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बरेली: जिला अस्पताल में दिखा डॉक्टरों की हड़ताल का असर,मरीज परेशान

बरेली में डॉक्टरों की हड़ताल का असर साफ दिखाई दिया.मरीजों को इससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.आईएमए के पदाधिकारियों ने काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन किया.उनके नर्सिंग होम और क्लीनिकों पर ताले पड़े रहे.

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Published : Jun 18, 2019, 3:22 PM IST

Updated : Jun 19, 2019, 10:42 AM IST

जिला अस्पताल बरेली

बरेली: जिले में भी डाक्टरों की हड़ताल का असर साफ दिखा. आईएमए के आव्हान पर बरेली के समस्त प्राइवेट डॉक्टरों ने 1 दिन की हड़ताल का ऐलान किया था. अस्पताल में मरीजों की लंबी-लंबी लाइनें लग गई थी.सोमवार सुबह छह बजे से मंगलवार की सुबह छह बजे तक प्राइवेट डाक्टरों ने हड़ताल का निर्णय लिया था, लेकिन यह बात जनता को तब पता चली, जब वे प्राइवेट डाक्टरों के नर्सिंग होम पर पहुंचे. जो पढ़े-लिखे थे उन्हें टीवी चैनल और समाचार पत्रों में छपी खबर से पहले ही पता चल गया था. इसलिए कुछ लोग रविवार को ही अपनी दवा ले आए थे.

दिखा डॉक्टरों की हड़ताल का असर

दिखा डॉक्टरों की हड़ताल का असर:

  • तापमान में तेजी से उछाल के बाद जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढती जा रही है.
  • अस्पताल के सभी बेड़ भर चुके हैं. एक बेड पर दो- दो मरीजों को भर्ती करना पड़ा रहा है.
  • पिछले 2 वर्षों में लगातार मरीजों की संख्या गर्मियों में बढ़ रही है.
  • जिला पुरुष अस्पताल में साढे तीन सौ मरीजों को भर्ती कराने की क्षमता है.


सभी को मेडिकल सुविधा प्राप्त हो उसके लिए समुचित व्यवस्था कर ली गई है.प्रशासन से भी मांग की है कि एक्स्ट्रा बेड और जो बोर्ड खाली है उनको खोल दिया जाए.जिससे मरीजों को कोई असुविधा ना हो और तत्काल प्रभाव में उनको हरसंभव इलाज मिल सके.

के एस गुप्ता, सीएमएस जिला अस्पताल बरेली


बरेली: जिले में भी डाक्टरों की हड़ताल का असर साफ दिखा. आईएमए के आव्हान पर बरेली के समस्त प्राइवेट डॉक्टरों ने 1 दिन की हड़ताल का ऐलान किया था. अस्पताल में मरीजों की लंबी-लंबी लाइनें लग गई थी.सोमवार सुबह छह बजे से मंगलवार की सुबह छह बजे तक प्राइवेट डाक्टरों ने हड़ताल का निर्णय लिया था, लेकिन यह बात जनता को तब पता चली, जब वे प्राइवेट डाक्टरों के नर्सिंग होम पर पहुंचे. जो पढ़े-लिखे थे उन्हें टीवी चैनल और समाचार पत्रों में छपी खबर से पहले ही पता चल गया था. इसलिए कुछ लोग रविवार को ही अपनी दवा ले आए थे.

दिखा डॉक्टरों की हड़ताल का असर

दिखा डॉक्टरों की हड़ताल का असर:

  • तापमान में तेजी से उछाल के बाद जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढती जा रही है.
  • अस्पताल के सभी बेड़ भर चुके हैं. एक बेड पर दो- दो मरीजों को भर्ती करना पड़ा रहा है.
  • पिछले 2 वर्षों में लगातार मरीजों की संख्या गर्मियों में बढ़ रही है.
  • जिला पुरुष अस्पताल में साढे तीन सौ मरीजों को भर्ती कराने की क्षमता है.


सभी को मेडिकल सुविधा प्राप्त हो उसके लिए समुचित व्यवस्था कर ली गई है.प्रशासन से भी मांग की है कि एक्स्ट्रा बेड और जो बोर्ड खाली है उनको खोल दिया जाए.जिससे मरीजों को कोई असुविधा ना हो और तत्काल प्रभाव में उनको हरसंभव इलाज मिल सके.

के एस गुप्ता, सीएमएस जिला अस्पताल बरेली


Intro:कल बरेली में आईएमए के आव्हान पर बरेली के समस्त प्राइवेट डॉक्टरों ने 1 दिन की हड़ताल का ऐलान किया था। जिसका असर आज जिला अस्पताल में देखने को मिला कल से ही जिला अस्पताल में मरीजों की लंबी-लंबी लाइनें लग गई थी, और उसका असर आज भी जिला अस्पताल में देखने को मिल रहा है जहां पर भीषण गर्मी में लंबी-लंबी कतारें मरीजों की लगी हुई हैं और सभी लोग जल्द से जल्द अपने संग आए हुए मरीजों का इलाज जल्दी कराना चाहते हैं।


Body:तापमान में तेजी से उछाल दूसरा बरेली में 1 दिन प्राइवेट डॉक्टरों के हड़ताल से आज दूसरे दिन जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या पड़ती जा रही है। वहीं जिला अस्पताल के हाल बिगड़ते जा रहे हैं अस्पताल के सभी बोर्ड भर चुके हैं एक बेड पर दो दो मरीजों को भर्ती करना पड़ा है । बात करें जिला अस्पताल की तो पिछले 2 वर्षों में लगातार मरीजों की संख्या गर्मियों में बढ़ रही है। जिला पुरुष अस्पताल में साढे तीन सौ मरीजों को भर्ती कराने की क्षमता है। मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण वहां फीमेल मेडिसिन ,मेल मेडिसिन आइसोलेशन आदि बोर्ड भर चुके हैं इस कारण वहां एक बेड पर दो दो मरीजों को भर्ती करना पड़ा है ऐसे में मरीजों व उनके तीमारदारों को असुविधा हो रही है।
बाइट:- डॉक्टर के एस गुप्ता सीएमएस जिला अस्पताल बरेली
कल की हड़ताल का असर आज भी देखने को मिल रहा है जिला अस्पताल में मरीज लगातार आ रहे हैं जिसके कारण पूरा जिला अस्पताल मरीजों से भर चुका है सीएमएस का कहना है कि सभी को मेडिकल सुविधा प्राप्त हो उसके लिए समुचित व्यवस्था कर ली गई है। तथा प्रशासन से भी मांग की है कि एक्स्ट्रा बेड और जो बोर्ड खाली है उनको खोल दिया जाए। जिससे मरीजों को कोई असुविधा ना हो और तत्काल प्रभाव में उनको हरसंभव इलाज मिल सके।


Conclusion:पिछले साल भी पुरुष हस्पताल में सभी बेड भरने पर महिला अस्पताल में सौ बेड के आधुनिक प्रसव केंद्र के खाली बार्ड पर बेड डालकर मरीजों को भर्ती किया गया था इसके अतिरिक्त स्टाफ व संसाधन भी लगाए गए थे ।
Last Updated : Jun 19, 2019, 10:42 AM IST
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