बरेली: रामगंगा से सटे गांवों में जहरीला पानी बरसों से कहर बरपा रहा है. आर्सेनिक व फ्लोराइड युक्त पानी पीने से लोग कैंसर की चपेट में आ रहे हैं. गांवों में अब तक 150 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. अक्टूबर की शुरुआत में जल निगम ने जहरीला पानी उगल रहे हैंडपंपों पर लाल निशान लगा दिए थे. जल निगम के अफसरों ने इन गांवों का सर्वे करके पानी के सैंपल जांच के लिए लखनऊ भेजे थे. जांच के बाद लखनऊ ने भी मान लिया है कि पानी जहरीला और खतरनाक है.
जल निगम ने माना मीरगंज का पानी जहरीला
- जल निगम ने जहरीले पानी को लेकर हैंडपंपों पर लाल निशान भी लगवाए गए थे.
- उनके हत्थे उखड़वा दिए गए और उनका पानी पीने पर रोक लगाई गई.
- कुछ हैंडडंपों को शुद्ध पानी के लिए 300 मीटर से अधिक गहरा कराया था.
- 2014 में बहरौली समेत मीरगंज के सभी कैंसर पीड़ित गांवों को लेकर बड़ा अभियान चलाया गया था.
- सपा के तत्कालीन जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव के दखल के बाद यह तय हुआ था कि गांव के स्वास्थ्य केन्द्र में हर महीने एक बड़ा हेल्थ चेकअप कैंप लगेगा.
- जल निगम ने आनन-फानन में गांव में खराब पानी उगल रहे सभी हैंडपंपों पर लाल निशान लगाए थे.
- गांव में ओवरहेड टैंक का प्रस्ताव बनाकर लखनऊ भेजा गया था.
ओवरहेड टैंक से मिलेगी प्रदूषित पानी से आजादी
बहरौली समेत मीरगंज के नौ गांवों में ओवरहेड टैंक बनाने के लिए सर्वे पूरा कर लिया गया है. 9 जगह ओवरहेड टैंक बनाने के लिए जमीन भी फाइनल हो चुकी है. जल निगम ने प्रोजेक्ट तैयार करके शासन को भेज दिया है. बहरौली समेत आसपास के गांवों का जमीनी पानी दूषित है. इसलिए इस ओवरहेड टैंकों में पास से गुजर रही किसी नदी या नहर से पानी पहुंचाया जाएगा. पानी शुद्ध कर सप्लाई किया जाएगा. एक ओवरहेड टैंक से दो या तीन गांवों को जोड़ा जाएगा.
इन 19 गांवों के पानी में है बहुत ज्यादा आर्सेनिक
मीरगंज ब्लाक के बहरौली समेत 19 गांवों को भी पीने के पानी में आर्सेनिक की अधिकता की वजह से खतरनाक करार दिया गया है. जल निगम ने पिछले तीन महीनों में बरेली के मीरगंज ब्लाक के 19 गांवों बहरौली, गोरा हेमराजपुर, सिरौधी, असद नगर, काशीनाथपुर, दिवना, करौरा, गेहबारा, मोहम्मदगंज, कपूरपुरा, शम्सपुर, सिमरिया, रामपुरा, हुरहुरी, जाम, बहादुरपुर, पहुंचा खुर्द, कुतुबपुर और मदनपुर में हैण्डपम्पों के पीने के पानी के सैंपल की जांच की.
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इन 19 गांवों के 274 पानी के नमूनों में से 214 नमूनों में आर्सेनिक बहुत ज्यादा मात्रा में पाया गया. इनमें सबसे ज्यादा खराब पानी जाम गांव में मिला. जहां पीने के पानी के 25 नमूनों में से 24 में बहुत ज्यादा मात्रा में आर्सेनिक मिला. विशेषज्ञों के अनुसार यह पानी पीने लायक नहीं है.
बहरौली में पहली यूनिट लगाने का काम शुरू
बहरौली गांव में पहले आर्सेनिक रिमूवल यूनिट लगाने का काम शुरू हो गया है. कुछ दिन पहले गांव पहुंची जल निगम की टीम ने एक-एक करके सभी हेडपंप को पानी का सैंपल लिया.
आर्सेनिक से हमेशा के लिए मिलेगी मुक्ति
इन गांवों को आर्सेनिक से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाएगी. जल निगम 3.73 करोड़ की लागत से 207 आर्सेनिक रिमूवल यूनिट लगाएगा. इसका सर्वे हो चुका है.