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बरेली: कश्मीरी मेवा की आयात हुआ बंद - बरेली में कश्मीरी ड्राई फ्रूट का आयात हुआ बंद

कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाया तो गया, लेकिन इसका नुकसान ड्राई फ्रूट के विक्रेता को झेलना पड़ रहा है. अनुच्छेद-370 हटने के बाद कश्मीरी ड्राई फ्रूट का आयात ही बंद हो गया, जिसके कारण चिली और अमेरिका से ड्राई फ्रूट मंगा कर बेचा जा रहा है.

नहीं मिल रहा कश्मीरी मेवा का मजा.
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Published : Oct 17, 2019, 8:22 PM IST

बरेली: कश्मीर में अनुच्छेद-370 खत्म होने के बाद से बाजार में से कश्मीरी अखरोट, बादाम और सूखा मेवा गायब से हो गया है. बाजार मेंं इस वक्त चिली और अमेरिका से मेवा आयातित है, जिसकी कीमत और स्वाद दोनों में बहुत अंतर है.

नहीं मिल रहा कश्मीरी मेवा का मजा.
कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद से महीने भर से ज्यादा समय से जम्मू बारामुला रुट पर ट्रेनों का संचालन भी बंद हो गया है, जिसकी वजह से कश्मीर से कोई पार्सल नहीं आ रहा है. इसके कारण मेवा कारोबारियों को भी खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है. यही वजह है जो व्यापारियों को चिली और अमेरिका से मेवा का आयात करना पड़ रहा है. हालांकि जम्मू और कश्मीर में डाक और मोबाइल सेवा तो शुरू हो गई है, लेकिन पार्सल अब भी नहीं आ रहा है.

इसे भी पढ़ें- वाराणसी: बीएचयू छात्रों और दुकानदारों में मारपीट, माहौल तनावपूर्ण

जम्मू और बारामुला के बीच लगभग 56 किलोमीटर की दूरी है और इस रूट पर रोज 4 या 5 ट्रेनें आती जाती है. इन्हीं ट्रेनों से ड्राई फ्रूट्स के पार्सल भेजे जो जाते हैं जोकि इस वक्त बिल्कुल बन्द है. इस वजह से ड्राई फ्रूट्स व्यापारियों को भारी मात्रा मे नुकसान झेलना पड़ रहा है.

बरेली: कश्मीर में अनुच्छेद-370 खत्म होने के बाद से बाजार में से कश्मीरी अखरोट, बादाम और सूखा मेवा गायब से हो गया है. बाजार मेंं इस वक्त चिली और अमेरिका से मेवा आयातित है, जिसकी कीमत और स्वाद दोनों में बहुत अंतर है.

नहीं मिल रहा कश्मीरी मेवा का मजा.
कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद से महीने भर से ज्यादा समय से जम्मू बारामुला रुट पर ट्रेनों का संचालन भी बंद हो गया है, जिसकी वजह से कश्मीर से कोई पार्सल नहीं आ रहा है. इसके कारण मेवा कारोबारियों को भी खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है. यही वजह है जो व्यापारियों को चिली और अमेरिका से मेवा का आयात करना पड़ रहा है. हालांकि जम्मू और कश्मीर में डाक और मोबाइल सेवा तो शुरू हो गई है, लेकिन पार्सल अब भी नहीं आ रहा है.

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जम्मू और बारामुला के बीच लगभग 56 किलोमीटर की दूरी है और इस रूट पर रोज 4 या 5 ट्रेनें आती जाती है. इन्हीं ट्रेनों से ड्राई फ्रूट्स के पार्सल भेजे जो जाते हैं जोकि इस वक्त बिल्कुल बन्द है. इस वजह से ड्राई फ्रूट्स व्यापारियों को भारी मात्रा मे नुकसान झेलना पड़ रहा है.

Intro:एंकर:- कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद से बाजार में कश्मीरी अखरोट बादाम और सूखी मेवा गायब है। बाजार मे इस वक़्त चिली और अमेरिका से मेवा आयातित है जिसकी क़ीमत और स्वाद दोनों मैं बहुत अंतर है।


Body:vo:-दरअसल अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद से महीने भर से ज़्यादा समय से जम्मू बारामुला रुट पर ट्रेनों का संचालन भी बंद हो गया है। जिसकी वजह से कश्मीर से कोई पार्सल नहीं आ रहा है। जिस के कारण मेवा कारोबारियों को भी खासा नुकसान झलना पड़ रहा है। और यही वजह है जो व्यापारियों को चिली और अमेरिका से मेवा का आयात करना पड़ रहा है हालांकि जम्मू और कश्मीर मैं डाक और मोबाईल सेवा तो शुरू हो गयी है लेकिन पार्सल अब भी नहीं आ रहा है।

vo 2:- जम्मू और बारामुला के बीच लगभग 56 किलोमीटर की दूरी है और इस रूट पर रोज़ 4 या 5 ट्रेनें आती जाती है। इन्हीं ट्रेनों से ड्राई फ्रूट्स के पार्सल भेजे जो जाते है जोकि इस वक़्त बिल्कुल बन्द है जिस वजह से ड्राई फ्रूट्स व्यापारियों को भारी मात्रा मे नुकसान झेलना पड़ रहा है।
बाइट:- गौरी शंकर ड्राई फ्रूट बिक्रेता
बाइट:- अखिलेश ड्राई फ्रूट बिक्रेता


Conclusion:fvo:- कश्मीर से 370 अनुच्छेद हटाया तो गया लेकिन इसका नुकसान ये हुआ कि कश्मीरी ड्राई फ्रूट का आयात ही बंद हो गया जिसके कारण चिली और अमेरिका से ड्राई फ्रूट मंगा कर बेचने को मजबूर है। वहीं ये बात भी है कि कश्मीरी ड्राई फ्रूट के मुक़ाबले चिली और अमेरिका का ड्राई फ्रूट बहुत महंगा पड़ रहा है।
रंजीत शर्मा
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