बरेली: कड़ाके की ठंड में हर कोई नहाने से बचता है, फिर चाहे वह बच्चे हों या जवान. अक्सर बच्चे तो बिना नहाए ही स्कूल पहुंच जाते हैं. ऐसे बच्चों को बरेली के फरीदपुर थाना क्षेत्र के इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल ने सबक सिखाया है. अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए प्रिंसिपल ने उन्हें स्कूल परिसर में ही पंपिंग सेट के टैंक में नहला दिया और खुद ही वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. ताकि बच्चे हर रोज नहाकर स्कूल आएं.
मामले में जिला विद्यालय निरीक्षक ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं. जिला विद्यालय निरीक्षक का कहना है कि यह बच्चों के प्रति शारीरिक दंड है, जो प्रधानाचार्य को नहीं करना चाहिए था. अगर कोई बच्चा नहा कर नहीं आया है तो उसके मां-बाप को बुलाकर बताना चाहिए था. मामले में जब प्रिंसिपल रणविजय यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह एक अनुशासन की प्रक्रिया है और बच्चों में ठंड का डर निकालने के लिए और रोज नहा कर आने के लिए उन्हें नहलाया गया था, ना की सजा दी गई थी.
बरेली के फरीदपुर थाना क्षेत्र के छत्रपति शिवाजी इंटर कॉलेज में सोमवार को जब प्रार्थना सभा चल रही थी, तभी शिक्षकों ने बच्चों से पूछा कि कौन-कौन नहाकर नहीं आया है. जिसके जवाब में कुछ बच्चों ने हाथ उठाकर नहाकर ना आने की बात स्वीकार की. बताया गया कि यह बच्चे पांच बच्चे इससे पहले भी नहाकर नहीं आए थे. जब बच्चों से नहाकर न आने का कारण पूछा गया तो उन्होंने ठंड को इसकी वजह बताया.
इसके बाद छात्रों को अनुशासन का पाठ पढ़ाने के लिए और मन से ठंड का डर निकालने के लिए प्रिंसिपल ने उन्हें पंपिंग सेट के टैंक में डुबकी लगवाई. बताया जा रहा है कि छत्रपति शिवाजी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य रणविजय सिंह यादव अनुशासन का पाठ पढ़ाने के लिए छात्रों को कॉलेज परिसर में ही लगे पंपिंग सेट के पास ले गए और फिर उन्हें नहलाया.
इतना ही नहीं प्रधानाचार्य रणविजय सिंह यादव छात्रों का नहाते हुए का वीडियो बनाकर भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. बताया जा रहा है कि छात्रों को इसलिए स्कूल में नहलाया गया ताकि आगे से उनके मन से ठंड का डर निकल जाए और वह रोज नहाकर स्कूल आ सकें. इसके साथ ही वीडियो को सोशल मीडिया पर इसलिए डाला गया ताकि अन्य बच्चों के मन से भी ठंड में नहाने का डर निकल जाए.
बरेली के जिला विद्यालय निरीक्षक देवकी सिंह ने बताया कि फरीदपुर के छत्रपति शिवाजी इंटर कॉलेज का मामला सामने आया है जो शासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय है. कॉलेज के प्रधानाचार्य द्वारा कुछ बच्चों को चिह्नित किया गया कि वह नहा कर नहीं आए हैं. उसके बाद उन्हें विद्यालय में ही पंपिंग सेट के टैंक में ठंडे पानी से नहलाया गया. एक तरह से यह बच्चों के प्रति शारीरिक दंड है, जो गलत है.
प्रधानाचार्य को इस तरह का काम नहीं करना चाहिए था. अगर बच्चे नहा कर नहीं आए थे तो उनके माता-पिता को बुलाकर उन्हें बताना चाहिए था. क्योंकि, विद्यालय शासकीय सहायता प्राप्त है, प्रबंधक विद्यालय के नियुक्ति के अधिकारी होते हैं. इसलिए उन्हें मामले में प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा जा रहा है. जो भी नियमानुसार कार्रवाई होगी वह प्रिंसिपल के खिलाफ की जाएगी.