बरेलीः कंपकंपाती ठंड ने लोगों को घरों में रहने पर मजबूर कर दिया है. दिन-प्रतिदिन पारा लगातार निचले स्तर पर जा रहा है. ऐसे में लोग ठंड की मार से बचने के लिए नये तरीके तलाश रहे हैं. अब कपास की रजाइयों की जगह लोग फाइबरयुक्त रजाइयों की ओर आकर्षित हो रहे हैं. इन रजाइयों का क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है.
ठंड बढ़ने से गर्म कपड़ों की डिमांड बढ़ी
देशभर में लोग कोरोना से परेशान हैं. लोग जहां घरों से बड़ी ही सावधानी से निकल रहे थे. बहुत जरुरी काम न हो, तो वे बाहर नहीं ही निकलना चाहते थे. लेकिन बढ़ते ठंड ने लोगों को बाहर निकलने के लिए मजबूर कर दिया है. बरेली शहर में इन दिनों कई रास्तों के फुटपात पर गर्म कपड़ों की रंग-बिरंगी एक से बढ़कर एक वैराइटी सामने देखने को मिल रही है. जिसकी खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ भी जुट रही है.
लुभा रहा सड़क किनारे का अस्थाई मार्केट
शहर में देखा जा रहा है कि ठिठुरन के साथ जैसे-जैसे पारा गिर रहा है, लोग सर्दियों से बचने के लिए बाजारों में पहुंच कर गर्म कपड़ों और रजाइयों की खरीदारी करने में लगे हुए हैं.
सड़क पर लोग कर रहे सर्दी से बचाव के लिए शॉपिंग
रामपुर गार्डन के सड़क किनारे तो काफी संख्या में लोग गर्म कपड़ों की अस्थाई दुकान लगाकर लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं. ग्राहक तो खुश हैं ही साथ ही दुकानदार भी सन्तुष्ट नजर आ रहे हैं. ईटीवी भारत ने ऐसे ही कुछ लोगों से बात की जो लोग फुटपाट पर एक से बढ़कर एक रंगीन और आकर्षक रजाइयों की बिक्री कर रहे थे.
कोरोना की वजह से लोकल बाजार से लिया माल
एक दुकानदार ने बताया कि इस बार कोरोना ने उनकी कमर तोड़ दी है, उनका कहना है कि दस महीने में वो कोई दूसरा काम करते हैं. लेकिन दो महीने सिर्फ गर्म रजाइयां-गद्दों और बेडशीट्स का ही कारोबार करते हैं. दुकानदार ने बताया कि दिसंबर और जनवरी में उन्हें अच्छा खासा मुनाफा गर्म कपड़ों की बिक्री करने से होता है.
इस बार नहीं लगा मेला
वहीं दूसरे दुकानदार ने बताया कि एक मेला भी बरेली में लगता था, लेकिन इस बार वो मेला भी कैंसिल है. जिससे उनके कारोबार पर इसका असर पड़ा है. ईटीवी भारत ने ग्राहकों से भी बात की, उन्होंने बताया कि शोरूम में मिलते-जुलते आइटम काफी महंगे दाम में मिलते हैं, वहीं सड़क किनारे बिक्री करने वालों से ये लोग सौदेबाजी भी कर लेते हैं. फिलहाल ग्राहक और दुकानदार काफी खुश हैं.