बरेली : जिले में अचानक तेज आंधी-तूफान के साथ हुई बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों के आंखों में आंसू ला दिये है. तरबूज, खरबूज और करेला की फसल बर्बाद होने से किसानों का लाखों का नुकसान हो गया है. इससे किसान बर्बादी की कगार पर है.
कोरोना संकट के साथ बेमौसम बारिश किसानों पर कहर बनकर टूट रही है. पिछले सप्ताह का भीगा गेंहू अभी सूखा भी नहीं था कि गुरूवार की शाम 8:30 बजे अचानक तेज आंधी के साथ हुई बारिश और ओले ने किसानों के आंखों में आंसू ला दिए. मीरगंज तहसील में अधिकांश किसानों की गेहूं की फसल कटी हुई पड़ी है, तो कई जगह पर खेतों में सब्जियां तैयार हैं.
खेत पर ही फसल हुई बर्बाद
राम गंगा किनारे पालेज में करेला तोड़ रहे किसान मनोहर बताते हैं, कि हम दो एकड़ जमीन पर करेला, लौकी, गंगा फल, तरबूज, खरबूज, शिमला मिर्च, खीरा और कई सब्जियों की खेती करते हैं. रात को अचानक से ओलावृष्टि शुरू हो गई. इससे हमारी लाखों की फसल तबाह हो चुकी है. तरबूज और खीरा ओले पड़ने से खेत में ही फट गए हैं, सब्जियों पूरी तरह से गल गई है.
अब कैसे चुका पाएंगे कर्ज
पीड़ित किसान ने बताया हमारा लाखों का नुकसान हो गया है. 80 हजार रूपये का 5 प्रतिशत पर कर्ज लिया है.अब तो बहुत ही मुश्किल हो जाएगा कर्ज चुका पाना. पहली बारिश में सारी फसल नष्ट हो गई. अब दूसरी मार पड़ी है.
गेहूं बारिश से काला पड़ गया
समाजसेवी राजीव गंगवार ने बताया कि 12 बीघा गेहूं की फसल खेत में कटी पड़ी थी. अनाज निकलवाने के लिए फसल को इकट्ठा किया था, लेकिन मशीन नहीं मिली और गेहूं पूरा भीग गया,जिससे गेहूं काला पड़ गया. तकरीबन एक लाख रुपये का नुकसान हुआ है.