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क्या ऐसे बनेगा बरेली स्मार्ट शहर, जब गंदगी आ रही हर जगह नजर?

बरेली शहर का स्मार्ट बनने का सपना चकनाचूर होता नजर आ रहा है. अफसरों के स्मार्ट सिटी बनाने का दावा गंदगी और खस्ता हाल सड़कों के बीच फेल साबित हो रहा है. शहर के सुभाष नगर क्षेत्र में गंदगी और कूड़े के ढेर से स्थानीय लोग खासा परेशान हैं.

सुभाष नगर क्षेत्र में गंदगी से स्थानीय लोग परेशान.
सुभाष नगर क्षेत्र में गंदगी से स्थानीय लोग परेशान.
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Published : Feb 19, 2021, 2:34 PM IST

बरेली: स्मार्ट सिटी योजना के तहत सरकार ने बरेली शहर को स्मार्ट बनाने का बड़ा तोहफा दिया था. शहर की सड़कों को स्मार्ट बनाने के फैसले से लोगों में गजब का उत्साह था. माना जा रहा था कि सड़कों के निर्माण और उसकी साफ-सफाई से शहरवासियों को काफी सहूलियत मिलेगी. लेकिन जिला प्रशासन की बेरुखी से कूड़े के ढेर और खस्ता हाल सड़कों से बरेली के स्मार्ट बनने का सपना चकनाचूर होता नजर आ रहा है.

सुभाष नगर में गंदगी से लोग परेशान.

विकास से कोसों दूर है बरेली शहर

यूं तो बरेली को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए तमाम कोशिशें हो रही हैं, अफसर ऐसा दावा करने से नहीं थकते, लेकिन यहां जमीनी तौर पर शहर विकास से कोसों दूर नजर आ रहा है. महानगर के सुभाष नगर क्षेत्र में गंदगी और कूड़े के अंबार से स्थानीय लोग परेशान हैं. स्थानीय नागरिकों में खासा आक्रोश भी है.

सुभाष नगर में गंदगी से लोग परेशान.
सुभाष नगर में गंदगी से लोग परेशान.
दावा ये किया गया था कि कुछ चुनिंदा शहरों को स्मार्ट सिटी बनाया जाए, जहां तमाम अत्याधुनिक सुविधाएं नागरिकों को मिलें. खासकर साफ-सफाई से लेकर बेहतर जीवन शैली को लोग अपना सकें. लेकिन बरेली का सुभाषनगर क्षेत्र अभी भी विकास से कोसों दूर नजर आता है. आलम ये है कि यहां अलग-अलग क्षेत्र में गंदगी के अंबार देखे जा सकते हैं.
सुभाष नगर में गंदगी से लोग परेशान.
सुभाष नगर में गंदगी से लोग परेशान.
गंदगी से हर कोई परेशान

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि भले ही स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की गई हो, लेकिन सुभाषनगर क्षेत्र में विकास दिखने को नहीं मिलता. लोगों का आरोप है कि नगर निगम और स्थानीय प्रशासन की वजह से शहर में गंदगी के अंबार देखने को मिल जाएंगे. शहर की खस्ता हाल सड़कें और नालियों में उफनता काला गंदा पानी अधिकारियों के तमाम बड़े दावों की पोल खोल रहा है.


अघोषित डंपिंग ग्राउंड की वजह से रहती है बदबू और गंदगी

लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहरों को साफ-सुथरा बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन अभियान की शुरुआत की थी. स्वच्छता पर लगातार जोर भी दिया जा रहा है. लेकिन प्रशासन ने सुभाष नगर में ही अघोषित डंपिंग ग्राउंड बना रखा है, जिसकी वजह से इलाकाई लोगों को घरों से निकलना भी दूभर हो रहा है.

मेयर बोले जल्द होगा समस्या का निदान

शहर के मेयर उमेश गौतम का कहना है कि स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत शहर में साफ-सफाई का काम हो रहा है. शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए तमाम कोशिशें हो रही हैं. थोड़ा समय तो लगेगा, लेकिन शहर की तस्वीर जरूर बदलेगी.

खासतौर पर महानगर का रेलवे लाइन के दूसरी तरफ का क्षेत्र तमाम तरह की अव्यवस्थाओं से घिरा हुआ है. यहां जाम की समस्या आम है और बेसहारा गोवंश के सड़कों पर अतिक्रमण से आने-जाने वाले लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लेकिन प्रशासन इस ओर को ध्यान नहीं दे रहा है.

बरेली: स्मार्ट सिटी योजना के तहत सरकार ने बरेली शहर को स्मार्ट बनाने का बड़ा तोहफा दिया था. शहर की सड़कों को स्मार्ट बनाने के फैसले से लोगों में गजब का उत्साह था. माना जा रहा था कि सड़कों के निर्माण और उसकी साफ-सफाई से शहरवासियों को काफी सहूलियत मिलेगी. लेकिन जिला प्रशासन की बेरुखी से कूड़े के ढेर और खस्ता हाल सड़कों से बरेली के स्मार्ट बनने का सपना चकनाचूर होता नजर आ रहा है.

सुभाष नगर में गंदगी से लोग परेशान.

विकास से कोसों दूर है बरेली शहर

यूं तो बरेली को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए तमाम कोशिशें हो रही हैं, अफसर ऐसा दावा करने से नहीं थकते, लेकिन यहां जमीनी तौर पर शहर विकास से कोसों दूर नजर आ रहा है. महानगर के सुभाष नगर क्षेत्र में गंदगी और कूड़े के अंबार से स्थानीय लोग परेशान हैं. स्थानीय नागरिकों में खासा आक्रोश भी है.

सुभाष नगर में गंदगी से लोग परेशान.
सुभाष नगर में गंदगी से लोग परेशान.
दावा ये किया गया था कि कुछ चुनिंदा शहरों को स्मार्ट सिटी बनाया जाए, जहां तमाम अत्याधुनिक सुविधाएं नागरिकों को मिलें. खासकर साफ-सफाई से लेकर बेहतर जीवन शैली को लोग अपना सकें. लेकिन बरेली का सुभाषनगर क्षेत्र अभी भी विकास से कोसों दूर नजर आता है. आलम ये है कि यहां अलग-अलग क्षेत्र में गंदगी के अंबार देखे जा सकते हैं.
सुभाष नगर में गंदगी से लोग परेशान.
सुभाष नगर में गंदगी से लोग परेशान.
गंदगी से हर कोई परेशान

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि भले ही स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की गई हो, लेकिन सुभाषनगर क्षेत्र में विकास दिखने को नहीं मिलता. लोगों का आरोप है कि नगर निगम और स्थानीय प्रशासन की वजह से शहर में गंदगी के अंबार देखने को मिल जाएंगे. शहर की खस्ता हाल सड़कें और नालियों में उफनता काला गंदा पानी अधिकारियों के तमाम बड़े दावों की पोल खोल रहा है.


अघोषित डंपिंग ग्राउंड की वजह से रहती है बदबू और गंदगी

लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहरों को साफ-सुथरा बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन अभियान की शुरुआत की थी. स्वच्छता पर लगातार जोर भी दिया जा रहा है. लेकिन प्रशासन ने सुभाष नगर में ही अघोषित डंपिंग ग्राउंड बना रखा है, जिसकी वजह से इलाकाई लोगों को घरों से निकलना भी दूभर हो रहा है.

मेयर बोले जल्द होगा समस्या का निदान

शहर के मेयर उमेश गौतम का कहना है कि स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत शहर में साफ-सफाई का काम हो रहा है. शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए तमाम कोशिशें हो रही हैं. थोड़ा समय तो लगेगा, लेकिन शहर की तस्वीर जरूर बदलेगी.

खासतौर पर महानगर का रेलवे लाइन के दूसरी तरफ का क्षेत्र तमाम तरह की अव्यवस्थाओं से घिरा हुआ है. यहां जाम की समस्या आम है और बेसहारा गोवंश के सड़कों पर अतिक्रमण से आने-जाने वाले लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लेकिन प्रशासन इस ओर को ध्यान नहीं दे रहा है.

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