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हज यात्रा के आवेदन पर कोरोना का असर, जानिए नई तारीख - reduction in number of Haj applicants in bareilly

कोरोना के चलते इस बार हज यात्रियों के आवेदन की संख्या में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. इस बार बरेली जिले से अब तक केवल 121 लोगों ने ही हज के लिए आवेदन किया है.

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हज यात्री के आवेदकों की संख्या में कमी
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Published : Dec 21, 2020, 3:55 PM IST

बरेलीः बंदिशो और दुश्वारियों ने हज आवेदन की संख्या काफी कम करा दी है. इस बार साल 2021 के लिए हज आवेदनों में बेहद कमी आ रही है. दरअसल, हज यात्रा पर जाने वालों के लिए भारत सरकार और सऊदी सरकार ने तमाम प्रतिबंध लगा दिए हैं. यह प्रतिबंध कोरोना वायरस को देखते हुए लगाया गया है. वहीं हज यात्रा इस साल पहले की अपेक्षा काफी महंगी भी साबित हो रही है.

हज यात्रा पर कोरोना का असर

हज यात्रियों की संख्या में कमी
बरेली हज सेवा समिति के संस्थापक पम्मी खान वारसी ने बताया कि पिछले पचास सालों में इस बार सबसे कम हजयात्री आवेदन कर रहे हैं. जिसका प्रमुख कारण कोरोना वायरस है. पम्मी खान वारसी ने बताया मजहब-ए-इस्लाम के पांच बुनियादी और अहम रुक्न में तौहीद, नमाज, रोजा, जकात के साथ ही हज भी शामिल है. लेकिन अगले साल 2021 में हज यात्रा पर कम लोग जा सकेंगे. कोविड-19 की गाइडलाइन के साथ बेहद महंगी होने वाली हज यात्रा के लिए इस साल बहुत कम आवेदन किए गए हैं. हज आवेदन की शुरूआत 7 नवंबर से की गई. इसके लिए अंतिम तारीख 10 दिसम्बर थी.

कम आवेदन के चलते बढ़ाई गई तारीख
हज कमेटी ऑफ इंडिया ने हज आवेदन कम होने की वजह से फॉर्म भरने का समय एक महीना बढ़ाकर 10 जनवरी कर दिया है. बरेली जिले से अब तक लगभग 121 लोगों ने ही हज आवेदन किया है. आवेदकों की संख्या के लिहाज से यह आंकड़ा 50 सालों में अबतक सबसे कम है. साल 2020 में जिले से करीब 924 लोगों का हज के लिए चयन हुआ था. लेकिन कोविड-19 की वजह से भारत सहित सभी देशों की हज यात्रा को रदद् कर दिया गया था. केवल सऊदी में रहने वाले 10 हजार लोगों को ही हज करने का मौका मिला था.

हज यात्रा के लिए नई गाइडलाइन जारी
अगले साल होने वाली यात्रा के लिए कड़ी शर्ते लागू की गई हैं. ग्रुप में जाने वाले आजमीन की तादात पांच से घटाकर तीन कर दी गई है. उम्र की बंदिश भी बड़ी बाधा बनी हुई है. इस बार 18 साल से कम आयु और 65 साल से ज्यादा आयु के लोगों को हज यात्रा पर जाने की इजाजत नहीं है. जबकि भारत से हज पर जाने वाले करीब 60 फीसदी आजमीन 65 साल से अधिक उम्र के होते हैं. वो अपनी घरेलू जिम्मेदारियों को निपटाने के बाद ही हज पर जाते हैं. अभी कई नियम शर्ते लगाई गई हैं.

पूरे प्रदेश में भी आवेदन में आई गिरावट
पूरे प्रदेश में हज आवेदन में भारी गिरावट आई है. इसी तरह देशभर से अब तक लगभग 40 हजार आवेदन हुए हैं. जबकि यूपी से पिछले सालों में 30 हजार से लेकर 45 हजार हज फॉर्म भरे जाते थे. वहीं पूरे देश से 3 से साढ़े तीन लाख हज आवेदन होते थे. जिसमें भारत से एक लाख 75 हजार से लेकर 2 लाख हज यात्री जाते थे.

बरेलीः बंदिशो और दुश्वारियों ने हज आवेदन की संख्या काफी कम करा दी है. इस बार साल 2021 के लिए हज आवेदनों में बेहद कमी आ रही है. दरअसल, हज यात्रा पर जाने वालों के लिए भारत सरकार और सऊदी सरकार ने तमाम प्रतिबंध लगा दिए हैं. यह प्रतिबंध कोरोना वायरस को देखते हुए लगाया गया है. वहीं हज यात्रा इस साल पहले की अपेक्षा काफी महंगी भी साबित हो रही है.

हज यात्रा पर कोरोना का असर

हज यात्रियों की संख्या में कमी
बरेली हज सेवा समिति के संस्थापक पम्मी खान वारसी ने बताया कि पिछले पचास सालों में इस बार सबसे कम हजयात्री आवेदन कर रहे हैं. जिसका प्रमुख कारण कोरोना वायरस है. पम्मी खान वारसी ने बताया मजहब-ए-इस्लाम के पांच बुनियादी और अहम रुक्न में तौहीद, नमाज, रोजा, जकात के साथ ही हज भी शामिल है. लेकिन अगले साल 2021 में हज यात्रा पर कम लोग जा सकेंगे. कोविड-19 की गाइडलाइन के साथ बेहद महंगी होने वाली हज यात्रा के लिए इस साल बहुत कम आवेदन किए गए हैं. हज आवेदन की शुरूआत 7 नवंबर से की गई. इसके लिए अंतिम तारीख 10 दिसम्बर थी.

कम आवेदन के चलते बढ़ाई गई तारीख
हज कमेटी ऑफ इंडिया ने हज आवेदन कम होने की वजह से फॉर्म भरने का समय एक महीना बढ़ाकर 10 जनवरी कर दिया है. बरेली जिले से अब तक लगभग 121 लोगों ने ही हज आवेदन किया है. आवेदकों की संख्या के लिहाज से यह आंकड़ा 50 सालों में अबतक सबसे कम है. साल 2020 में जिले से करीब 924 लोगों का हज के लिए चयन हुआ था. लेकिन कोविड-19 की वजह से भारत सहित सभी देशों की हज यात्रा को रदद् कर दिया गया था. केवल सऊदी में रहने वाले 10 हजार लोगों को ही हज करने का मौका मिला था.

हज यात्रा के लिए नई गाइडलाइन जारी
अगले साल होने वाली यात्रा के लिए कड़ी शर्ते लागू की गई हैं. ग्रुप में जाने वाले आजमीन की तादात पांच से घटाकर तीन कर दी गई है. उम्र की बंदिश भी बड़ी बाधा बनी हुई है. इस बार 18 साल से कम आयु और 65 साल से ज्यादा आयु के लोगों को हज यात्रा पर जाने की इजाजत नहीं है. जबकि भारत से हज पर जाने वाले करीब 60 फीसदी आजमीन 65 साल से अधिक उम्र के होते हैं. वो अपनी घरेलू जिम्मेदारियों को निपटाने के बाद ही हज पर जाते हैं. अभी कई नियम शर्ते लगाई गई हैं.

पूरे प्रदेश में भी आवेदन में आई गिरावट
पूरे प्रदेश में हज आवेदन में भारी गिरावट आई है. इसी तरह देशभर से अब तक लगभग 40 हजार आवेदन हुए हैं. जबकि यूपी से पिछले सालों में 30 हजार से लेकर 45 हजार हज फॉर्म भरे जाते थे. वहीं पूरे देश से 3 से साढ़े तीन लाख हज आवेदन होते थे. जिसमें भारत से एक लाख 75 हजार से लेकर 2 लाख हज यात्री जाते थे.

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