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मुरादाबाद-बरेली के बीच जर्जर पटरियों पर दौड़ रही ट्रेनें - uttar prsdesh news

उत्तर प्रदेश के बरेली में ट्रेनें जर्जर पटरियों पर दौड़ रही हैं. कमजोर पटरियों को बदलने के लिए एक्शन प्लान तय किया गया है और डीआरएम का कहना है कि इंस्पेक्शन रिपोर्ट के आधार पर सेक्शन के बाकी काम पूरे किए जाएंगे.

जर्जर पटरियों पर दौड़ रही ट्रेनें
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Published : Nov 3, 2019, 8:13 AM IST

बरेली: मुरादाबाद से बरेली के बीच ट्रेनें पुरानी और जर्जर पटरियों पर दौड़ रही हैं. इंजीनियरिंग विभाग की पड़ताल में इस बात का खुलासा हुआ है. इस रिपोर्ट के बाद रेल प्रबंधन ने दिसंबर माह में अभियान चलाकर कमजोर पटरियों को बदलने का एक्शन प्लान तय किया है. दो साल से रेलवे में सुरक्षा को लेकर लगातार काम हो रहा है. रेल पटरी बदलने और सुरक्षा मानकों के पालन कराने के लिए मुख्यालय की टीम समय-समय पर जांच कर रही है.

पुरानी पटरियों पर दौड़ रही ट्रेनें

  • मुरादाबाद से बरेली के बीच ट्रेनें पुरानी और जर्जर पटरियों पर दौड़ रही हैं.
  • इंजीनियरिंग विभाग की पड़ताल में इस बात का खुलासा हुआ है.
  • मुरादाबाद-बरेली सेक्शन के निरीक्षण में डीआरएम की टीम ने दलपतपुर से रामपुर के बीच पटरी के पुराने और कमजोर होने की पुष्टि कर दी.
  • सूत्रों के मुताबिक इस सेक्शन में दलपतपुर, मूंढ़ापांडे, कोसी नदी के दोनों ओर और रामपुर तक रेल की पटरियां कमजोर आंकी गई हैं.

अफसरों ने बरेली-चंदौसी के बीच लिया जायजा

  • जीएम इंस्पेक्शन के पहले शनिवार को डीआरएम तरुण प्रकाश ने ब्रांच अफसरों की टीम संग बरेली-चंदौसी वाया मुरादाबाद रेल सेक्शन का निरीक्षण किया.
  • अभियान के दूसरे दिन रेल अफसरों ने शिक्षण में ट्रैक रिन्युअल, इंटरलॉकिंग, सिग्नल, परिचालन और यात्री सुविधा के अन्य कार्य देखे.
  • ब्रांच अफसरों ने बरेली से चंदौसी रेल रूट की सघन पड़ताल की, इस रूट पर इलेक्ट्रिक इंजन ट्रेनों का संचालन होना है.
  • चंदौसी से आंवला तक रेल लाइन विद्युतीकरण हुआ है, जबकि मुरादाबाद चंदौसी होते हुए बरेली तक बिजली चलित इंजन से ट्रेनों को चलाया जाना है.
  • डीआरएम तरुण प्रकाश ने बताया कि इंस्पेक्शन रिपोर्ट के आधार पर सेक्शन के बाकी काम पूरे किए जाएंगे.
  • इस खंड में रेलवे महाप्रबंधक का विजिट होना है, इसके पहले रेलवे के सभी कार्यों की समीक्षा की जा रही है.
  • दो दिन से निरीक्षण में कई महत्वपूर्ण रुके पड़े कार्य प्रकाश में आए हैं, इसके लिए विभागवार अफसरों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है.

बरेली: मुरादाबाद से बरेली के बीच ट्रेनें पुरानी और जर्जर पटरियों पर दौड़ रही हैं. इंजीनियरिंग विभाग की पड़ताल में इस बात का खुलासा हुआ है. इस रिपोर्ट के बाद रेल प्रबंधन ने दिसंबर माह में अभियान चलाकर कमजोर पटरियों को बदलने का एक्शन प्लान तय किया है. दो साल से रेलवे में सुरक्षा को लेकर लगातार काम हो रहा है. रेल पटरी बदलने और सुरक्षा मानकों के पालन कराने के लिए मुख्यालय की टीम समय-समय पर जांच कर रही है.

पुरानी पटरियों पर दौड़ रही ट्रेनें

  • मुरादाबाद से बरेली के बीच ट्रेनें पुरानी और जर्जर पटरियों पर दौड़ रही हैं.
  • इंजीनियरिंग विभाग की पड़ताल में इस बात का खुलासा हुआ है.
  • मुरादाबाद-बरेली सेक्शन के निरीक्षण में डीआरएम की टीम ने दलपतपुर से रामपुर के बीच पटरी के पुराने और कमजोर होने की पुष्टि कर दी.
  • सूत्रों के मुताबिक इस सेक्शन में दलपतपुर, मूंढ़ापांडे, कोसी नदी के दोनों ओर और रामपुर तक रेल की पटरियां कमजोर आंकी गई हैं.

अफसरों ने बरेली-चंदौसी के बीच लिया जायजा

  • जीएम इंस्पेक्शन के पहले शनिवार को डीआरएम तरुण प्रकाश ने ब्रांच अफसरों की टीम संग बरेली-चंदौसी वाया मुरादाबाद रेल सेक्शन का निरीक्षण किया.
  • अभियान के दूसरे दिन रेल अफसरों ने शिक्षण में ट्रैक रिन्युअल, इंटरलॉकिंग, सिग्नल, परिचालन और यात्री सुविधा के अन्य कार्य देखे.
  • ब्रांच अफसरों ने बरेली से चंदौसी रेल रूट की सघन पड़ताल की, इस रूट पर इलेक्ट्रिक इंजन ट्रेनों का संचालन होना है.
  • चंदौसी से आंवला तक रेल लाइन विद्युतीकरण हुआ है, जबकि मुरादाबाद चंदौसी होते हुए बरेली तक बिजली चलित इंजन से ट्रेनों को चलाया जाना है.
  • डीआरएम तरुण प्रकाश ने बताया कि इंस्पेक्शन रिपोर्ट के आधार पर सेक्शन के बाकी काम पूरे किए जाएंगे.
  • इस खंड में रेलवे महाप्रबंधक का विजिट होना है, इसके पहले रेलवे के सभी कार्यों की समीक्षा की जा रही है.
  • दो दिन से निरीक्षण में कई महत्वपूर्ण रुके पड़े कार्य प्रकाश में आए हैं, इसके लिए विभागवार अफसरों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है.
Intro:यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़, मुरादाबाद-बरेली के बीच कमजोर पटरी पर दौड़ रही ट्रेंने: रिपोर्ट में खुलासा



बरेेेली। मुरादाबाद से बरेली के बीच पुरानी और जर्जर पटरी पर ट्रेनें दौड़ रही हैं। इंजीनियरिंग विभाग की पड़ताल में इस बात का खुलासा हुआ है। इस बात की रिपोर्ट के बाद रेल प्रबंधन ने दिसंबर माह में अभियान चलाकर कमजोर पटरियों के बदलने का एक्शन प्लान तय किया है। दो साल से रेलवे में सुरक्षा और संरक्षा को लेकर लगातार काम हो रहा है। रेल पटरी बदलने और सुरक्षा मानकों के पालन कराने के लिए मुख्यालय की टीम समय-समय पर जांच कर रही है।
इस बीच मुरादाबाद-बरेली सेक्शन के निरीक्षण में डीआरएम की टीम ने दलपतपुर से रामपुर के बीच पटरी के पुराने और कमजोर होने की पुष्टि कर दी। सूत्रों का कहना है कि इस सेक्शन में दलपतपुर, मूंढ़ापांडे, कोसी नदी के दोनों ओर और रामपुर अब तक रेल पटरी कमजोर आंकी गई है। ऐसे में बदले मौसम में सुरक्षित रेल संचालन को लेकर अफसरों के हाथ पांव फूले हुए हैं।
तीन माह पहले रामपुर के नजदीक मालगाड़ी के 4 डिब्बे पटरी हो गए थे। जिसमें दो सौ से अधिक स्लीपर उखड़ गए थे। विभागीय पड़ताल में पटरी टूटने से मालगाड़ी का डिरेलमेंट पाया गया था। इस मामले में रेलवे दो सीनियर सेक्शन इंजीनियर को निलंबित कर दिया था। इस बीच मुरादाबाद लखनऊ रेल लाइन की पड़ताल के ताजे आंकड़े मंडल में सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं।

डीआरएम तरुण प्रकाश का कहना है कि पटरी बदलने और अनुरक्षण कार्य का एक्शन प्लान तय हो गया है। दिसंबर माह में मुरादाबाद और बरेली के बीच अप डाउन लाइन की 60 किलोमीटर रेल पटरी बदली जाएगी। रेलवे में सुरक्षा और संरक्षा सबसे ऊपर है इसे लेकर किसी तरह की लापरवाही नहीं होने दी जाएगी।
अफसरों ने बरेली चंदौसी रोड का लिया जायजा
मुरादाबाद। जीएम इंस्पेक्शन के पहले शनिवार को डीआरएम तरुण प्रकाश ने ब्रांच अफसरों की टीम संग बरेली-चंदौसी वाया मुरादाबाद रेल सेक्शन का निरीक्षण किया। अभियान के दूसरे दिन रेल अफसरों ने शिक्षण में ट्रैक रिन्युअल, इंटरलॉकिंग, सिग्नल, परिचालन और यात्री सुविधा के अन्य कार्य देखे। ब्रांच अफसरों ने बरेली से चंदौसी रेल रूट की सघन पड़ताल की। इस रूट पर इलेक्ट्रिक इंजन ट्रेनों का संचालन होना है। अभी चंदौसी से आंवला तक रेल लाइन विद्युतीकृत हो पाई है। जबकि मुरादाबाद चंदौसी होते हुए बरेली तक बिजली चालित इंजन से ट्रेनों को चलाया जाना है। डीआरएम तरुण प्रकाश ने बताया कि इंस्पेक्शन रिपोर्ट के आधार पर सेक्शन के बाकी काम पूरे किए जाएंगे। इस खंड में रेलवे महाप्रबंधक का विजिट होना है। इसके पहले रेलवे के सभी कार्य की समीक्षा की जा रही है। दो दिन से निरीक्षण में कई महत्वपूर्ण रुके पड़े कार्य प्रकाश में आए हैं। इसके लिए विभागवार अफसरों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है।Body:,Conclusion:
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