बरेलीः जिले के एक युवक को अपने दोस्त पर विश्वास करना महंगा पड़ गया. युवक का आरोप है कि उसके एक सहपाठी ने उसे नौकरी लगवाने के लिए लखनऊ बुलाया था. यहां कोई नशीला पदार्थ खिलाया और जब वो होश में आया तो दोनों हाथों से अपाहिज हो चुका था. पिछले कई महीने से पीड़ित इलाज करा रहा था. अब न्याय के लिए अफसरों की चौखटों पर फरियाद लगा रहा है.
ये है पूरा मामला
बरेली जनपद के बिशारतगंज थाना क्षेत्र में रहने वाला 20 वर्षीय युवक योगेश जिले के ही प्रेम प्रकाश गुप्ता इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पढ़ाई कर रहा था. उसने बताया कि उसके साथ ही फरीदपुर कस्बे का युवक भी पढ़ाई कर रहा था. योगेश के अनुसार 31 जनवरी को उसके दोस्त राजवीर ने उसे फोन करके बताया था कि उसकी लखनऊ में नौकरी लग गई है. उसने यह भी कहा था कि तुम भी लखनऊ आ जाओ, तुम्हारी भी हम नौकरी लगवा देंगे.
4 लाख रुपये की मांग
पीड़ित युवक का कहना है कि दोस्त की बातों पर भरोसा करके वह लखनऊ चला गया. नौकरी दिलाने के नाम पर वहां इसके दोस्त ने 4 लाख रुपये की मांग की. युवक ने बताया कि उसके पिता मजदूरी करके किसी तरह जीवन-यापन करते हैं, लिहाजा वह 4 लाख रुपये नहीं दे सकता.
नशीला पदार्थ पिलाकर एसिड से हाथों को किया डैमेज
युवक और उसके परिजनों का आरोप है कि पैसा देने से मना करने पर उसके दोस्त और कुछ अन्य लोगों ने रात के समय चाय में कुछ नशीला पदार्थ मिला दिया, जिसे पीकर वह बेहोश हो गया. जब सुबह उसे होश आया तब वह अस्पताल में भर्ती था. वहां उसका उपचार चल रहा था. इस पर उसका सीना जला हुआ था और दोनों हाथों की पूरी खाल गायब थी.
अब तक करा रहे थे परिजन योगेश का इलाज
पीड़ित के परिजनों ने बताया कि पिछले कई माह से वो अपने बेटे को बचाने के लिए जगह-जगह लेकर उपचार के लिए भागदौड़ कर रहे थे, लेकिन वो अपने बेटे के दोनों हाथों को सुरक्षित नहीं बचा पाए. इससे मजबूरन डॉक्टरों को दोनों हाथ की हड्डियों को कंधों से निकालना पड़ गया.
इंसाफ चाहता है परिवार
अपने बेटे के साथ एसएसपी दफ्तर पहुंचे कल्लू राम ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि वो इंसाफ चाहते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें कानून पर भरोसा है. पीड़ित युवक के पिता कल्लू का कहना है कि अब तक वह अपने बेटे का इलाज करा रहे थे. किसी तरह बेटे की जान तो बच गई लेकिन जीवन भर के लिए जो दर्द उनके बेटे को मिला है वह पल-पल उन्हें कचोटता है.
एडीजी के आदेश पर दर्ज हुई थी आरोपियों के विरुद्ध FIR
पीड़ित परिवार का आरोप है कि इस मामले में अब तक कई बार अधिकारियों की चौखट पर आकर न्याय की गुहार भी लगाई है लेकिन आज तक भी पुलिस ने कोई कार्रवाई किसी के विरुद्ध नहीं की है. युवक ने बताया कि एडीजी जोन से भी उन्होंने इस संबंध में मुलाकात कर अपनी आपबीती सुनाते हुए इंसाफ करने को गुहार लगाई थी, जिस पर एडीजी के आदेश के बाद पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन अभी तक आगे कार्रवाई नहीं की.
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दो प्रोफेसरों समेत तीन लोग हैं नामजद
पीड़ित का कहना है कि उक्त युवक ने तो दोस्ती में दगा दिया ही साथ ही दो प्रोफेसर भी इंस्टीट्यूट लखनऊ में राजवीर के साथ इस पूरे वाकिये के दौरान साथ में थे, लिहाजा तीनों के खिलाफ इस मामले में रिपोर्ट भी दर्ज की जा चुकी है लेकिन पुलिस ने अभी कोई एक्शन नहीं लिया है.
लखनऊ के गोमतीनगर थाना में बरेली से ट्रांसफर किया गया है मुकदमा
इस बारे में थाना बारादरी कोतवाल बीके मिश्रा ने बताया की घटना का क्षेत्र लखनऊ का गोमतीनगर थाना क्षेत्र था, लेकिन एडीजी के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया था. उसके बाद इस मामले को लखनऊ के गोमती नगर थाने के लिए स्थानांतरित कर दिया गया.