बरेली: जिले के मोहनपुर का प्राथमिक विद्यालय कॉन्वेंट स्कूलों को मात दे रहा है. यही वजह है कि पूर्व में निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अब इस सरकारी स्कूल में दाखिला ले रहे हैं. मॉडल स्कूल की तर्ज पर विकसित इस सरकारी विद्यालय में अत्याधुनिक व्यवस्थाएं की गई हैं.
कायाकल्प योजना के तहत विकसित हुआ परिषदीय विद्यालय
सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए प्रदेश की योगी सरकार जतन कर रही है. कायाकल्प योजना के तहत स्कूलों को विकिसत कर शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाया जा रहा है. कायाकल्प के जरिए बच्चों की शिक्षा-दीक्षा में बड़ा बदलाव लाने की कोशिश जारी है. योजना के तहत सभी परिषदीय विद्यालयों को मॉडल स्कूल की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है. अब इसके परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं. इसकी बानगी आपको बरेली स्थित मोहनपुर गांव के सरकारी विद्यालय में देखने को मिल जाएगी. इसका श्रेय ग्राम प्रधान को जाता है.
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विद्यालय स्टाफ ने बदलाव कि दिशा में बढ़ाए कदम
ग्राम प्रधान, स्कूल के प्रधानाध्यक समेत सम्पूर्ण विद्यालय स्टाफ ने बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाए तो स्कूल की शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ हो गई. स्कूल के प्रधानाध्यक देव कुमार पटेल बताते हैं कि जब उन्होंने इस स्कूल की जिम्मेदारी संभाली तो ये स्कूल बदतर हालत में था. स्कूल की इमारत खंडहरनुमा थी. लिहाजा उन्होंने इसे सुधारने का बीड़ा उठाया. उनके बेहतर प्रयास को ग्राम प्रधान का साथ मिला. शुरुआती दिनों में कुछ दिक्कतें सामने आईं, लेकिन धीरे-धीरे ही सही पर बदलाव नजर आया. आज स्कूल मॉडल विद्यालय की तर्ज पर विकसित है. यही कारण है कि इस परिषदीय विद्यालय के प्रति आकर्षित होकर अभिभावक अपने बच्चों को यहीं पढ़ाना चाह रहे हैं.
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तकनीकि सुविधाओं से लैस हैं विद्यालय की कक्षाएं
इस परिषदीय विद्यालय में प्रोजेक्टर की मदद से छात्रों को पढ़ाया जाता है. स्कूल का रंग-रोगन कराकर खूबसूरत ढंग से सजाया गया है. मोहनपुर के इस परिषदीय विद्यालय का जिले और मंडल के तमाम अधिकारी भ्रमण कर चुके हैं. अधिकारियों ने तकनीकि व्यवस्थाओं और पढ़ाई की गुणवत्ता को परख कर प्रधानाध्यापक की लगन और ग्राम प्रधान की सोच को सराहा है.
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प्रधानाध्यापक देव कुमार पटेल कहते हैं कि वर्तमान सत्र में स्कूल में 445 छात्र पंजीकृत हैं. छात्रों ने बताया कि यहां के अध्यापकों का पढ़ाने का तरीका बेहद सरल और रुचिकर है. शिक्षकों के रवैये और गुणवत्तापरक शिक्षा पद्धति से अभिभावक और स्टूडेंट्स बेहद प्रसन्न हैं. स्कूल की आधुनिक पढ़ाई व्यवस्था देख 100 से अधिक अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला कराने के लिए सम्पर्क कर चुके हैं.