बरेली : साल भर पहले मलेरिया की रोकथाम में नाकाम रहा स्वास्थ्य विभाग अब प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम के आगे पस्त पड़ गया है. प्रदेश भर में इस खतरनाक बुखार से पीड़ित कुल मरीजों में से 99 फीसद बरेली मंडल के 2 जिलों में पाए गए हैं. विभाग इसी बात से खुश है कि पिछले साल की तुलना में आंकड़ा कुछ कम हुआ है. पिछली साल इस जानलेवा प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम बुखार से सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है.
प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम का प्रकोप
- मंडल के बरेली और बदायूं जिले में 2018 में मलेरिया का प्रकोप फैला था.
- इस वर्ष भी खतरनाक पैरासाइट प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम के कारण कई लोग बीमार पड़ गए हैं.
- इस बार प्रदेश में प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम के 99 फीसदी से अधिक मरीज अकेले बरेली और बदायूं जिले में पाए गए हैं.
- मरीजों में इस फाल्सीपेरम की पुष्टि होते ही इलाज कराया जा रहा है.
- अभी तक इस बीमारी से किसी भी मरीज के मौत की पुष्टि नहीं हुई है.
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मलेरिया दो प्रकार के होते हैं पैरासाइट प्लाज्मोडियम और कैल्शियम बाइक्स. इनमें फाल्सीपेरम बुखार जानलेवा होता है. मरीज की कुछ घंटों में ही मौत तक संभव है. पता लगने पर तुरंत उपचार और दवा मिलने से जीवन बचाया जा सकता है. जितना हो सके मच्छरों से बचें.
- विनीत शुक्ला, सीएमओ