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विधि प्रोफेसर की अनूठी मुहिम, पॉलीथिन प्रयोग होने वाले समारोह में जाने से करते हैं परहेज - बरेली ताजा खबर

पॉलीथिन के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए बरेली कॉलेज के विधि प्रोफेसर डॉ. प्रदीप कुमार ने अनूठी मुहिम शुरू की है. प्रोफेसर ऐसे किसी भी समारोह में नहीं जाते हैं, जहां पॉलीथिन का इस्तेमाल हो.

विधि प्रोफेसर की अनूठी मुहीम.
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Published : Nov 7, 2019, 3:18 PM IST

बरेली: स्वच्छ भारत के सपने को सच करने के लिए मोदी सरकार ने देश को प्लास्टिक मुक्त करने का अभियान चलाया है. मोदी सरकार से प्रेरित होकर बरेली कॉलेज के विधि प्रोफेसर डॉ. प्रदीप कुमार ने अनूठी मुहिम शुरू की है. डॉ. प्रदीप शादी, बारात या फिर किसी भी प्रकार के समारोह में पॉलीथिन में गिफ्ट या कोई सामान पैक करके लाने वालों के यहां जाने से साफ इनकार कर देते हैं.

शादी में पॉलीथिन का उपयोग न करने को प्रेरित करते हैं
डॉ. प्रदीप दुबे ने 2 साल पहले इस मुहिम की शुरुआत की थी. उन्होंने इसकी शुरुआत शादियों से की थी. उनके घर में जब भी कोई शादी का कार्ड लेकर आता तो उससे शादी में पॉलीथिन न प्रयोग करने को कहते और पॉलीथिन का इस्तेमाल न होने पर ही निमंत्रण को स्वीकार करते हैं. दरअसल, उनके पॉलीथिन विरोध को देखते हुए लोग कार्डों की पॉलीथिन निकालने के बाद उन्हें न्यौता देते हैं. मगर शादी में प्लास्टिक का इस्तेमाल होता देख वह लौट आते हैं.

विधि प्रोफेसर की अनूठी मुहिम.

दो साल पहले शुरू की थी मुहिम
करीब 2 साल पहले उन्होंने इस मुहिम की शुरुआत की थी. पहले तो ऐसा करने वाले वह बरेली के अकेले इंसान थे. मगर, अब उनकी इस मुहिम से प्रेरित होकर बरेली कॉलेज के तमाम छात्र और समाजसेवी संस्था के साथ-साथ समाज के प्रबुद्ध लोग भी जुड़ रहे हैं. युवा पीढ़ी को कानून पढ़ाने वाले डॉ. प्रदीप कुमार लंबे समय से विभिन्न प्रकार के सामाजिक मुद्दों को जोरदार ढंग से उठाते रहे हैं.

कई बार कर चुके पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने की मांग
पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने के लिए उन्होंने जागर संस्था के जरिए कई बार नगर निगम, शासन व प्रशासन को पत्र लिखकर पॉलीथिन के प्रयोग पर रोक लगाने की मांग की, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी सिस्टम नहीं जागा तो उन्होंने पॉलीथिन के विरोध का ये अनूठा तरीका अपनाया. उन्होंने ऐसे सभी कार्यक्रमों में जाना बंद कर दिया, जहां पॉलीथिन का इस्तेमाल होता है.

रंग ला रही है उनकी मुहिम
बरेली में उनकी यह मुहिम रंग लाने लगी है. कॉलेज के छात्र-छात्राएं भी उनकी इस मुहिम से जुड़ रहे हैं और समाज को पॉलीथिन का इस्तेमाल न करने का संदेश देते हैं. वो लोगों को बताते हैं कि पर्यावरण के लिए पॉलिथीन कितनी नुकसानदायक है. यह पर्यावरण को धीरे-धीरे नष्ट कर रही है.

बरेली: स्वच्छ भारत के सपने को सच करने के लिए मोदी सरकार ने देश को प्लास्टिक मुक्त करने का अभियान चलाया है. मोदी सरकार से प्रेरित होकर बरेली कॉलेज के विधि प्रोफेसर डॉ. प्रदीप कुमार ने अनूठी मुहिम शुरू की है. डॉ. प्रदीप शादी, बारात या फिर किसी भी प्रकार के समारोह में पॉलीथिन में गिफ्ट या कोई सामान पैक करके लाने वालों के यहां जाने से साफ इनकार कर देते हैं.

शादी में पॉलीथिन का उपयोग न करने को प्रेरित करते हैं
डॉ. प्रदीप दुबे ने 2 साल पहले इस मुहिम की शुरुआत की थी. उन्होंने इसकी शुरुआत शादियों से की थी. उनके घर में जब भी कोई शादी का कार्ड लेकर आता तो उससे शादी में पॉलीथिन न प्रयोग करने को कहते और पॉलीथिन का इस्तेमाल न होने पर ही निमंत्रण को स्वीकार करते हैं. दरअसल, उनके पॉलीथिन विरोध को देखते हुए लोग कार्डों की पॉलीथिन निकालने के बाद उन्हें न्यौता देते हैं. मगर शादी में प्लास्टिक का इस्तेमाल होता देख वह लौट आते हैं.

विधि प्रोफेसर की अनूठी मुहिम.

दो साल पहले शुरू की थी मुहिम
करीब 2 साल पहले उन्होंने इस मुहिम की शुरुआत की थी. पहले तो ऐसा करने वाले वह बरेली के अकेले इंसान थे. मगर, अब उनकी इस मुहिम से प्रेरित होकर बरेली कॉलेज के तमाम छात्र और समाजसेवी संस्था के साथ-साथ समाज के प्रबुद्ध लोग भी जुड़ रहे हैं. युवा पीढ़ी को कानून पढ़ाने वाले डॉ. प्रदीप कुमार लंबे समय से विभिन्न प्रकार के सामाजिक मुद्दों को जोरदार ढंग से उठाते रहे हैं.

कई बार कर चुके पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने की मांग
पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने के लिए उन्होंने जागर संस्था के जरिए कई बार नगर निगम, शासन व प्रशासन को पत्र लिखकर पॉलीथिन के प्रयोग पर रोक लगाने की मांग की, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी सिस्टम नहीं जागा तो उन्होंने पॉलीथिन के विरोध का ये अनूठा तरीका अपनाया. उन्होंने ऐसे सभी कार्यक्रमों में जाना बंद कर दिया, जहां पॉलीथिन का इस्तेमाल होता है.

रंग ला रही है उनकी मुहिम
बरेली में उनकी यह मुहिम रंग लाने लगी है. कॉलेज के छात्र-छात्राएं भी उनकी इस मुहिम से जुड़ रहे हैं और समाज को पॉलीथिन का इस्तेमाल न करने का संदेश देते हैं. वो लोगों को बताते हैं कि पर्यावरण के लिए पॉलिथीन कितनी नुकसानदायक है. यह पर्यावरण को धीरे-धीरे नष्ट कर रही है.

Intro:एंकर:-स्वच्छता के बाद केंद्र में बैठी नरेंद्र मोदी सरकार ने देश से प्लास्टिक को पूरी तरह खत्म करने का अभियान जिस प्रकार से चला रखा है।उससे लगता है देश मे जल्द ही प्लास्टिक पुरी तरह से खत्म हो जाएगी लेकिन प्लास्टिक के खिलाफ मोदी सरकार के मोर्चा संभालने पर पॉलीथिन के खिलाफ बरेली कॉलेज के विधि विभाग के प्रोफेसर डॉ प्रदीप कुमार ने अनूठी मुहिम शुरू की है । डॉ प्रदीप शादी - बारात या किसी भी तरह का निमंत्रण पत्र पॉलीथिन में पैक करके लाने वालों के यहां जाने से साफ इनकार कर देते हैं । 


Body:Vo1:-करीब 2 साल पहले उन्होंने इस तरह की सोच के साथ ऐसा करने वाले वह बरेली के अकेले इंसान थे । मगर , अब उनकी इस मुहिम से बरेली कॉलेज के तमाम छात्र व समाज सेवी संस्था के सदस्य भी जुड़ गए हैं । युवा पीढ़ी को कानून पढ़ाने वाले डॉ प्रदीप कुमार ने लंबे समय से अलग अलग सामाजिक मुद्दों को जोरदार ढंग से उठाते रहे हैं । पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने के लिए उन्होंने जागर संस्था के जरिये कई बार नगर निगम , शासन व प्रशासन को लिखा । कई कोशिशों के बाद भी सिस्टम नहीं जागा तो उन्होंने पॉलीथिन के विरोध का अनूठा तरीका अपनाया । उन्होंने ऐसे सभी कार्यक्रमों में जाना बंद कर दिया जहां पॉलीथिन का इस्तेमाल होता है । 


बाइट:-डॉ प्रदीप कुमार (बरेली कॉलेज के विधि विभाग के प्रोफेसर )


Vo2:-उन्होने इसकी शुरुआत शादियों से की । शादी , नामकरण या किसी अन्य कार्यक्रम का निमंत्रण पॉलीथिन में लेकर आने वालों को घर में बैठाकर चाय पिलाते और फिर निमंत्रण पत्र वापस कर देते । इस ताने के साथ कि अगर आप पॉलीथिन नहीं छोड़ सकते तो मैं खुद को आपसे नहीं जोड़ सकता । उनकी इस मुहिम पर सबसे पहले उनके करीबी दोस्तों ने ही सवाल उठाए । दरअसल , उनके पॉलीथिन विरोध को देखते हुए लोग कार्डों की पॉलीथिन निकालने के बाद उन्हें न्यौता देते । मगर शादी में प्लास्टिक का इस्तेमाल होता देख वह वापस लौट आते ऐसे में परिवार के लिए कई बार अजीबोगरीब स्थिति खड़ी हो जाती थी। फिर भी प्रदीप कुमार अपनी इस मुहिम से नहीं भटके वह पुरजोर इसका विरोध करते रहे।


Vo3:- धीरे धीरे इनकी यह सफलता रंग लाने लगी और कॉलेज के छात्र-छात्राएं उनकी इस मुहिम से जुड़ गए हैं अब कॉलेज के छात्र-छात्राएं भी लोगों को पॉलिथीन यूज़ नहीं करने का संदेश देते हैं साथ ही साथ यह भी बताते हैं पर्यावरण के लिए पॉलिथीन कितनी नुकसानदायक है यह पर्यावरण को धीरे-धीरे नष्ट कर रही है जिसके कारण हमारा इस धरती पर रहना मुश्किल हो जाएगा अगर आज आप नहीं जागे तो कल की पीढ़ी आने वाला समय नहीं देख पाएगी। क्योंकि धीरे-धीरे पूरी पृथ्वी पर पॉलिथीन और उससे बने सामानों का ही कब्जा रह जाएगा जिसके कारण जीवन इस पृथ्वी पर खत्म हो जाएगा


बाइट:- अरविंद कुमार छात्र
बाइट:- काशिका सक्सेना छात्रा




Conclusion:Fvo:- वहीं अगर पॉलिथीन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की बात हो तो प्रशासन चाहे तो पहले पॉलीथिन की खरीदी-बिक्री के साथ उपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे। पॉलीथिन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग जाए इसके लिए निगम दुकानदारों के लिए सूचना सार्वजनिक कर दे। इसमें पॉलीथिन की खरीदी-बिक्री के साथ उपयोग करने पर निगम से बनने वाला ट्रेड लाइसेंस निरस्त करने के साथ दुकान को स्थायी रूप से सील करने की कार्यवाही भी शामिल हो। कियुकि अभी तक जांच के दौरान दुकानदारों और ट्रांसपोर्ट पर पॉलीथिन पकड़ाने पर निगम तगड़ा आर्थिक जुर्माना लगाने के साथ माल जब्त कर लेता था, लेकिन अब सीधे लाइसेंस निरस्त होने के साथ दुकान सील होगी तो  उससे पॉलिथीन खरीदने वाले दुकानदारों के अंदर डर पैदा होगा और धीरे-धीरे पॉलिथीन मंगाना पूरी तरह से बंद हो जाएगा।


रंजीत शर्मा।

9536666643

ईटीवी भारत, बरेली।

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