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बस्ती: सीएमओ दफ्तर में नियुक्ति घोटाले की फाइल हुई गायब, डीएम ने सीएमओ को किया तलब

बस्ती जिले के स्वास्थ्य विभाग में नियुक्ति घोटाला सामने आने से हड़कंप मच गया है. आरोप लगाया जा रहा है कि नियुक्ति की पत्रावली भी घोटालेबाजों ने गायब कर दी है.

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सीएमओ दफ्तर में नियुक्ति घोटाले की फाइल हुई गायब.
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Published : Jan 23, 2020, 2:34 AM IST

बस्ती: बस्ती के तत्कालीन डीएम अरविंद सिंह का नाम नियुक्ति घोटाले में सामने आने के बाद जिले के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. इस घोटाले की जब जांच शुरू हुई तो नियुक्ति की पत्रावली ही घोटालेबाजों ने गायब कर दी. अब वर्तमान डीएम ने इस बात से नाराज होकर सीएमओ को नियुक्ति से संबंधित सभी फाइलों को प्रेषित करने का सख्त निर्देश जारी किया है.

घोटाले से जुड़ी फाइलें कर दी गई थीं गायब
तत्कालीन डीएम अरविंद सिंह और पूर्व सीएमओ जेएलम कुशवाहा की मिलीभगत से यह घोटाला किया गया है. दोनों अधिकारियों के कार्यकाल के दौरान नियमों से हटकर आउटसोर्सिंग के 28 कर्मियों को संविदाकर्मी बना दिया गया. शिकायत मिलने के बाद वर्तमान डीएम आशुतोष निरंजन ने जांच के निर्देश दिए हैं. इसी क्रम में उन्होंने इससे जुड़ी फाइलें मांगी हैं, लेकिन पत्रावली से जुड़ी फाइलें सीएमओ ऑफिस से गायब कर दी गई हैं.

सीएमओ दफ्तर में नियुक्ति घोटाले की फाइल हुई गायब.

आउट सोर्सिंग के कर्मियों को बनाया गया था संविदाकर्मी
दरअसल, वर्ष 2012 में तैनात आउट सोर्सिंग के 28 कर्मियों को 2017 में संविदाकर्मी बना दिया गया. इसके लिए नियमों का पालन भी नहीं किया गया. शासन का निर्देश है कि संविदाकर्मियों की तैनाती के लिए अखबारों में विज्ञापन निकाला जाएगा. इसमें आउट सोर्सिंग के तैनात कर्मियों को वरीयता के आधार पर मौका दिया जाए.

2017 में हुआ था घोटाला
इसी निर्देश की आड़ में तत्कालीन सीएमओ और जिम्मेदार अधिकारी ने गुपचुप ढंग से शासनादेशों को ताक पर रखकर 14 ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर और 14 ऑपरेटरों को बिना किसी विज्ञापन के ही संविदा पर तैनाती दे दी. वर्ष 2017 में हुई इस तैनाती से तब पर्दा उठा, जब एमएलसी प्रतिनिधि हरीश सिंह ने इसकी शिकायत डीएम आशुतोष निरंजन से की. सीएमओ डॉ. जेपी त्रिपाठी ने कहा कि आउट सोर्सिंग कर्मियों को संविदा में तैनात किए जाने के प्रकरण में डीएम ने अभिलेख तलब किए हैं. जेपी त्रिपाठी ने बताया कि अभिलेखों को एकत्रित कराया जा रहा है. शीघ्र ही इसे जांच के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा.

डा. जेएलएम कुशवाहा पर चल रही है दवा घोटाले की जांच
पूर्व सीएमओ पर दवा घोटाले की जांच अभी चल रही है. घोटाला सामने आने के बाद शासन ने तत्कालीन सीएमओ डॉ. जेएलएम कुशवाहा को गोंडा में वरिष्ठ परामर्शदाता के पद पर तैैनात कर दिया था. जांच वित्त नियंत्रक के पास लंबित है. नियुक्ति से जुड़ी फाइलें गायब होने के सवाल पर सीएमओ ने कहा कि संबंधित बाबू से फाइल मांगी गई है, लेकिन अभी उन्हें मिली नहीं है.
इसे भी पढ़ें:- चंदौली: स्कार्पियो नहर में पलटी, तीन की मौत

बस्ती: बस्ती के तत्कालीन डीएम अरविंद सिंह का नाम नियुक्ति घोटाले में सामने आने के बाद जिले के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. इस घोटाले की जब जांच शुरू हुई तो नियुक्ति की पत्रावली ही घोटालेबाजों ने गायब कर दी. अब वर्तमान डीएम ने इस बात से नाराज होकर सीएमओ को नियुक्ति से संबंधित सभी फाइलों को प्रेषित करने का सख्त निर्देश जारी किया है.

घोटाले से जुड़ी फाइलें कर दी गई थीं गायब
तत्कालीन डीएम अरविंद सिंह और पूर्व सीएमओ जेएलम कुशवाहा की मिलीभगत से यह घोटाला किया गया है. दोनों अधिकारियों के कार्यकाल के दौरान नियमों से हटकर आउटसोर्सिंग के 28 कर्मियों को संविदाकर्मी बना दिया गया. शिकायत मिलने के बाद वर्तमान डीएम आशुतोष निरंजन ने जांच के निर्देश दिए हैं. इसी क्रम में उन्होंने इससे जुड़ी फाइलें मांगी हैं, लेकिन पत्रावली से जुड़ी फाइलें सीएमओ ऑफिस से गायब कर दी गई हैं.

सीएमओ दफ्तर में नियुक्ति घोटाले की फाइल हुई गायब.

आउट सोर्सिंग के कर्मियों को बनाया गया था संविदाकर्मी
दरअसल, वर्ष 2012 में तैनात आउट सोर्सिंग के 28 कर्मियों को 2017 में संविदाकर्मी बना दिया गया. इसके लिए नियमों का पालन भी नहीं किया गया. शासन का निर्देश है कि संविदाकर्मियों की तैनाती के लिए अखबारों में विज्ञापन निकाला जाएगा. इसमें आउट सोर्सिंग के तैनात कर्मियों को वरीयता के आधार पर मौका दिया जाए.

2017 में हुआ था घोटाला
इसी निर्देश की आड़ में तत्कालीन सीएमओ और जिम्मेदार अधिकारी ने गुपचुप ढंग से शासनादेशों को ताक पर रखकर 14 ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर और 14 ऑपरेटरों को बिना किसी विज्ञापन के ही संविदा पर तैनाती दे दी. वर्ष 2017 में हुई इस तैनाती से तब पर्दा उठा, जब एमएलसी प्रतिनिधि हरीश सिंह ने इसकी शिकायत डीएम आशुतोष निरंजन से की. सीएमओ डॉ. जेपी त्रिपाठी ने कहा कि आउट सोर्सिंग कर्मियों को संविदा में तैनात किए जाने के प्रकरण में डीएम ने अभिलेख तलब किए हैं. जेपी त्रिपाठी ने बताया कि अभिलेखों को एकत्रित कराया जा रहा है. शीघ्र ही इसे जांच के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा.

डा. जेएलएम कुशवाहा पर चल रही है दवा घोटाले की जांच
पूर्व सीएमओ पर दवा घोटाले की जांच अभी चल रही है. घोटाला सामने आने के बाद शासन ने तत्कालीन सीएमओ डॉ. जेएलएम कुशवाहा को गोंडा में वरिष्ठ परामर्शदाता के पद पर तैैनात कर दिया था. जांच वित्त नियंत्रक के पास लंबित है. नियुक्ति से जुड़ी फाइलें गायब होने के सवाल पर सीएमओ ने कहा कि संबंधित बाबू से फाइल मांगी गई है, लेकिन अभी उन्हें मिली नहीं है.
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Intro:रिपोर्ट - सतीश श्रीवास्तव
बस्ती यूपी
मो -9889557333

स्लग - स्वास्थ्य विभाग मे नियुक्ति घोटाला 

एंकर -बस्ती के तत्कालीन डीएम अरविंद सिंह का नियुक्ति घोटाला सामने आने के बाद जिले के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है, इस घोटाले की जब जांच शुरू हुई तो नियुक्ति की पत्रावली ही घोटाले बाजों ने गायब कर दी अब वर्तमान डीएम इस बात से नाराज होकर सीएमओ को नियुक्ति से संबंधित सभी फाइलों को प्रेषित करने का सख्त निर्देश जारी किया है। पूर्व डीएम अरविंद सिंह और पूर्व सीएम जेलम कुशवाहा की मिलीभगत से यह घोटाला किया गया है। दोनों अधिकारियों के कार्यकाल के दौरान नियमों से हटकर आउटसोर्सिंग के 28 कर्मियों को संविदा कर्मी बना दिया गया। शिकायत मिलने के बाद वर्तमान डीएम आशुतोष निरंजन ने जांच के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में उन्होंने इससे जुड़ी फाइलें मांगी हैं लेकिन पत्रावली से जुड़ी फाइलें सीएमओ ऑफिस से गायब कर दी गई है।

दरअसल, वर्ष 2012 में तैनात आउट सोर्सिंग के 28 कर्मियों को 2017 में संविदा कर्मी बना दिया गया। इसके लिए नियमों का पालन भी नहीं किया गया। शासन का निर्देश है कि संविदा पर कर्मियों की तैनाती के लिए अखबारों में विज्ञापन निकाला जाएगा। इसमें आउट सोर्सिंग के तैनात कर्मियों को वरीयता के आधार पर मौका दिया जाए।


Body:इसी निर्देश की आड़ में तत्कालीन सीएमओ व जिम्मेदार अधिकारी ने गुपचुप ढंग से शासनादेशों को ताक पर रखकर 14 ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर व 14 आपरेटरों को बिना किसी विज्ञापन के ही संविदा पर तैनाती दे दी। वर्ष 2017 में हुई इस तैनाती से तब पर्दा उठा जब एमएलसी प्रतिनिधि हरीश सिंह ने इसकी शिकायत डीएम आशुतोष निरंजन को की। सीएमओ डा. जेपी त्रिपाठी ने कहा कि आउट सोर्सिंग कर्मियों को संविदा में तैनात किए जाने के प्रकरण में डीएम ने अभिलेख तलब किए हैं। अभिलेखों को एकत्रित कराया जा रहा है। शीघ्र ही इसे जांच के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा।




Conclusion:पूर्व सीएमओ पर दवा घोटाले की जांच अभी चल रही है। घोटाला सामने आने के बाद शासन ने तत्कालीन सीएमओ डा. जेएलएम कुशवाहा को गोंडा में वरिष्ठ परामर्शदाता पद पर तैैनात कर दिया था। जांच वित्त नियंत्रक के पास लंबित है। नियुक्ति से जुड़ी फाइलें गायब होने के सवाल पर सीएमओ ने कहा कि संबंधित बाबू से फाइल मांगी गई है लेकिन अभी उन्हें मिली नहीं है।

बाइट - हरीश सिंह,,, शिकायतकर्ता
बाइट - जेपी त्रिपाठी,,,, सी एम् ओ


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