बरेली: प्रशासन भले ही गांव में निगरानी समिति गठित कर घर-घर जाकर कोरोना से मिलते-जुलते लक्षणों से पीड़ित लोगों की जांच कराने का दावा कर रहा हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. शाही थाना क्षेत्र के गांव धनेली में दो घंटे के अंदर 28 वर्षीय महिला और उसके दो साल के बेटे की मौत हो गई, जबकि उसकी छह महीने की बेटी की हालत गंभीर बनी हुई है.
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भट्ठे पर मजदूरी कर पालता है पेट
धनेली गांव का फूल सिंह पत्नी-बच्चों के साथ शेरगढ़ थाना क्षेत्र के गांव बैरमनगर में भट्ठे पर मजदूरी में ईंटें पाथने का काम करता है. दो दिन पहले उसकी 28 वर्षीय पत्नी लक्ष्मी देवी को बुखार आया तो उसने बैरमनगर में ही एक झोलाछाप से दवा दिला दी, लेकिन शनिवार को तबीयत में सुधार नहीं हुआ. वह पत्नी-बच्चों को लेकर धनेली चला आया. शनिवार दोपहर के समय पत्नी की तबीयत बिगड़ने पर वह उसे लेकर दुनका जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया. पत्नी का शव लेकर घर पहुंचा ही था कि दो साल के बेटे की भी हालत बिगड़ने लगी. उसका शरीर भी कई दिनों से तप रहा था. उसने दुनका में एक डॉक्टर के यहां से उसे दवा दिलाई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. दोपहर करीब दो बजे उसने भी दम तोड़ दिया.
बेटी की भी तबीयत खराब
महिला की छह महीने की बेटी की हालत भी गंभीर बताई जा रही है. उसे भी कई दिनों से बुखार आ रहा है. मां-बेटे की मौते होने पर गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है.