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बस्ती : आयुष विधि से जानवरों में कोरोना रोकने का प्रयास शुरू - basti news

जानवरों को कोरोना के प्रभाव से बचाने के लिए आयुष विधि का प्रयोग किया जा रहा है. इसके लिए बस्ती जिलाधिकारी ने जागरुकता के लिए एक एलईडी वैन रवाना किया, जो गांव-गांव जाकर लोगों को जागरुक करेगी.

जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने वैन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने वैन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
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Published : Oct 7, 2020, 4:43 AM IST

बस्ती: पूरा देश कोरोना महामारी का दंश झेल रहा है. वहीं जानवरों में भी कोरोना के मामले सामने आए हैं. अब आयुष विधि द्वारा जानवरों को कोरोना से बचाने के लिए जागरुक किया जाएगा. इसके लिए गांव-गांव प्रचार के लिए एलईडी वैन भेजी जाएगी जो एक महीने तक ग्रामीणों को आयुष पद्धति के बारे में बताएगी और इससे होने वाले फायदे के बारे में जागरुक करेगी.

जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने वैन को हरी झंडी दिखाकर कलेक्ट्रेट परिसर से रवाना किया. यूपी राज्य आयुष सोसाइटी लखनऊ की ओर से भेजे गए दो एलईडी आयुष वैन जिले भर में भ्रमण करेगी. इसका मकसद लोगों को आयुष औषधियों के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करना है. डीएम ने कहा कि आयुष औषधियों के फायदे आमजन तक पहुंचे इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है. आयुर्वेदिक, यूनानी व होम्योपैथी दवाओं के इस्तेमाल में प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है. हर आयु वर्ग के लोग इसका सेवन कर सकते हैं. प्रचार-प्रसार के लिए रूट चार्ट बनाने को कहा गया है.

वहीं क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. आरएन यादव ने कहा कि जिले में आयुर्वेदिक के 35 अस्पताल संचालित हैं. ज्यादातर अस्पतालों में चिकित्सकों की तैनाती है. उन्होंने कहा कि ऐसे मर्ज जिसका अन्य पैथी में इलाज न हो पा रहा हो, उसमें से ज्यादातर का इलाज आयुर्वेदिक व यूनानी पद्धति में है. राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय कोर्ट एरिया के प्रभारी डॉ. वीके श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना में आयुर्वेदिक काढ़ा बड़े काम का साबित हुआ है. जब कोरोना की कोई दवा व टीका नहीं है, ऐसे में इसके इस्तेमाल से खुद को बचाया जा सकता है. आयुष-64 टैबलेट के सेवन से भी लोगों में इम्युनिटी बढ़ी है और वे कोरोना से काफी हद तक सुरक्षित रहे हैं.

बस्ती: पूरा देश कोरोना महामारी का दंश झेल रहा है. वहीं जानवरों में भी कोरोना के मामले सामने आए हैं. अब आयुष विधि द्वारा जानवरों को कोरोना से बचाने के लिए जागरुक किया जाएगा. इसके लिए गांव-गांव प्रचार के लिए एलईडी वैन भेजी जाएगी जो एक महीने तक ग्रामीणों को आयुष पद्धति के बारे में बताएगी और इससे होने वाले फायदे के बारे में जागरुक करेगी.

जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने वैन को हरी झंडी दिखाकर कलेक्ट्रेट परिसर से रवाना किया. यूपी राज्य आयुष सोसाइटी लखनऊ की ओर से भेजे गए दो एलईडी आयुष वैन जिले भर में भ्रमण करेगी. इसका मकसद लोगों को आयुष औषधियों के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करना है. डीएम ने कहा कि आयुष औषधियों के फायदे आमजन तक पहुंचे इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है. आयुर्वेदिक, यूनानी व होम्योपैथी दवाओं के इस्तेमाल में प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है. हर आयु वर्ग के लोग इसका सेवन कर सकते हैं. प्रचार-प्रसार के लिए रूट चार्ट बनाने को कहा गया है.

वहीं क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. आरएन यादव ने कहा कि जिले में आयुर्वेदिक के 35 अस्पताल संचालित हैं. ज्यादातर अस्पतालों में चिकित्सकों की तैनाती है. उन्होंने कहा कि ऐसे मर्ज जिसका अन्य पैथी में इलाज न हो पा रहा हो, उसमें से ज्यादातर का इलाज आयुर्वेदिक व यूनानी पद्धति में है. राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय कोर्ट एरिया के प्रभारी डॉ. वीके श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना में आयुर्वेदिक काढ़ा बड़े काम का साबित हुआ है. जब कोरोना की कोई दवा व टीका नहीं है, ऐसे में इसके इस्तेमाल से खुद को बचाया जा सकता है. आयुष-64 टैबलेट के सेवन से भी लोगों में इम्युनिटी बढ़ी है और वे कोरोना से काफी हद तक सुरक्षित रहे हैं.

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