बरेली: मूलरूप से जिला शाहजहांपुर के गांव नजरपुर के रहने वाले जगदीश उर्फ अब्दुल्ला के सामने परिवार का पेट भरने की समस्या खड़ी हो गई है. लॉकडाउन के कारण उनका काम बंद हो गया है. ऐसे में जगदीश पत्नी शबनम और पांच बच्चों के साथ रिक्शे से ही अपने घर की ओर निकल पड़े. मीरगंज इलाके के हाइवे पर उनका रिक्शा रोक लिया गया और पूरे परिवार को हाइवे के एक प्रवासियों के कैंप कार्यालय में ठहराया गया. प्रशासन की सूची में जब उन्होंने अपना नाम जगदीश उर्फ अब्दुल्ला बताया तो राज खुला.
जगदीश ने बताया कि बचपन में ही सिर से उठे मां बाप के साये के बाद गांव में दूसरों के सहारे पले बढ़े जगदीश बिहार की रहने वाली शबनम के संपर्क में आए. इसके बाद वो जगदीश से अब्दुल्ला बन गए. दोनों ने जाति-धर्म से ऊपर उठकर जिंदगी का लंबा सफर तय किया.करीब 25 सालों से वे एक-दूसरे के साथ हैं. जगदीश की पांच संतानें हैं. जगदीश ने बताया कि दोनों हिमाचल प्रदेश और मुरादाबाद आदि क्षेत्रों में जाकर मेहनत मजदूरी करके पूरे परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं. वर्तमान में लॉकडाउन के कारण उनके सामने रोजी-रोटी का संकट है.
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