बरेली: मिट्टी के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने नया कदम उठाया है. खादी ग्रामोद्योग विभाग ने माटी कला उद्योग लगाने के लिए ऋण पर सब्सिडी देने का फैसला लिया है. इससे लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही साथ ही अपनी मिट्टी से जुड़ने का सुनहरा अवसर भी उपलब्ध होगा.
ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार
सरकार की इच्छा है कि लोग मिट्टी के उद्योग से जुड़ें. मिट्टी के बर्तन, खिलौना निर्माण, कुल्हड़, घड़ा, सुराही, जग, गिलास, कटोरी आदि को बढ़ावा देने के लिए सरकार ये कदम उठा रही है. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक माटीकला के परंपरागत, प्रशिक्षित, अनुभवी कारीगरों को स्वरोजगार मिलेगा. उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग विभाग की मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना के तहत यह ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है.
8 वीं पास होना जरूरी
ग्रामीण क्षेत्र के 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को मिट्टी कला के उत्पादों के निर्माण के लिए 10 लाख रुपये तक का ऋण बैंकों से उपलब्ध कराया जाएगा. जिला ग्रामोद्योग अधिकारी मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि लाभार्थी को कुल लागत की पांच प्रतिशत पूंजी स्वयं लगानी होगी. 25 प्रतिशत एक मुश्त मार्जिन मनी अनुदान के रूप में राज्य सरकार से मिलेगी. लाभार्थी को पांच लाख से अधिक लागत के उद्योग लगाने के लिए कम से कम आठवींं कक्षा पास होना होगा. माटी कला संबंधी उद्योग लगाने पर 10 लाख के ऋण पर ढाई लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी. इसके लिए खादी ग्रामोद्योग विभाग में आवेदन किया जा सकता है.