ETV Bharat / state

बरेली: स्वच्छ भारत मिशन की उड़ी धज्जियां, कचरे से परेशान जनता

बरेली जिले में लोग कचरे के ढेर से परेशान हैं. लोगों का कहना है कि घर के आस-पास कूड़े का ढेर जमा रहता है, जिसके कारण गंदगी फैलती है. यहां एक एक महीने तक कूड़ा उठाने वाला कोई नहीं आता, जिससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

स्वच्छ भारत मिशन की उड़ी धज्जियां, कचरे से परेशान जनता
author img

By

Published : Oct 13, 2019, 8:17 PM IST

बरेली: स्वच्छ भारत अभियान के छह साल पूरे हो गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो अक्टूबर 2014 को इसकी शुरुआत की थी. स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों को भी इससे जोड़ा गया और उन्हें सफाई को लेकर जागरूक किया गया. हालात देखकर तो यही लगता है कि प्रधानमंत्री का ये मिशन शायद लोगों ने और प्रशासन ने सिर्फ सुनने और कहने के लिए लागू किया है.

स्वच्छ भारत मिशन की उड़ी धज्जियां, कचरे से परेशान जनता
सीता राम कूचा में बने कचरा घर से आस पास के लोग परेशान हैं. लोगों का कहना है कि स्वच्छ भारत अभियान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक जो भी प्रयास किये हैं वो सारे विफल होते दिख रहे हैं. इस मिशन में स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों को भी इससे जोड़ा गया, लेकिन देश में स्वच्छता को लेकर बने योजना का असर सिर्फ दीवारों पर इश्तेहारों में दिखाई देता नजर आता है.

इसके बारे में नगर निगम में कई बार ज्ञापन भेजा है. यहां कचड़े की वजह से गंदगी फैल रही है. बदबू और गंदगी की वजह से यहां के लोगों का जीना मुहाल हो गया है.

-महावीर, स्थानीय निवासी

यहां पर महीनों महीनों तक कूड़ों का ढ़ेर पड़ा रहता है. हमलोग का जीना मुश्किल हो गया है यहां पर 7 से 8 कुत्ते तक दबे हुए हैं.

-मोहित, स्थानीय निवासी

बरेली: स्वच्छ भारत अभियान के छह साल पूरे हो गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो अक्टूबर 2014 को इसकी शुरुआत की थी. स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों को भी इससे जोड़ा गया और उन्हें सफाई को लेकर जागरूक किया गया. हालात देखकर तो यही लगता है कि प्रधानमंत्री का ये मिशन शायद लोगों ने और प्रशासन ने सिर्फ सुनने और कहने के लिए लागू किया है.

स्वच्छ भारत मिशन की उड़ी धज्जियां, कचरे से परेशान जनता
सीता राम कूचा में बने कचरा घर से आस पास के लोग परेशान हैं. लोगों का कहना है कि स्वच्छ भारत अभियान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक जो भी प्रयास किये हैं वो सारे विफल होते दिख रहे हैं. इस मिशन में स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों को भी इससे जोड़ा गया, लेकिन देश में स्वच्छता को लेकर बने योजना का असर सिर्फ दीवारों पर इश्तेहारों में दिखाई देता नजर आता है.

इसके बारे में नगर निगम में कई बार ज्ञापन भेजा है. यहां कचड़े की वजह से गंदगी फैल रही है. बदबू और गंदगी की वजह से यहां के लोगों का जीना मुहाल हो गया है.

-महावीर, स्थानीय निवासी

यहां पर महीनों महीनों तक कूड़ों का ढ़ेर पड़ा रहता है. हमलोग का जीना मुश्किल हो गया है यहां पर 7 से 8 कुत्ते तक दबे हुए हैं.

-मोहित, स्थानीय निवासी

Intro:एंकर:- स्वच्छ भारत अभियान के छह साल पूरे हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो अक्टूबर 2014 को इसकी शुरुआत की थी। स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों को भी इससे जोड़ा गया और उन्हें सफाई को लेकर जागरूक किया गया। लेकिन हालात देखकर तो यही लगता है कि प्रधान मंत्री जी का ये मिशन शायद लोगों ने और प्रशासन ने सिर्फ सुनने और कहने के लिए लागू किया है।


Body:Vo:-  स्वच्छ भारत अभियान के लिए  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अब तक जोभी प्रयास किये वो सारे उनके विफल होते दिख रहे है। इस मिशन मैं स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों को भी इससे जोड़ा गया और उन्हें सफाई को लेकर जागरूक किया गया। इस अभियान मे साफ-सफाई का लक्ष्य कभी पूरा नहीं हो सकेगा।  देश में स्वच्छता को लेकर बने माहौल का ही असर सिर्फ दीवारों पर इश्तेहार पर ही दखियी देता नज़र आता है लेकिन असल जिंदगी मैं तो सब बिकुल फुस्स नज़र आता है।

बाईट:- महावीर स्थानीय निवासी।

बाईट :- नेहा

बाईट :-मोहित

Vo2:- उप सभापति जी के अनुसार सीता राम कूचा मैं बने कचरा घर को हटाने के लिए प्रयास तो किये जा रहे है लेकिन जनता इन प्रयासों से खुश नहीं दिख रही जनता की माने तो जिस जगह पर ये कचरा घर बना है। उसके आस पास के लोगों मे बीमारी की शिकायतें भी सुनने मैं आयी है बच्चों को स्कूल आने जाने मैं भी बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

बाईट:- उप सभापति अतुल कपूर




Conclusion:Fvo:- अब देखना ये होगा के कब तक इस चौराहे से ये कचरा घर हटाया जाएगा। बाकी तो स्वछ भारत मिशन पर तो इन हालातों से सेंध लगती नज़र आ रही है।

रंजीत शर्मा

9536666643

ई टी वी भारत


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.