बरेलीः जहां पूरे देश में होली की धूम है तो वहीं बरेली में गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल ऐतिहासिक राम बारात बड़े धूमधाम से निकाली गई. देश में होली के समय सिर्फ बरेली से ये राम बारात निकाली जाती है. इस राम बारात में हजारों हुरियारे एक दूसरे के ऊपर रंगों की बौछार कर नाचते-झूमते हुए नजर आए. राम बारात पर मुस्लिम समुदाय के लोग फूल वर्षा की. इस प्राचीन राम बारात की सुरक्षा के लिए पुलिस, पीएसी और पैरा मिलिट्री फोर्स को भारी संख्या में लगाया गया है.
बरेली में ऐतिहासिक राम बारात 162 वर्षों से लगातार निकाली गई. इस राम बरात में शामिल होने के लिए दूरदराज से आए लोग शामिल रहे. जगह-जगह पर राम बारात का स्वागत कर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पुष्प वर्षा की. श्रीराम बारात शहर के बमनपूरी से शुरू होकर शहर के मुख्य मार्गो से होकर वापस बमनपुरी नरसिंह मंदिर पर समाप्त हुई. बरेली महानगर के बीच स्थित मोहल्ला बबनपुरी में एक अनोखी रामलीला का मंचन भी किया गया. यह रामलीला 28 फरवरी को प्रारंभ होकर 15 मार्च तक आयोजित की जा रही है. इस राम बारात के साथ बग्गी और ठेलों पर रंग भरे ड्रम लेकर चल रहे लोग एक दूसरे को सराबोर करते रहे.
स्थानीय जनार्दन आचार्य ने बताया कि 'यह रामलीला 162 साल पुरानी है. हमारे बुजुर्गों ने रामलीला शुरू की थी. उनका मानना है कि रावण का अंत इसी महीने में हुआ था. चैत्र मास में रावण वध के संबंध में स्कंद पुराण में दी गई. कथा के अनुसार राम रावण युद्ध माघ द्वितीय से लेकर चैत्र कृष्ण चतुर्दशी तक 87 दिन तक चला था. लक्ष्मण मूर्छा के कारण बीच में केवल 15 दिन संग्राम बंद रहा और शेष 72 दिन तक दोनों पक्षों में युद्ध हुआ था. इसलिए बरेली में यह रामलीला का मंचन होली के समय कराया जाता है. मंगलवार को होली से एक दिन पहले ऐतिहासिक राम बारात पूरे शहर से बड़ी धूमधाम से निकाली गई. इस अनोखी रामलीला और राम बारात देखने के लिये लोग दूर-दूर से आए लोग शामिल रहे. यहां आकर रामलीला और राम बारात का भरपूर आनंद उठाया. रामलीला और राम बारात की सुरक्षा के लिए पुलिस के साथ-साथ पीएसी और पैरा मिलिट्री की कंपनियों को प्रशासन की तरफ से लगाया गया है.
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