बरेलीः यूपी सरकार एक तरफ विकास के तमाम दावे कर रही है. वहीं, तमाम लोग समस्याओं की शिकायत कर रहे हैं. बरेली जिले के भोजीपुरा ब्लॉक का गांव करमपुर चौधरी भी इसी में से एक है. यहां के ग्रामीणों का आरोप है कि सरकारी विकास योजनाएं यहां पूरी तरह से पहुंच ही नहीं पाईं है. करमपुर चौधरी गांव के लोग गंदगी से परेशान हैं और रास्ते आज भी अपनी सूरत बदलने का इंतजार ही कर रहे हैं. देखिए ये ग्राउंड जीरो रिपोर्ट.
बरेली जिले का भोजीपुरा ब्लॉक में स्थित है गांव करमपुर चौधरी. ये गांव बरेली नैनीताल हाइवे के करीब है. ग्रामीणों का आरोप है कि गांव की सुध न तो जनप्रतिनिधियों को है, और न अफसरों को. यहां पर रास्ते पूरी तरह से जर्जर हैं. नालियां गंदगी से बजबजा रही हैं. गंदगी के अंबार गांव में देखे जा सकते हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि पिछले 5 साल में ऐसा कुछ नहीं हुआ जिसका जिक्र किया जा सके. एक सामूहिक शौचालय गांव में बनाया गया है, जिसमें हर वक्त ताला लगा रहता है. वहीं विद्यालय की हालत पर ग्रामीणों का कहना था कि भवन की हालत तो सुधरी है लेकिन पढ़ाई का स्तर नहीं सुधर पाया. कई ग्रामीणों ने बताया कि वह बार-बार प्रधान से लेकर सेक्रेटरी तक के चक्कर लगाते रहे लेकिन उन्हें अभी भी शौचालय नसीब नहीं हुआ. ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि जो शौचालय बने हैं वो सिर्फ प्रधान के सगे-संबंधियों और परिचितों के बने हैं.
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की बात की तो लोगों ने बताया कि कई लोगों ने न जाने कितनी बार फॉर्म जमा किए लेकिन इस योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पाया. गांव के ही रहने वाले कई लोगों ने बताया कि वह बेघर हैं. जमीन हालांकि उनके पास है लेकिन वह छप्पर डालकर किसी तरह रहते हैं. एक बुजुर्ग बसरूद्दीन ने तो ईटीवी भारत की टीम को रोककर अपना दर्द बयां किया. उन्होंने बताया कि गांव में गंदगी इस कदर है कि नमाज के लिए मस्जिद जाते समय के रास्तों में पसरी गंदगी के चलते नमाज नहीं पाते, कपड़े गंदे हो जाया करते हैं. गांव की बुजुर्ग महिला नाजिया बेगम, असगर खान ने भी इसी तरह की शिकायतें की. असगर खान ने बताया कि उन्होंने मनरेगा में काम करने के लिए इच्छा जताई थी, जिसके लिए पहले तो अफसरों से लेकर गांव प्रधान तक के यहां तक दौड़भाग कि लेकिन सिर्फ एक दिन काम करने को मिला.