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रामगंगा का हर दिन बढ़ रहा जलस्तर, 300 गांवों में अलर्ट जारी

बरेली की रामगंगा नदी में हर दिन जलस्तर बढ़ रहा है. नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर पर प्रशासन भी अपनी नजरें गड़ाए हुए हैं. आस-पास के गांवों को प्रशासन ने अलर्ट कर दिया है. जिले के करीब तीन सौ गांवों में अलर्ट जारी किया गया है.

रामगंगा का हर दिन बढ़ रहा जलस्तर.
रामगंगा का हर दिन बढ़ रहा जलस्तर.
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Published : Jul 27, 2021, 12:59 PM IST

बरेली: रामगंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है. नदी पर बने रेलवे के पुल के साथ-साथ नदी किनारे बसे गांवों में पानी घुसने का भी खतरा बढ़ गया है. नदी का जल स्तर हर दिन बढ़ रहा है. घाट पर रहने वाले लोगों व आस-पास के गांवों में प्रशासन ने सभी को अलर्ट कर दिया है. जिला प्रशासन ने सिंचाई विभाग समेत आलाधिकारियों को निगरानी के लिए निरन्तर हर घंटे होने वाले परिवर्तन पर नजर रखने का निर्देश दिया है.

300 गांव है रामगंगा किनारे जहां बना रहता है बाढ़ का खतरा
दरअसल, बरेली जिले के करीब तीन सौ गांव रामगंगा के नजदीक हैं. जहां रामगंगा का जलस्तर बढ़ते ही लोगों की परेशानियां बढ़नी शुरू हो जाती हैं. मानसून दस्तक दे चुके हैं तो नदियां भी उफान मार रही हैं. रामगंगा नदी में भी तेजी से जलस्तर खतरे के निशान की तरफ बढ़ रहा है.

बता दें कि बरेली जिले के मीरगंज, आवंला, सदर और फरीदपुर के तटवर्ती गांवों में बाढ़ की आशंका ऐसे में बनी रहती है. जिला प्रशासन ने इस बारे में तमाम दिशा निर्देश भी सम्बन्धित महकमों के अफसरों व जिम्मेदारों को जारी कर दिए हैं.

300 गांवों में अलर्ट जारी.

रेलवे पुल से 4 मीटर नीचे है जलस्तर
रेलवे पुल को खतरा पैदा होने से महज चार मीटर का फासला रह गया है. बाढ़ खंड विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक किसी गांव में पानी नहीं घुसा है. ग्रामीणों को सक्रिय कर दिया गया है.

पिछले साल हुई बारिश और वर्तमान में अंतर
बाढ़ खंड नियंत्रण कक्ष के आंकड़ों पर नजर डालें तो 1 जून से अब तक 410 .6 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. जबकि पिछले साल 21 जुलाई 2020 को 24 घंटे में 30.2 मिलीमीटर बारिश हुई थी और 1 जून 2020 से 21 जुलाई तक 240.4 मिलीमीटर बारिश होना रिकार्ड में दर्ज है. इससे माना जा रहा है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष बारिश 160 मिलीमीटर अधिक तो अभी तक ही हो चुकी है.

इसे भी पढ़ें-राम नगरी में सरयू ने धारण किया विकराल रूप, तराई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा

टीमें अलर्ट
सिंचाई विभाग के अफसरों ने बताया कि जलस्तर में दो मीटर से ज्यादा की वृद्धि होने पर येलो अलर्ट जारी किया जा चुका है. लोगों को नदी के करीब न जाने की सलाह दी गई है. इस बारे में डीएम नीतीश कुमार ने बताया कि बाढ़ चौकियों और गोताखोरों को सतर्क रहने के लिए निर्देश दे दिए गए हैं. रामगंगा नदी का जलस्तर 163 मीटर पहुंचने पर कई इलाकों के बाढ़ में घिरने की आशंका है.

2010 और 2012 में रामगंगा में बढ़े जलस्तर ने मचाई थी तबाही
गौरतलब है कि बरेली जनपद में 2010 और 2012 में रामगंगा में बढ़े जलस्तर ने जमकर तबाही मचाई थी. फरीदपुर, आंवला और मीरगंज तहसील के कई गांवों में स्थिति काफी भयावाह हो गई थी. शहर में भी रामगंगा का पानी घुस गया था. वर्तमान हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित 300 गांवों में 48 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया है.

इन इन क्षेत्रों में रहता है बाढ़ का खतरा
बरेली जिला प्रशासन की मानें तो जिले के सदर तहसील के 73 संवेदनशील और 13 अतिसंवेदनशील, बहेड़ी तहसील के 76 संवेदनशील और 14 अतिसंवेदनशील, आंवला तहसील के आठ संवेदनशील , नवाबगंज तहसील के 46 संवेदनशील और 16 अतिसंवेदनशील , फरीदपुर तहसील के 54 संवेदनशील और 27 अतिसंवेदनशील और मीरगंज तहसील के 115 संवेदनशील और 22 अतिसंवेदनशील स्थान पहले से ही चिन्हित हैं.

बरेली: रामगंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है. नदी पर बने रेलवे के पुल के साथ-साथ नदी किनारे बसे गांवों में पानी घुसने का भी खतरा बढ़ गया है. नदी का जल स्तर हर दिन बढ़ रहा है. घाट पर रहने वाले लोगों व आस-पास के गांवों में प्रशासन ने सभी को अलर्ट कर दिया है. जिला प्रशासन ने सिंचाई विभाग समेत आलाधिकारियों को निगरानी के लिए निरन्तर हर घंटे होने वाले परिवर्तन पर नजर रखने का निर्देश दिया है.

300 गांव है रामगंगा किनारे जहां बना रहता है बाढ़ का खतरा
दरअसल, बरेली जिले के करीब तीन सौ गांव रामगंगा के नजदीक हैं. जहां रामगंगा का जलस्तर बढ़ते ही लोगों की परेशानियां बढ़नी शुरू हो जाती हैं. मानसून दस्तक दे चुके हैं तो नदियां भी उफान मार रही हैं. रामगंगा नदी में भी तेजी से जलस्तर खतरे के निशान की तरफ बढ़ रहा है.

बता दें कि बरेली जिले के मीरगंज, आवंला, सदर और फरीदपुर के तटवर्ती गांवों में बाढ़ की आशंका ऐसे में बनी रहती है. जिला प्रशासन ने इस बारे में तमाम दिशा निर्देश भी सम्बन्धित महकमों के अफसरों व जिम्मेदारों को जारी कर दिए हैं.

300 गांवों में अलर्ट जारी.

रेलवे पुल से 4 मीटर नीचे है जलस्तर
रेलवे पुल को खतरा पैदा होने से महज चार मीटर का फासला रह गया है. बाढ़ खंड विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक किसी गांव में पानी नहीं घुसा है. ग्रामीणों को सक्रिय कर दिया गया है.

पिछले साल हुई बारिश और वर्तमान में अंतर
बाढ़ खंड नियंत्रण कक्ष के आंकड़ों पर नजर डालें तो 1 जून से अब तक 410 .6 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. जबकि पिछले साल 21 जुलाई 2020 को 24 घंटे में 30.2 मिलीमीटर बारिश हुई थी और 1 जून 2020 से 21 जुलाई तक 240.4 मिलीमीटर बारिश होना रिकार्ड में दर्ज है. इससे माना जा रहा है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष बारिश 160 मिलीमीटर अधिक तो अभी तक ही हो चुकी है.

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टीमें अलर्ट
सिंचाई विभाग के अफसरों ने बताया कि जलस्तर में दो मीटर से ज्यादा की वृद्धि होने पर येलो अलर्ट जारी किया जा चुका है. लोगों को नदी के करीब न जाने की सलाह दी गई है. इस बारे में डीएम नीतीश कुमार ने बताया कि बाढ़ चौकियों और गोताखोरों को सतर्क रहने के लिए निर्देश दे दिए गए हैं. रामगंगा नदी का जलस्तर 163 मीटर पहुंचने पर कई इलाकों के बाढ़ में घिरने की आशंका है.

2010 और 2012 में रामगंगा में बढ़े जलस्तर ने मचाई थी तबाही
गौरतलब है कि बरेली जनपद में 2010 और 2012 में रामगंगा में बढ़े जलस्तर ने जमकर तबाही मचाई थी. फरीदपुर, आंवला और मीरगंज तहसील के कई गांवों में स्थिति काफी भयावाह हो गई थी. शहर में भी रामगंगा का पानी घुस गया था. वर्तमान हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित 300 गांवों में 48 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया है.

इन इन क्षेत्रों में रहता है बाढ़ का खतरा
बरेली जिला प्रशासन की मानें तो जिले के सदर तहसील के 73 संवेदनशील और 13 अतिसंवेदनशील, बहेड़ी तहसील के 76 संवेदनशील और 14 अतिसंवेदनशील, आंवला तहसील के आठ संवेदनशील , नवाबगंज तहसील के 46 संवेदनशील और 16 अतिसंवेदनशील , फरीदपुर तहसील के 54 संवेदनशील और 27 अतिसंवेदनशील और मीरगंज तहसील के 115 संवेदनशील और 22 अतिसंवेदनशील स्थान पहले से ही चिन्हित हैं.

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