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बरेली: आयुष्मान कार्ड देखकर प्राइवेट अस्पतालों ने किया इलाज से इंकार, बुजुर्ग की मौत

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक गरीब बुजुर्ग की इलाज के अभाव में मौत हो गई. आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी मृतक बुजुर्ग को निजी अस्पतालों में इलाज नहीं मिल सका.

मृतक मतलूब हुसैन (फाइल फोटो).
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Published : Sep 27, 2019, 7:49 PM IST

बरेली: जिले में बुजुर्ग एक बुजुर्ग की हालत खराब होने पर घर वाले उन्हें इलाज के लिए निजी अस्पताल ले गए, लेकिन अस्पताल वालों को जब पता चला कि बुजुर्ग के पास आयुष्मान योजना का कार्ड है तो उसे भर्ती करने से मना कर दिया गया. परेशान परिजन अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे, लेकिन बुजुर्ग को किसी ने भर्ती नहीं किया. जिससे इलाज के अभाव में बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया.

इलाज की अभाव में बुजुर्ग की मौत.

प्रेमनगर थाना क्षेत्र के रहने वाली नाजिया खान ने बताया कि उनके पिता मतलूब हुसैन की अचानक तबियत खराब हो गई थी. परिजन उन्हें निजी अस्पताल में ले गए, लेकिन आयुष्मान कार्ड का पता चलने पर अस्पताल वालों ने बहाना बनाकर भर्ती करने से मना कर दिया. जिसके बाद परिजन उनको लेकर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर लगाते रहे, लेकिन कहीं भी उन्हें भर्ती नहीं किया गया और उन्होंने दम तोड़ दिया.

प्रभारी मंत्री से की शिकायत
मृतक मतलूब हुसैन की बेटी नाजिया खान ने कहा कि आयुष्मान कार्ड से हमें उम्मीद थी कि उनके पिता का इलाज हो जाएगी, लेकिन अस्पताल वालों की बेरुखी से उनके पिता की जान चली गई. मृतक की परिजन इमालदा परवीन ने कहा कि आगे से किसी गरीब परिवार के साथ ऐसा न हो इसके लिये शासन प्रशासन को अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

कार्रवाई का भरोसा
जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर विनीत कुमार शुक्ल ने बताया कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है. दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

बरेली: जिले में बुजुर्ग एक बुजुर्ग की हालत खराब होने पर घर वाले उन्हें इलाज के लिए निजी अस्पताल ले गए, लेकिन अस्पताल वालों को जब पता चला कि बुजुर्ग के पास आयुष्मान योजना का कार्ड है तो उसे भर्ती करने से मना कर दिया गया. परेशान परिजन अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे, लेकिन बुजुर्ग को किसी ने भर्ती नहीं किया. जिससे इलाज के अभाव में बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया.

इलाज की अभाव में बुजुर्ग की मौत.

प्रेमनगर थाना क्षेत्र के रहने वाली नाजिया खान ने बताया कि उनके पिता मतलूब हुसैन की अचानक तबियत खराब हो गई थी. परिजन उन्हें निजी अस्पताल में ले गए, लेकिन आयुष्मान कार्ड का पता चलने पर अस्पताल वालों ने बहाना बनाकर भर्ती करने से मना कर दिया. जिसके बाद परिजन उनको लेकर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर लगाते रहे, लेकिन कहीं भी उन्हें भर्ती नहीं किया गया और उन्होंने दम तोड़ दिया.

प्रभारी मंत्री से की शिकायत
मृतक मतलूब हुसैन की बेटी नाजिया खान ने कहा कि आयुष्मान कार्ड से हमें उम्मीद थी कि उनके पिता का इलाज हो जाएगी, लेकिन अस्पताल वालों की बेरुखी से उनके पिता की जान चली गई. मृतक की परिजन इमालदा परवीन ने कहा कि आगे से किसी गरीब परिवार के साथ ऐसा न हो इसके लिये शासन प्रशासन को अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

कार्रवाई का भरोसा
जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर विनीत कुमार शुक्ल ने बताया कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है. दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Intro:खबर मोज़ों से भेजी जा रही है।

बरेली। जिले के एक गरीब बुजुर्ग ने यह सोच कर आयुष्मान कार्ड बनवाया था कि बीमार होने पर उसका निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज हो सकेगा लेकिन कार्ड होने के बाद भी उन्हें निजी अस्पतालों में इलाज नहीं मिल सका और उनकी मौत हो गई।

दरअसल बुजुर्ग की हालत अचानक खराब होने पर घर वाले उन्हें इलाज के लिए निजी अस्पताल ले गए लेकिन अस्पताल वालों को जब पता चला कि बुजुर्ग के पास आयुष्मान योजना का कार्ड है तो उसे भर्ती करने से मना कर दिया गया। जिसके बाद परिजन उसे एक अस्पताल से लेकर दूसरे अस्पताल में चक्कर लगाते रहे लेकिन किसी अस्पताल में बुजुर्ग को भर्ती नहीं किया गया आखिर इलाज़ के अभाव में बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया।
Body:अस्पताल में नहीं किया भर्ती 

प्रेमनगर थाना क्षेत्र के रहने वाली नाजिया खान ने बताया कि उनके पिता मतलूब हुसैन की अचानक तबियत खराब हो गयी थी। परिजन उन्हें निजी अस्पताल में ले गए लेकिन आयुष्मान कार्ड का पता चलने पर अस्पतालवालों ने बहाना बना कर भर्ती करने से मना कर दिया।

लगाते रहे चक्कर

जिसके बाद परिजन उनको लेकर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर लगाती रही लेकिन कहीं भी उन्हें भर्ती नहीं किया गया और उन्होंने दम तोड़ दिया।

प्रभारी मंत्री से की शिकायत 

मृतक मतलूब हुसैन की बेटी नाज़िया खान ने कहा कि आयुष्मान कार्ड से हमे उम्मीद थी कि उनके पिता का इलाज हो जाएगा लेकिन अस्पताल वालों की बेरुखी से उनके पिता की जान चली गई। मृतक की परिजन इमालदा परवीन ने कहा कि आगे से किसी गरीब परिवार के साथ ऐसा न हो इसके लिये शासन प्रशासन को अस्पतालो के ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए जिससे कि इलाज के अभाव में और किसी की मौत न हो। उन्होंने बताया कि आज हमने प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा से इस मामले की लिखित शिकायत की है उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन देते हुए पीड़ित परिवार की मदद का भरोसा दिलाया है।

मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने भी दिया भरोसा

जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर विनीत कुमार शुक्ल ने बताया कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Conclusion:पीएम मोदी की आयुष्मान योजना गरीब लोगों के लिए है। अगर उन्हें ही इलाज नहीं मिलेगा तो यह सरासर नाइंसाफी है।

अनुराग मिश्र

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