बरेली : राजेश को हमेशा से महिलाओं जैसा अहसास होता था. उनको लड़कियों जैसे शृंगार करना पसंद था. हमेशा लगता था कि उसका जिस्म लड़के जैसा है, मगर अंदर जो आत्मा है वो लड़की की है. हालांकि राजेश के घरवाले उसकी इन बातों का हमेशा विरोध करते थे.
राजेश (अब सोनिया) इज़्ज़तनगर कारखाना कार्यालय में तकनीकी ग्रेड पद पर अधिकारी है. उसके पिता रेलवे में थे. उनकी मौत के बाद उनकी जगह 19 मार्च 2003 को रेलवे में उनकी तैनाती हुई. राजेश उर्फ सोनिया के परिवार में उसकी 4 बहिनें और एक मां है. राजेश के घरवालों ने उसकी शादी 2012 में कर दी थी. पर उनका अपनी पत्नी के साथ रिश्ता सिर्फ 2 साल चला. उसके बाद राजेश (सोनिया) ने पत्नी से तलाक ले लिया.
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राजेश पांडेय ने सन 2017 में जेंडर परिवर्तन करा लिया और सोनिया पांडेय बन गईं. सोनिया ने अभिलेखों में अपना जेंडर बदलने के लिए इज़्ज़तनगर रेलवे के मुख्य कार्यालय में अधिकारियों से गुहार लगाई थी. रेलवे के रिकॉर्ड में उसका लिंग महिला दर्ज करने की अर्जी भी दी. लंबी लड़ाई के बाद अब जाकर रेलवे बोर्ड के आदेश पर राजेश पांडेय (सोनिया) के पास और मेडिकल कार्ड पर जेंडर महिला दर्ज कर लिया गया है.
राजेश (सोनिया) पांडेय अब पूरी तरह से सोनिया बन चुकी है. अब वह अपना घर बसाना चाहती है. इसके लिए उनके पास शादी के रिश्ते भी आ रहे है. एक लंबी प्रक्रिया के बाद उनको यह सफलता मिली. रेलवे के इतिहास में यह पहली बार हुआ कि किसी कर्मचारी का अभिलेखों में जेंडर बदला गया हो.
सोनिया ने बताया कि अब वह खुश हैं. नए साल में वह शादी करने जा रहीं हैं. उनको उनके ख्वाबों का शहजादा भी मिल गया है. उनके हाथों में भी सजना के नाम की मेहंदी लगेगी.