बरेली: आज का दिन 7वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (7th International Yoga Day) के तौर पर मनाया जा रहा है. योगाभ्यास से न सिर्फ चुस्त-दुरुस्त (Healthy and Fit) रहा जा सकता है, बल्कि दिनचर्या में योग (Yoga) को शामिल करने से ये असाध्य रोगों (Incurable Diseases) से भी बचाता है. योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से पहले हमें कुछ अहम बातों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है...
सांस खींचने और छोड़ने से नहीं होता योग
वैश्विक महामारी ने हर किसी को प्रभावित किया है. ऐसे में रोग प्रतिरोधक शक्ति (Immunity) बरकरार रहे, इसके लिए कोई दवा (Medicine) तो कोई अच्छी डाइट (Diet) की सलाह देता है. लेकिन, निरंतर योगाभ्यास हमें स्वस्थ ही नहीं बल्कि एक्टिव भी रखता है. बरेली के वीर सावरकर नगर में रहने वाली योग प्रशिक्षक (Yoga Trainer) अंशु त्रिपाठी हर उम्र के लोगों को योग सीखा रही हैं. उन्होंने बताया कि सिर्फ सांस खींचने और छोड़ने से ही योग नहीं हो जाता, इसके लिए पूरी तैयारी मानसिक व शारीरिक (Mental and Physical) तौर पर करनी होती है. तभी हम योग करके लाभ ले सकते हैं.
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रोगों से लड़ने में योग की अहम भूमिका
योग प्रशिक्षक अंशु त्रिपाठी पिछले 10 वर्षों से योग सीखा रही हैं. उन्होंने योग के फायदे गिनाते हुए कहा कि, योग में बहुत शक्ति है. योग लोगों में निरोग रहने की क्षमता विकसित करता है और इंसान के जीवन को लंबी आयु प्रदान करता है. इसका ताजा उदाहरण वर्तमान समय में देखने को मिला हैं. कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण ने जिन लोगों को अपनी चपेट में लिया, उन लोगों ने योग किया तो वे जल्द स्वस्थ हुए. योग ट्रेनर अंशु त्रिपाठी कहती हैं कि फिट रहने वाली दवाइयां अपनी जगह हैं, लेकिन दैनिक जीवन में योग आसन करने के अलग ही फायदें हैं.
अंशु हर उम्र के योग प्रेमियों को योग आसन सिखाती हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में उन्होंने लोगों को योगी की ऑनलाइन ट्रेनिंग (Online Yoga Training) दी. अंशु त्रिपाठी ने बताया कि छोटे बच्चे ज्यादा तेजी से चीजों को सीखते हैं. अंशु के यहां 5 से 6 वर्ष के बच्चे भी योग आसन सीखने आते हैं. वे उन्हें योग करने से पहले बेसिक चीजें बताती हैं. जिसके बाद अभ्यास से बच्चे कठीन से कठीन आसन भी आसानी से कर लेते हैं.
अंशु बताती हैं कि यम (Yama), नियम (Niyama), आसन (Asana), प्राणायाम (Pranayama), प्रत्याहार (Pratyahara), धारणा (Dharana), ध्यान और समाधि (Dhyan and Samadhi) इन सभी के बारे में अगर हम गहन अध्ययन करने के बाद योग करें, तो निश्चय ही लाभांवित होंगे.
बच्चों ने शेयर किए अपने अनुभव
आज योग दिवस (Yoga Day) पर बच्चों ने भी अपना अनुभव शेयर किया है. बरेली की रहने वाली 11 वर्षीय आन्या ने बताया कि उन्हें तरह-तरह के आसन करना अच्छा लगता है. अंश की उम्र अभी 9 वर्ष है. अंश भी लगातार योगा सीख रहे हैं. उनका कहना है उन्हें योगा करके अच्छा लगता है. 6 वर्षीय कार्तिकेय बड़ी ही मासूमियत से कहता है कि मैं तो योग करके स्ट्रांग बन रहा हूं.
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