बरेलीः उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बुधवार को राज्य विश्वविद्यालय के लिए रिसर्च प्रोजेक्ट की घोषणा कर दी गई है. उत्तर प्रदेश सरकार की रिसर्च एंड डेवलपमेंट योजना 2020-2021 के अंतर्गत प्रदेश के 17 राज्य विश्वविद्यालयों में महात्मा ज्योतिबाफुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय (MJPRU) के 9 शिक्षकों को रिसर्च प्रोजेक्ट प्राप्त हुए हैं. माना जा रहा है कि इससे रोहिलखंड विश्वविद्यालय में रिसर्च एवं डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा. रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए दिसंबर 2020 से जनवरी 2021 के मध्य आवेदन मांगे गए थे.
कुलपति ने किये थे प्रोफेसरों को मोटिवेट
ETV BHARAT से बात करते हुए विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी व लॉ के एचओडी प्रोफेसर डॉक्टर अमित सिंह ने बताया कि महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखण्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह द्वारा लगातार दो महीने शिक्षकों को आवेदन करने हेतु प्रोत्साहित किया गया था. इसका सकारात्मक परिणाम यह हुआ कि उत्तर प्रदेश के 17 राज्य विश्वविद्यालयों में रोहिलखंड विश्वविद्यालय तीसरे स्थान पर रहा है, जिसे नो प्रोजेक्ट मिले हैं.
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्देशों का हो रहा पालन
कुलपति केपी सिंह ने बताया कि निश्चित रूप से रोहिलखंड विश्वविद्यालय में रिसर्च एंड डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि मंशा यही है कि यूनिवर्सिटी को प्रत्येक दिशा में अग्रणी बनाया जा सके. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालय में तमाम बदलाव शिक्षा में लाए जा रहे हैं.
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इन्हें मिले हैं प्रोजेक्ट
रोहिलखंड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर संजय गर्ग को प्लांट साइंस, प्रोफेसर आलोक श्रीवास्तव को प्लांट साइंस, प्रोफेसर सन्तोष अरोरा एजेकेशन, प्रोफेसर एसएस बेदी को सीएसआईटी, प्रोफेसर जेएन मौर्या को प्लांट साइंस, डॉक्टर बृजेश कुमार सिंह को सीएसआईटी, डॉ. अनीता त्यागी हो ह्यूमैनिटी, डॉक्टर मदन लाल को मैथ और डॉक्टर तौसीफ सिद्दीकी को सीएसआईटी में प्रोजेक्टस मिले हैं.