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बरेली: भुगतान न होने के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे कोटेदार

उत्तर प्रदेश सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद लखनऊ इकाई के सभी 1500 कोटेदारों ने बरेली में कोरोना के बावजूद अपनी-अपनी दुकानों पर राशन का वितरण किया. इसके बावजूद भी जिला बरेली के कोटेदारों को कोरोना से बचाव के लिए सैनिटाइजर, मास्क, साबुन आदि नहीं दिए गए. भुगतान न होने के कारण कोटेदार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं.

ration sellers gave letter dm in jhansi
राशन विक्रेताओं ने डीएम को बताई समस्या
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Published : Jul 23, 2020, 8:20 PM IST

बरेली: उत्तर प्रदेश सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद लखनऊ इकाई के राशन विक्रेताओं ने बरेली डीएम को पत्र देकर अपनी समस्याएं बताईं. सभी विक्रेताओं ने कहा शासन की तरफ से कोरोना से बचाव की उनको कोई किट नहीं दी गई है. साथ ही साथ अन्नदाता को राशन दिया जाता है, उसका भुगतान भी गल्ला विक्रेताओं के खाते में समय से नहीं आ पाता है. इसके कारण बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

बरेली में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1039 हो गई है. इस वजह से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. कोटेदारों की तरफ से विक्रेता परिषद इकाई बरेली को मोबाइल फोन और व्हाट्सऐप से अवगत कराया जा रहा है कि उचित दर विक्रेताओं को सुरक्षा से जुड़ी किट को उपलब्ध कराया जाना अति आवश्यक है. मगर आयुक्त जवाहर भवन लखनऊ और प्रशासन से सुरक्षा संबंधी उपकरण नहीं दिए गए हैं.

आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा
जिलाध्यक्ष हरि सिंह गंगवार ने कहा कि अगस्त 2020 में रेगुलर चालान में प्रधानमंत्री गरीब कल्यान अन्न योजना का कमीशन और परिवाहन किराया मजदूरी का पैसा चालानों में नहीं घटाया गया है. कोटेदारों को अन्तयोदय, मरेगा, मजदूर श्रमिक, जॉब कार्ड प्रवासी मजदूरों को फ्री में चावल और चना का वितरण किया गया था. जिनका भुगतान कोटेदारों के बैंक खातों में नहीं भेजा गया है. सभी कोटेदारों के देय भुगतान न होने के कारण आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.

अगर अगस्त माह में वितरण होने वाले चालानों में संशोधन नहीं होता है, तो आर्थिक संकट के कारण चालान जमा करने में असमर्थ होगें. इसके कारण वितरण कार्य ठप हो सकता है. इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी खाद्य एवं रसद विभाग जिला बरेली की होगी. कोटेदारों को कोरोना योद्धा मानते हुए आवश्यक सेवा का कार्य करते समय कोरोना बीमारी से ग्रस्त होने पर निःशुल्क एवं अन्य मानदेय प्राप्त करने वाले आशा वर्कर, आंगनबाडी, स्वास्थ्य वर्करों की भांति ही कोटेदारों को 50 लाख का दुर्घटना बीमा लाभ दिया जाए.

सुरक्षा संबंधी किट उपलब्ध कराने की मांग
कोरोना से बचाव के लिए कोटेदारों को चिकित्सा संबंधी किट जल्द से जल्द मुहैया कराई जाए, ताकि सभी राशन विक्रेता अपनी सुरक्षा कर सकें. बरेली के कोटेदारों ने जान की परवाह किए बिना राशन और आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया है. अब शासन और प्रशासन से अनुरोध है कि इन मांगों पर जल्द से जल्द विचार करें. अगर उपरोक्त मांगों पर विचार नहीं किया गया तो आर्थिक संकट से जूझ रहे कोटेदार अगस्त 2020 माह में आर्थिक संकट के कारण चालान जमा नहीं करेंगे. इसका सम्पर्ण उत्तरदायित्व रसद एवं खाद्य विभाग जिला बरेली का होगा.

बरेली: उत्तर प्रदेश सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद लखनऊ इकाई के राशन विक्रेताओं ने बरेली डीएम को पत्र देकर अपनी समस्याएं बताईं. सभी विक्रेताओं ने कहा शासन की तरफ से कोरोना से बचाव की उनको कोई किट नहीं दी गई है. साथ ही साथ अन्नदाता को राशन दिया जाता है, उसका भुगतान भी गल्ला विक्रेताओं के खाते में समय से नहीं आ पाता है. इसके कारण बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

बरेली में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1039 हो गई है. इस वजह से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. कोटेदारों की तरफ से विक्रेता परिषद इकाई बरेली को मोबाइल फोन और व्हाट्सऐप से अवगत कराया जा रहा है कि उचित दर विक्रेताओं को सुरक्षा से जुड़ी किट को उपलब्ध कराया जाना अति आवश्यक है. मगर आयुक्त जवाहर भवन लखनऊ और प्रशासन से सुरक्षा संबंधी उपकरण नहीं दिए गए हैं.

आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा
जिलाध्यक्ष हरि सिंह गंगवार ने कहा कि अगस्त 2020 में रेगुलर चालान में प्रधानमंत्री गरीब कल्यान अन्न योजना का कमीशन और परिवाहन किराया मजदूरी का पैसा चालानों में नहीं घटाया गया है. कोटेदारों को अन्तयोदय, मरेगा, मजदूर श्रमिक, जॉब कार्ड प्रवासी मजदूरों को फ्री में चावल और चना का वितरण किया गया था. जिनका भुगतान कोटेदारों के बैंक खातों में नहीं भेजा गया है. सभी कोटेदारों के देय भुगतान न होने के कारण आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.

अगर अगस्त माह में वितरण होने वाले चालानों में संशोधन नहीं होता है, तो आर्थिक संकट के कारण चालान जमा करने में असमर्थ होगें. इसके कारण वितरण कार्य ठप हो सकता है. इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी खाद्य एवं रसद विभाग जिला बरेली की होगी. कोटेदारों को कोरोना योद्धा मानते हुए आवश्यक सेवा का कार्य करते समय कोरोना बीमारी से ग्रस्त होने पर निःशुल्क एवं अन्य मानदेय प्राप्त करने वाले आशा वर्कर, आंगनबाडी, स्वास्थ्य वर्करों की भांति ही कोटेदारों को 50 लाख का दुर्घटना बीमा लाभ दिया जाए.

सुरक्षा संबंधी किट उपलब्ध कराने की मांग
कोरोना से बचाव के लिए कोटेदारों को चिकित्सा संबंधी किट जल्द से जल्द मुहैया कराई जाए, ताकि सभी राशन विक्रेता अपनी सुरक्षा कर सकें. बरेली के कोटेदारों ने जान की परवाह किए बिना राशन और आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया है. अब शासन और प्रशासन से अनुरोध है कि इन मांगों पर जल्द से जल्द विचार करें. अगर उपरोक्त मांगों पर विचार नहीं किया गया तो आर्थिक संकट से जूझ रहे कोटेदार अगस्त 2020 माह में आर्थिक संकट के कारण चालान जमा नहीं करेंगे. इसका सम्पर्ण उत्तरदायित्व रसद एवं खाद्य विभाग जिला बरेली का होगा.

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