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बस्ती: 1921 में गांधी जी ने हथियागढ़ में की थी जनसभा - बस्ती समाचार

यूपी के बस्ती में गांधी जी की 150वीं जयंती मनाई गई. वर्ष 1921 के दौरान गांधी जी ने जिले के हथियागढ़ में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया था. जनसभा वाली जगह पर अब कुष्ठ आश्रम बन गया है.

गांधी जी के 150 वीं जयंती पर रक्त दान किया गया
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Published : Oct 2, 2019, 11:52 PM IST

बस्ती: देश भर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती धूम-धाम से मनाई गई. गांधी जी से जुड़ा एक प्रसंग बस्ती जनपद का है. दरअसल गांधी जी ने सन 1921 में बस्ती के हथियागढ़ में एक विशाल जनसभा को सम्बोधित किया था.

1921 में गांधी जी ने हथियागढ़ में की थी जनसभा.

बस्ती के हथियागढ़ में हुई थी गांधी जी की जनसभा
वर्ष 1921 के दौर में गांधी जी गोरखपुर प्रवास पर थे. बस्ती और खलीलाबाद में उनकी जनसभा प्रस्तावित थी, लेकिन अंग्रेजों ने उनकी जनसभा पर प्रतिबंध लगा रखा था. उस दौर में स्वतंत्रता सेनानियों के मुकदमे लड़ने वाले बस्ती के बैरिस्टर अंशुमान सिंह ने अपनी गाड़ी से गोरखपुर से गांधी जी और पंडित जवाहरलाल नेहरू को गोपनीय तरीके से बस्ती ले आये थे. इसके बाद बस्ती के हथियागढ़ में गांधी जी की विशाल जनसभा हुई. गांधी जी और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एक दिन बस्ती में प्रवास भी किया था. हालांकि अंशुमान सिंह के परिवार में अब कोई नहीं है न ही उनका मकान है.

इसे भी पढ़ें-बस्ती: अब ग्रामीण किसी भी दुकान से ले सकेंगे राशन, जानिए कैसे

हथियागढ़ में जहां पर महात्मा गांधी ने जनसभा को सम्बोधित किया था. उस जगह पर कुष्ठ आश्रम बना है. साथ ही पॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण चल रहा है. कुष्ठ आश्रम में गांधी जी की 150वीं जयंती धूम-धाम से मनाई गई. जिला प्रशासन ने कुष्ठ रोगियों में कपड़ा, फल और मिठाई वितरित किया. वहीं बड़ी संख्या में लोगों ने रक्तदान किया. वहीं कुष्ठ आश्रम की बात की जाए तो इस समय मात्र एक कुष्ठ रोगी आश्रम में रह रहा है, जिसको पिछले 4 महीने से कोटे का राशन नहीं मिला है. जो लोग कुष्ठ आश्रम में आकर पैसे देते हैं, उसी से खाना-पानी का इंतजाम होता है.

कुष्ठ रोगियों से महात्मा गांधी को बहुत प्रेम था. जब उनके शिष्य आचरेकर को कुष्ठ रोग हो गया था तो महात्मा गांधी जी ने उनकी सेवाकर समाज में एक नई मिशाल पेश की थी.
-कौशल कुमार त्रिपाठी, कार्यक्रम संयोजक

बस्ती: देश भर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती धूम-धाम से मनाई गई. गांधी जी से जुड़ा एक प्रसंग बस्ती जनपद का है. दरअसल गांधी जी ने सन 1921 में बस्ती के हथियागढ़ में एक विशाल जनसभा को सम्बोधित किया था.

1921 में गांधी जी ने हथियागढ़ में की थी जनसभा.

बस्ती के हथियागढ़ में हुई थी गांधी जी की जनसभा
वर्ष 1921 के दौर में गांधी जी गोरखपुर प्रवास पर थे. बस्ती और खलीलाबाद में उनकी जनसभा प्रस्तावित थी, लेकिन अंग्रेजों ने उनकी जनसभा पर प्रतिबंध लगा रखा था. उस दौर में स्वतंत्रता सेनानियों के मुकदमे लड़ने वाले बस्ती के बैरिस्टर अंशुमान सिंह ने अपनी गाड़ी से गोरखपुर से गांधी जी और पंडित जवाहरलाल नेहरू को गोपनीय तरीके से बस्ती ले आये थे. इसके बाद बस्ती के हथियागढ़ में गांधी जी की विशाल जनसभा हुई. गांधी जी और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एक दिन बस्ती में प्रवास भी किया था. हालांकि अंशुमान सिंह के परिवार में अब कोई नहीं है न ही उनका मकान है.

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हथियागढ़ में जहां पर महात्मा गांधी ने जनसभा को सम्बोधित किया था. उस जगह पर कुष्ठ आश्रम बना है. साथ ही पॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण चल रहा है. कुष्ठ आश्रम में गांधी जी की 150वीं जयंती धूम-धाम से मनाई गई. जिला प्रशासन ने कुष्ठ रोगियों में कपड़ा, फल और मिठाई वितरित किया. वहीं बड़ी संख्या में लोगों ने रक्तदान किया. वहीं कुष्ठ आश्रम की बात की जाए तो इस समय मात्र एक कुष्ठ रोगी आश्रम में रह रहा है, जिसको पिछले 4 महीने से कोटे का राशन नहीं मिला है. जो लोग कुष्ठ आश्रम में आकर पैसे देते हैं, उसी से खाना-पानी का इंतजाम होता है.

कुष्ठ रोगियों से महात्मा गांधी को बहुत प्रेम था. जब उनके शिष्य आचरेकर को कुष्ठ रोग हो गया था तो महात्मा गांधी जी ने उनकी सेवाकर समाज में एक नई मिशाल पेश की थी.
-कौशल कुमार त्रिपाठी, कार्यक्रम संयोजक

Intro:बस्ती न्यूज रिपोर्ट
प्रशांत सिंह
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8317019190

बस्ती: देश भर में राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती धूम-धाम से मनाई जा रही है. साथ ही उनसे जुड़े प्रसंग भी चर्चा का विषय बना हुआ है. ऐसा ही गांधी जी जुड़ा एक प्रसंग बस्ती जनपद का है. दरअसल सन 1921 में बस्ती के हथियागढ़ में एक विशाल जनसभा को सम्बोधित किया था.

वर्ष 1921 के दौर में गांधी जी गोरखपुर प्रवास पर थे. बस्ती और खलीलाबाद में उन की जनसभा प्रस्तावित थी, लेकिन अंग्रेजों ने उनकी जनसभा पर प्रतिबंध लगा रखा था. उस दौर में स्वतंत्रता सेनानियों के मुकदमें लड़ने वाले बस्ती के बैरिस्टर अंशुमान सिंह ने अपनी गाड़ी से गोरखपुर से गांधी जी और पंडित जवाहरलाल नेहरू को गोपनीय तरीके से बस्ती ले आये थे.

Body:इसके बाद बस्ती के हथियागढ़ में गांधी जी विशाल जनसभा हुई. साथ ही गांधी जी और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एक दिन बस्ती में प्रवास भी किया था. हालांकि अंशुमान सिंह के परिवार में अब कोई नही है, न ही उनका मकान ही है.

आज हथियागढ़ में जहां पर महात्मा गांधी ने जनसभा को सम्बोधित किया था. उस जगह पर कुष्ठ आश्रम बना है, साथ ही पॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग कालेज का निर्माण चल रहा है.

कुष्ठ आश्रम में गांधी जी की 150 वीं जयंती धूम-धाम से मनाई गई. जिला प्रशासन ने कुष्ठ रोगियों में कपड़ा, फल, मिठाई, वितरित किया. वहीं बड़ी संख्या में लोगों ने रक्तदान किया. कार्यक्रम के संयोजक कौशल कुमार त्रिपाठी ने कहा कि कुष्ठ रोगियों ने महात्मा गांधी को बहुत प्रेम था. जब उन के शिष्य आचरेकर को कुष्ठ रोग हो गया था तो महात्मा गांधी जी ने उन की सेवा कर समाज में एक नई मिशाल पेश की.

वहीं कुष्ठ आश्रम की बात की जाए तो इस समय मात्र एक कुष्ठ रोगी आश्रम में रह रहा है. जिसको पिछले 4 महीने से कोटे का राशन नहीं मिला है. जो लोग कुष्ठ आश्रम में आते है, पैसे देते हैं, उसी से खाना-पानी का इतेजाम होता है.

बाइट.....चन्द्र प्रकाश, सीआरओ, बस्ती
बाइट.... अमेरिका, कुष्ठ पीड़ित
बाइट.... कौशल कुमार त्रिपाठी, कार्यक्रम संयोजक, कुष्ठ सेवा आश्रमConclusion:
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