बरेली: शहर में इन दिनों उर्स-ए-ताजुश्शरिया मनाया जा रहा है. दो दिन तक चलने वाले इस उर्स में लाखों की संख्या में अकीदतमंद शामिल हो रहे हैं. इस दौरान यहां के उलेमा ने डांस फेस्टिवल बंद करने की मांग की है. बरेलवी मसलक के उलेमा ने विरोध और नाराजगी व्यक्त करते हुए सऊदी सरकार से तत्काल डांस फेस्टिवल को बंद करने को कहा है.
ऑल इंडिया रजा एकेडमी के मौलाना अब्बास रजवी से ईटीवी भारत से की बातचीत
- मक्का और मदीना मुसलमानों के लिए अकीदत और ऐहतराम की जगह है.
- पूरी दुनिया के मुसलमान इन जगहों पर आस्था रखते हैं.
- सारे उलेमाओं ने सऊदी सरकार और शहजादे मोहम्मद बिन सुल्तान से फौरन इस डांस फेस्टिवल को बंद कराए जाने की मांग की है.
- डांस फेस्टिवल इस्लामी शरीयत के खिलाफ है.
- डांस फेस्टिवल के लिए जितने पैसे खर्च होते हैं, इतने में एक शहर बस जाए.
सऊदी सरकार इस डांस फेस्टिवल को आयोजित करने में करीब साढ़े चार लाख करोड़ खर्च कर रही है. इतने खर्च में एक नया शहर बस जाए. यह फिजूलखर्ची है. यह डांस फेस्टिवल मक्का-मदीना से सिर्फ 35 से 40 किमी दूर है. अगर यह कार्यक्रम बंद नहीं किया गया तो देश के सभी मुस्लिम संगठन सऊदी एम्बेसी दिल्ली और सऊदी कौंसिल मुंबई के सामने धरना-प्रदर्शन करेगा.
-मौलाना अब्बास रजवी