को अपनी जान भी गंवानी पड़ी. विगत वर्ष कोविड के दौरान देय राशि 1000 रुपये प्रतिमाह भी नहीं दिया गया और न ही हम सभी आशा बहुओं के लिए 50 लाख बीमा धनराशि ही लागू की गई है. इसलिए जब तक स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पर्याप्त सुरक्षा किट उपलब्ध नहीं कराई जाती है, तब तक हम सभी कोरोना काल में कोई भी सेवा नहीं देगें.
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सुरक्षा किट उपलब्ध कराए सरकार
प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामा ने मीडिया को बताते हुए कहा कि तत्काल पूर्व में देय सुविधाएं बहाल करते हुए कोविड की शिकार आशाओं के परिवार को बीमा राशि उपलब्ध कराते हुए आशाओं को या तो कर्मचारी का दर्जा देते हुए सुनिश्चित मानदेय दिया जाए अथवा न्यूनतम पारिश्रमिक 350 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से न्यूनतम 10 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाय. यदि ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार होगा. वर्तमान में यदि कार्य कराना है तो सुरक्षा किट उपलब्ध कराना होगा. जान जोखिम में डालकर कोई आशा कार्य नहीं करेगी.