बरेली: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (civil services exam 2021) के आए नतीजों में बरेली के ऐश्वर्य वर्मा (aishwarya verma upsc) ने ऑल इंडिया में चौथी रैंक हासिल कर बरेली का नाम रोशन किया है. ऐश्वर्य वर्मा ने चौथे प्रयास में यह कामयाबी हासिल की है. इसका श्रेय उन्होंने अपने माता-पिता को दिया. ऐश्वर्य ने ETV Bharat से खास बातचीत में कहा कि उन्होंने टारगेट स्टडी पर फोकस करते हुए घर पर रहकर पढ़ाई की, जिसके बाद उन्हें यह सफलता हासिल हुई है. उनके घर में खुशियों का माहौल है और लोग उन्हें मिठाई खिलाकर बधाई दे रहे हैं.
पिता बैंक मैनेजर और बहन मेडिकल स्टूडेंट: बरेली में पीलीभीत बाईपास पर रहने वाले ऐश्वर्य वर्मा के पिता विवेक वर्मा बैंक ऑफ बड़ौदा में चीफ मैनेजर हैं. जबकि, उनकी मां विनीता वर्मा पहले टीचर रह चुकी हैं. संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में ऐश्वर्य का यह उनका चौथा प्रयास था, जिसमें उन्होंने ऑल इंडिया चौथी रैंक हासिल की है. ऐश्वर्य वर्मा की एक छोटी बहन श्रेया वर्मा हैं जो बीडीएस फाइनल ईयर की छात्रा हैं.
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उज्जैन में जन्मे और उत्तराखंड में पढ़े हैं ऐश्वर्य: ऐश्वर्य वर्मा का जन्म उज्जैन में हुआ था. फिलहाल वह बरेली में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं. ऐश्वर्य ने हाईस्कूल और इंटर की पढ़ाई उत्तराखंड राज्य के रुद्रपुर में स्थित होली चाइल्ड स्कूल से की है. पंतनगर विश्वविद्यालय से साल 2017 में उन्होंने इलेक्ट्रिकल ट्रेड से बीटेक किया और उसके बाद सिविल सर्विसेस की तैयारी में जुट गए. उन्होंने एक साल दिल्ली में रहकर कोचिंग की और उसके बाद 2018 से घर में रहकर सेल्फ स्टडी कर यूपीएससी की परीक्षा दी. इस दौरान उन्होंने तीन परीक्षाएं दीं, जिसमें वे असफल रहे. लेकिन, चौथी बार यूपीएससी की परीक्षा में उन्होंने ऑल इंडिया में चौथी रैंक हासिल कर अपने माता और पिता का नाम रोशन कर दिया है.
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टारगेट बेस्ड स्टडी से मिला मुकाम: ऐश्वर्य वर्मा ने बताया कि यूपीएससी की तैयारी के समय पढ़ाई के लिए उनका कोई समय निर्धारित नहीं था. उनका एक ही टारगेट रहता था कि आज उन्हें इतने चैप्टर कंप्लीट करने हैं. उसी टारगेट को पूरा करने के लिए चाहे 8 घंटे लगें या फिर 10 घंटे. टारगेट को पूरा करने के बाद ही वह पढ़ाई से आराम करने जाते थे. टारगेट बेस्ड स्टडी के फार्मूले से उन्होंने ऑल इंडिया में चौथी रैंक हासिल की है.
क्रिकेट खेलने के शौकीन: ऐश्वर्य वर्मा ने बताया कि पढ़ाई के बाद मूड फ्रेश करने के लिए वह क्रिकेट खेलना पसंद करते थे. उनको शुरू से ही क्रिकेट पसंद है. सचिन तेंदुलकर उनके मनपसंद क्रिकेटर हैं. छात्र जीवन में वह एक क्रिकेटर बनना चाहते थे. बड़े होते-होते उन्होंने सिविल सर्विसेस की तरफ जाने का मन बनाया और उसी को अपना लक्ष्य बनाते हुए तैयारी कर सफलता हासिल की.
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परिवार में खुशी का माहौल: ऐश्वर्य वर्मा के पिता विवेक वर्मा का कहना है कि उनको इतना तो पता था कि बेटा यूपीएससी की परीक्षा पास करेगा. पर यह उम्मीद नहीं थी कि वह देश में चौथी रैंक हासिल करेगा. मां विनीता वर्मा कहती हैं कि आज जो खुशी उनके बेटे के कामयाब होने के बाद मिली है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. उनको अपने बेटे पर भरोसा तो था कि वह कामयाब होगा. पर पूरे देश में चौथी रैंक लेकर आएगा, यह उम्मीद नहीं थी. आज मेरे बेटे ने मेरा ही नहीं मेरे पूरे परिवार का नाम रोशन कर दिया है. बीडीएस फाइनल ईयर की छात्रा श्रेया वर्मा अपने भाई ऐश्वर्य वर्मा के सिविल सर्विसेस में चौथी रैंक लाने पर बेहद खुश हैं. उन्होंने अपने भाई को मिठाई खिलाकर बधाई दी.
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