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दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के आरोपी को सुनाई आजीवन कारावास की सजा, जानें क्या है मामला

बरेली में 12 कार्य दिवस में एक दुष्कर्म के आरोपी को अदालत ने आजीवन कारावास (Life imprisonment) की सजा सुना दी है. अदालत ने अहम फैसला सुनाते हुए एक नजीर पेश की.

जनपद अदालत
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Published : Dec 4, 2021, 9:58 PM IST

बरेली: बरेली में एक दुष्कर्म के आरोपी को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अभियुक्त ने कक्षा चार में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा के साथ प्रसाद देने के बहाने घर बुलाकर दुष्कर्म किया था. इस मामले में पुलिस और अभियोजन पक्ष की कड़ी मेहनत के चलते अदालत ने 12 कार्य दिवसों में अहम फैसला सुनाते हुए एक नजीर पेश की है.

बरेली के किला थाना क्षेत्र की कक्षा चार में पढ़ने वाली 14 वर्षीय छात्रा के परिजनों ने किला पुलिस को शिकायत की कि 26 अगस्त 2021 को जब छात्रा बाजार जा रही थी, तभी उसके मोहल्ले के दिनेश चंद्र मिश्र ने उसे प्रसाद देने के बहाने घर बुलाया. फिर घर का दरवाजा बंदकर नाबालिग से बलात्कार की घटना को अंजाम दिया. घरवालों को घटना के बारे में बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह

डरी सहमी छात्रा ने अपने साथ हुई घटना का किसी से जिक्र नहीं किया. वह अपनी मौसी के साथ रहती रही. काफी दिनों बाद घर में डरी सहमी छात्रा को देखकर जब उसकी मौसी ने उससे कारण पूछा तो उसने पूरी घटना बताई. इसके बाद छात्रा की शिकायत पर बरेली के किला थाने में 18 सितंबर को आरोपी दिनेश चंद्र मिश्र के खिलाफ बलात्कार, पास्को की गंभीर धाराओं में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया. अगले दिन उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

बरेली की किला पुलिस ने अभियुक्त 50 वर्षीय दिनेश चंद्र मिश्र के खिलाफ 16 नवंबर को आरोप पत्र दाखिल किया और 18 नवंबर को आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया. इसके बाद 18 नवंबर को न्यायालय ने मामले का संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की. इसमें 12 कार्य दिवस के अंदर ही बरेली की अदालत ने अहम फैसला सुनाते हुए मासूम छात्रा से बलात्कार के आरोपी दिनेश चंद्र मिश्र के खिलाफ आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके अलावा एक लाख का अर्थदंड भी लगाया गया है.

इसे भी पढेः हत्या के तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास

सरकारी वकील सुनीति पाठक (Public Prosecutor Suniti Pathak) ने बताया की 12 कार्य दिवसों में अभियोजन और पुलिस की तत्परता के चलते अहम फैसला सुनाया गया है. इस मामले में 14 गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया.

बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवान ने बताया कि 14 वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार की घटना हुई थी. इसमें 18 सितंबर को मुकदमा दर्जकर विवेचना की गई. इसके बाद 16 नवंबर को आरोप पत्र लगाई गई. 18 नवंबर को चार्ज सीट लगाकर कोर्ट में भेजी गई जहां न्यायालय ने तत्काल मामले को गंभीरता से लेते हुए मात्र 12 कार्य दिवसों में न्याय कर दिया गया.

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बरेली: बरेली में एक दुष्कर्म के आरोपी को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अभियुक्त ने कक्षा चार में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा के साथ प्रसाद देने के बहाने घर बुलाकर दुष्कर्म किया था. इस मामले में पुलिस और अभियोजन पक्ष की कड़ी मेहनत के चलते अदालत ने 12 कार्य दिवसों में अहम फैसला सुनाते हुए एक नजीर पेश की है.

बरेली के किला थाना क्षेत्र की कक्षा चार में पढ़ने वाली 14 वर्षीय छात्रा के परिजनों ने किला पुलिस को शिकायत की कि 26 अगस्त 2021 को जब छात्रा बाजार जा रही थी, तभी उसके मोहल्ले के दिनेश चंद्र मिश्र ने उसे प्रसाद देने के बहाने घर बुलाया. फिर घर का दरवाजा बंदकर नाबालिग से बलात्कार की घटना को अंजाम दिया. घरवालों को घटना के बारे में बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह

डरी सहमी छात्रा ने अपने साथ हुई घटना का किसी से जिक्र नहीं किया. वह अपनी मौसी के साथ रहती रही. काफी दिनों बाद घर में डरी सहमी छात्रा को देखकर जब उसकी मौसी ने उससे कारण पूछा तो उसने पूरी घटना बताई. इसके बाद छात्रा की शिकायत पर बरेली के किला थाने में 18 सितंबर को आरोपी दिनेश चंद्र मिश्र के खिलाफ बलात्कार, पास्को की गंभीर धाराओं में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया. अगले दिन उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

बरेली की किला पुलिस ने अभियुक्त 50 वर्षीय दिनेश चंद्र मिश्र के खिलाफ 16 नवंबर को आरोप पत्र दाखिल किया और 18 नवंबर को आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया. इसके बाद 18 नवंबर को न्यायालय ने मामले का संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की. इसमें 12 कार्य दिवस के अंदर ही बरेली की अदालत ने अहम फैसला सुनाते हुए मासूम छात्रा से बलात्कार के आरोपी दिनेश चंद्र मिश्र के खिलाफ आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके अलावा एक लाख का अर्थदंड भी लगाया गया है.

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सरकारी वकील सुनीति पाठक (Public Prosecutor Suniti Pathak) ने बताया की 12 कार्य दिवसों में अभियोजन और पुलिस की तत्परता के चलते अहम फैसला सुनाया गया है. इस मामले में 14 गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया.

बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवान ने बताया कि 14 वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार की घटना हुई थी. इसमें 18 सितंबर को मुकदमा दर्जकर विवेचना की गई. इसके बाद 16 नवंबर को आरोप पत्र लगाई गई. 18 नवंबर को चार्ज सीट लगाकर कोर्ट में भेजी गई जहां न्यायालय ने तत्काल मामले को गंभीरता से लेते हुए मात्र 12 कार्य दिवसों में न्याय कर दिया गया.

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