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शहाबुद्दीन ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, वसीम रिजवी को सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड के सदस्य पद से हटाया जाए

बरेली में दरगाह आलाहजरत के बरेलवी मरकज के प्रचारक मौलाना सहाबुदीन बरेलवी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को पत्र भेजकर गुहार लगाई. कानूनी तौर पर अब जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (Jitendra Narayan Singh Tyagi) को ये अधिकार हासिल नहीं है कि वो शिया बोर्ड का सदस्य बने रहें.

शहाबुद्दीन ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
शहाबुद्दीन ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
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Published : Dec 8, 2021, 7:20 PM IST

बरेली: सुन्नी मुसलमानों के सबसे बड़े धार्मिंक केंद्र दरगाह आलाहजरत के बरेलवी मरकज के प्रचारक मौलाना सहाबुदीन बरेलवी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को पत्र भेजकर गुहार लगाई है. कहा कि वसीम रिजवी ने इस्लाम धर्म त्यागकर हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया है. इसलिए उनको सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड के सदस्य पद से हटा दिया जाए.

मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि वक्फ अधिनियम-1995 के अंतर्गत स्पष्ट उल्लेख है कि सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड में वहीं सदस्य हो सकता है जो इस्लाम धर्म मानने वाला हो. वसीम रिजवी ने इस्लाम धर्म त्यागकर हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया. अब उनका नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी है.

दरगाह
दरगाह

इसलिए जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (Jitendra Narayan Singh Tyagi) की शिया वक्फ बोर्ड से नियम के अंतर्गत सदस्यता निरस्त करने की कार्रवाई की जाए. कानूनी तौर पर अब जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को ये अधिकार हासिल नहीं है कि वो शिया बोर्ड के सदस्य बने रहें.

वसीम रिजवी को शिया वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश का चेयरमैन समाजवादी पार्टी की सरकार में उस वक्त के अल्पसंख्यक मंत्री आजम खां ने बनाया था. आरोप लगाया कि उन्होंंने बोर्ड का अध्यक्ष रहते हुए वक्फ संपत्तियों की बडे़ पैमाने पर खुर्द बुर्द किया और नुकसान पहुंचाया.

इसे भी पढ़ेः जितेंद्र सिंह त्यागी बनने के बाद बोले वसीम रिजवी: नहीं लडू़ंगा कोई चुनाव

इसे लेकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में दर्जनों एफआईआर लिखी हुईं हैं. मांग की कि इन आरोपों की जांच कराई जाए और दोषी को जेल भेजा जाए. कहा कि मुसलमान पैग़ंबर-ए-इस्लाम से बेपनाह प्यार मोहब्बत करता है. पैगंबर में आस्था रखता है. मगर पैग़ंबर-ए-इस्लाम की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं कर सकता.

वसीम रिजवी ने पैग़ंबर-ए-इस्लाम की शान में गुस्ताखाना किताब लिखी है. ये किताब अगर पब्लिक में आएगी तो देश प्रदेश में शांति व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है. इसलिए इस किताब पर पाबंदी लगाना उचित होगा. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि प्रदेश सरकार इस मसले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करेगी.


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बरेली: सुन्नी मुसलमानों के सबसे बड़े धार्मिंक केंद्र दरगाह आलाहजरत के बरेलवी मरकज के प्रचारक मौलाना सहाबुदीन बरेलवी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को पत्र भेजकर गुहार लगाई है. कहा कि वसीम रिजवी ने इस्लाम धर्म त्यागकर हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया है. इसलिए उनको सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड के सदस्य पद से हटा दिया जाए.

मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि वक्फ अधिनियम-1995 के अंतर्गत स्पष्ट उल्लेख है कि सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड में वहीं सदस्य हो सकता है जो इस्लाम धर्म मानने वाला हो. वसीम रिजवी ने इस्लाम धर्म त्यागकर हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया. अब उनका नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी है.

दरगाह
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इसलिए जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (Jitendra Narayan Singh Tyagi) की शिया वक्फ बोर्ड से नियम के अंतर्गत सदस्यता निरस्त करने की कार्रवाई की जाए. कानूनी तौर पर अब जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को ये अधिकार हासिल नहीं है कि वो शिया बोर्ड के सदस्य बने रहें.

वसीम रिजवी को शिया वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश का चेयरमैन समाजवादी पार्टी की सरकार में उस वक्त के अल्पसंख्यक मंत्री आजम खां ने बनाया था. आरोप लगाया कि उन्होंंने बोर्ड का अध्यक्ष रहते हुए वक्फ संपत्तियों की बडे़ पैमाने पर खुर्द बुर्द किया और नुकसान पहुंचाया.

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इसे लेकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में दर्जनों एफआईआर लिखी हुईं हैं. मांग की कि इन आरोपों की जांच कराई जाए और दोषी को जेल भेजा जाए. कहा कि मुसलमान पैग़ंबर-ए-इस्लाम से बेपनाह प्यार मोहब्बत करता है. पैगंबर में आस्था रखता है. मगर पैग़ंबर-ए-इस्लाम की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं कर सकता.

वसीम रिजवी ने पैग़ंबर-ए-इस्लाम की शान में गुस्ताखाना किताब लिखी है. ये किताब अगर पब्लिक में आएगी तो देश प्रदेश में शांति व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है. इसलिए इस किताब पर पाबंदी लगाना उचित होगा. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि प्रदेश सरकार इस मसले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करेगी.


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