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बरेली: स्वास्थ्य विभाग को हो रही घटिया दवाइयों की सप्लाई, सिरप का सैंपल फेल - district hospital

उत्तर प्रदेश के बरेली में स्वास्थ्य विभाग को घटिया दवाइयों की सप्लाई हो रही है. एनीमिया पीड़ित बच्चों को दिए जाने वाले आयरन सिरप का सैंपल फेल हो गया है. ये तब पता चला जब 30 हजार शीशियां बंट भी चुकीं थी.

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आयरन सिरप का सैंपल फेल हो गया है.
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Published : Jan 11, 2020, 9:34 PM IST

बरेली: सरकारी आपूर्ति में आई घटिया दवा ने जिले के 30 हजार बच्चों की सेहत से खिलवाड़ किया है. एनीमिया पीड़ित बच्चों को दिए जाने वाले आयरन सिरप का सैंपल फेल हो गया है. ये तब पता चला जब भेजी गई 70 हजार में से 30 हजार शीशियां बंट चुकी थी.

आयरन सिरप का सैंपल फेल हो गया है.
दवा के नमूनों की जांच यूपी मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन ने सिरप वितरण पर रोक लगा दी है. पांच साल तक के एनीमिया ग्रसित बच्चों के लिए जून 2019 में आयरन एंड फोलिक एसिड की 70 हजार शीशियां भेजी गई थी. कुछ समय पहले खाद्य एवं औषधि विभाग ने दवा के नमूने जांच को भेजे, तो दिसंबर में आई रिपोर्ट में सैंपल अधोमानक पाया गया. कॉरपोरेशन ने जिले में रिपोर्ट के साथ सूचना भेजी.घटिया दवाइयों की सप्लाई स्वास्थ्य विभाग को घटिया दवाइयों की सप्लाई हो रही है, जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. स्वास्थ्य विभाग इन दवाइयों की सप्लाई सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर कर देता है. इसका उपयोग मरीजों पर किया जा रहा है. जब सैंपल की जांच हुई तो यह दवाइयां फेल हो गईं. तब जाकर स्वास्थ विभाग ने एक्शन लिया और अब यह दवाइयां वापस ली जा रही हैं. अगर स्वास्थ विभाग दवा कंपनियों पर शुरू से जांच करके दवाएं मंगाए तो मरीजों के स्वास्थ्य से खेल नहीं होगा.

बचा हुआ स्टॉक और आयरन फोलिक एसिड के सभी सैम्पलों को वापस कर दिया है और ये सामान्य प्रक्रिया है, जिसमें सेम्पल की जांच अच्छे से की जाएगी. अच्छे सेम्पल को प्रक्रिया में लाया जाएगा.
- विनीत शुक्ल, सीएमओ

बरेली: सरकारी आपूर्ति में आई घटिया दवा ने जिले के 30 हजार बच्चों की सेहत से खिलवाड़ किया है. एनीमिया पीड़ित बच्चों को दिए जाने वाले आयरन सिरप का सैंपल फेल हो गया है. ये तब पता चला जब भेजी गई 70 हजार में से 30 हजार शीशियां बंट चुकी थी.

आयरन सिरप का सैंपल फेल हो गया है.
दवा के नमूनों की जांच यूपी मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन ने सिरप वितरण पर रोक लगा दी है. पांच साल तक के एनीमिया ग्रसित बच्चों के लिए जून 2019 में आयरन एंड फोलिक एसिड की 70 हजार शीशियां भेजी गई थी. कुछ समय पहले खाद्य एवं औषधि विभाग ने दवा के नमूने जांच को भेजे, तो दिसंबर में आई रिपोर्ट में सैंपल अधोमानक पाया गया. कॉरपोरेशन ने जिले में रिपोर्ट के साथ सूचना भेजी.घटिया दवाइयों की सप्लाई स्वास्थ्य विभाग को घटिया दवाइयों की सप्लाई हो रही है, जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. स्वास्थ्य विभाग इन दवाइयों की सप्लाई सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर कर देता है. इसका उपयोग मरीजों पर किया जा रहा है. जब सैंपल की जांच हुई तो यह दवाइयां फेल हो गईं. तब जाकर स्वास्थ विभाग ने एक्शन लिया और अब यह दवाइयां वापस ली जा रही हैं. अगर स्वास्थ विभाग दवा कंपनियों पर शुरू से जांच करके दवाएं मंगाए तो मरीजों के स्वास्थ्य से खेल नहीं होगा.

बचा हुआ स्टॉक और आयरन फोलिक एसिड के सभी सैम्पलों को वापस कर दिया है और ये सामान्य प्रक्रिया है, जिसमें सेम्पल की जांच अच्छे से की जाएगी. अच्छे सेम्पल को प्रक्रिया में लाया जाएगा.
- विनीत शुक्ल, सीएमओ

Intro:एंकर:-सरकारी आपूर्ति में आई घटिया दवा ने जिले के 30 हजार बच्चों की सेहत से खिलवाड़ कर डाला । अब एनीमिया पीड़ित बच्चों को दिए जाने वाले आयरन सिरण का सैंपल भी फेल हो गया । पता तब चला जब जिले में भेजी गई 70 हजार में से 30 हजार शीशियां बंट भी चुकीं । 


Body:Vo1:-अब यूपी मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन ने सिरप वितरण पर रोक लगा दी है । पांच साल तक के एनीमिया ग्रसित बच्चों के लिए जून 2019 में आयरन एंड फोलिक एसिड की 70 हजार शीशियां भेजी गई थीं । कुछ समय पहले खाद्य एवं औषधि विभाग ने दवा के नमूने जांच को भेजे । दिसंबर में आई रिपोर्ट में सैंपल अधोमानक पाया गया । कॉरपोरेशन ने जिले में इसकी रिपोर्ट के साथ सूचना भेजी । 


Vo3:-बही जब इस बारे में जिला अस्पताल के सीएमओ डॉ . विनीत शुक्ला ने बताया कि बचा हुआ स्टॉक व  आयरनपोलिकेसीड के सभी सैम्पलों को वापस कर दिया है। ये सामान्य प्रक्रिया है जिसमें सेम्पल की जाँच अच्छे से की जाएगी और अच्छे सेम्पल को प्रक्रिया में लाया जाएगा।


बाईट:- विनीत शुक्ल सीएमओ जिला अस्पताल





Conclusion:Fvo:- लगातार स्वास्थ्य विभाग को घटिया दवाइयों की सप्लाई हो रही है जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है क्योंकि  स्वास्थ्य विभाग के इन दवाइयों की सप्लाई सभी स्वास्थ्य केंद्रों में कर देता है। जिसका उपयोग मरीजों पर किया जा रहा है जब सैंपल की जांच हुई तो यह दवाइयां सारी फेल हो गई तब जाकर स्वास्थ विभाग ने एक्शन लिया और अब यह दवाइयां वापस ली जा रही है।अगर स्वास्थ विभाग दवाई कंपनियों पर शुरू से जांच करके दवाई मंगाए तो मरीजों के स्वास्थ्य से खेल नही हो सकता है।


रंजीत शर्मा

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