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बरेली: अनाथ बच्चों का बचपन बचाने आगे आया प्रशासन, लागू करेगा फोस्टर केयर मॉडल - अमेरिका में फोस्टर केयर

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में अमेरिका की तर्ज पर फोस्टर केयर मॉडल लागू किया जाएगा. यह मॉडल अनाथ बच्चों की बेहतर देखभाल करने और उनका बचपन बचाने के लिए लागू किया जाएगा. प्रशासन ऐसे आर्थिक तौर पर संपन्न परिवारों को बच्चे सुपुर्द करेगा, जिनकी औलाद उनसे दूर रहती है.

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बरेली में लागू किया जाएगा फोस्टर केयर मॉडल.
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Published : Dec 10, 2019, 7:31 AM IST

बरेली: अनाथ, बेसहारा बच्चों को परिवार का प्यार मिलेगा. बेहतर देखभाल होगी. अच्छा खाना और अच्छी शिक्षा मिलेगी. मां और पिता जैसा दुलार मिलेगा. मासूम अपने दिल की बात फोस्टर पेरेंट्स से कह सकेंगे. अनाथ बच्चों का बचपन बचाने की मुहिम का आगाज प्रदेश में सबसे पहले बरेली प्रशासन करने जा रहा है. अनाथालय और दूसरे बाल गृहों में रहने वाले बच्चों को फोस्टर परिवारों को सौंपा जाएगा.

बरेली और आसपास के क्षेत्र में काफी लावारिस बच्चे मिलते हैं. हर महीने कम से कम तीन से चार बेसहारा बच्चे मिल जाते हैं. अनाथ बच्चों को बाल गृह भेज दिया जाता है. बाल गृह में मासूमों की बेहतर देखभाल नहीं होती. अच्छी पढ़ाई के संसाधन भी मुहैया नहीं हो पाते. बीमार बच्चों को इलाज तक नहीं मिल पाता. प्रशासन ने अमेरिका के फोस्टर केयर मॉडल को बरेली में लागू करने का फैसला किया है. प्रशासन ऐसे आर्थिक तौर पर संपन्न परिवारों को बच्चे सुपुर्द करेगा, जिनकी औलाद उनसे दूर रहती है.

जानकारी देते सीडीओ.


फोस्टर केयर से बच्चों को मिलेगी अच्छी परवरिश
इनफर्टिलिटी क्लीनिक संचालकों के जरिए बेऔलाद दंपति का पता किया जा रहा है. नाउम्मीद हो चुके दंपति को प्रशासन प्राथमिकता के आधार पर बच्चों को फोस्टर केयर में देगा. फोस्टर केयर से असहाय और जरूरतमंत बच्चों को बेहतर परवरिश मिल सकेगी.


प्रॉपर्टी में मालिकाना हक नहीं होगा
फोस्टर केयर में पलने वाले बच्चे का उस परिवार की प्रॉपर्टी में कोई हक नहीं होगा. बच्चे की सिर्फ देखभाल की जिम्मेदारी फोस्टर परिवार निभाएगा. फोस्टर परिवार जब कभी भी चाहेगा, तब बच्चे को वापस प्रशासन को सौंप सकता है.

शिक्षा के अधिकार के तहत स्कूलों में होगा दाखिला
शिक्षा के अधिकार के तहत फोस्टर केयर में जाने वाले बच्चों का दाखिला शहर के नामचीन स्कूलों में कराया जाएगा. सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट स्कूलों को इसके तहत बच्चों के प्रवेश लेने होंगे. प्रशासन इन बच्चों को स्कॉलरशिप भी दिलाएगा.


अमेरिका में प्रचलित है फोस्टर केयर
मुख्य विकास अधिकारी यानि सीडीओ सत्येन्द्र कुमार ने बताया कि अमेरिका में फोस्टर केयर बहुत प्रचलित सिस्टम है. हम इसको बरेली में लागू करने जा रहे हैं.


फोस्टर फैमिली को ट्रेनिंग देगा प्रशासन
अनाथ बच्चों को परवरिश के लिए लेने वाले फोस्टर परिवारों को प्रशासन ट्रेनिंग देगा. उनकी आशंकाओं का समाधान करेगा. मासूम की देखभाल और उसके साथ बर्ताव के बारे में जानकारी दी जाएगी. बरेली में बहुत जल्द प्रशासन शहर के डॉक्टरों के साथ मीटिंग करने जा रहा है.

बच्चों को लेने के इच्छुक फोस्टर फैमिली से सम्पर्क शुरू कर दिया है. प्लान को शासन को भेज रहे हैं, ताकि दूसरे जिलों में भी इसे लागू किया जा सके.
​​​​​​​-सत्येन्द्र कुमार, सीडीओ

बरेली: अनाथ, बेसहारा बच्चों को परिवार का प्यार मिलेगा. बेहतर देखभाल होगी. अच्छा खाना और अच्छी शिक्षा मिलेगी. मां और पिता जैसा दुलार मिलेगा. मासूम अपने दिल की बात फोस्टर पेरेंट्स से कह सकेंगे. अनाथ बच्चों का बचपन बचाने की मुहिम का आगाज प्रदेश में सबसे पहले बरेली प्रशासन करने जा रहा है. अनाथालय और दूसरे बाल गृहों में रहने वाले बच्चों को फोस्टर परिवारों को सौंपा जाएगा.

बरेली और आसपास के क्षेत्र में काफी लावारिस बच्चे मिलते हैं. हर महीने कम से कम तीन से चार बेसहारा बच्चे मिल जाते हैं. अनाथ बच्चों को बाल गृह भेज दिया जाता है. बाल गृह में मासूमों की बेहतर देखभाल नहीं होती. अच्छी पढ़ाई के संसाधन भी मुहैया नहीं हो पाते. बीमार बच्चों को इलाज तक नहीं मिल पाता. प्रशासन ने अमेरिका के फोस्टर केयर मॉडल को बरेली में लागू करने का फैसला किया है. प्रशासन ऐसे आर्थिक तौर पर संपन्न परिवारों को बच्चे सुपुर्द करेगा, जिनकी औलाद उनसे दूर रहती है.

जानकारी देते सीडीओ.


फोस्टर केयर से बच्चों को मिलेगी अच्छी परवरिश
इनफर्टिलिटी क्लीनिक संचालकों के जरिए बेऔलाद दंपति का पता किया जा रहा है. नाउम्मीद हो चुके दंपति को प्रशासन प्राथमिकता के आधार पर बच्चों को फोस्टर केयर में देगा. फोस्टर केयर से असहाय और जरूरतमंत बच्चों को बेहतर परवरिश मिल सकेगी.


प्रॉपर्टी में मालिकाना हक नहीं होगा
फोस्टर केयर में पलने वाले बच्चे का उस परिवार की प्रॉपर्टी में कोई हक नहीं होगा. बच्चे की सिर्फ देखभाल की जिम्मेदारी फोस्टर परिवार निभाएगा. फोस्टर परिवार जब कभी भी चाहेगा, तब बच्चे को वापस प्रशासन को सौंप सकता है.

शिक्षा के अधिकार के तहत स्कूलों में होगा दाखिला
शिक्षा के अधिकार के तहत फोस्टर केयर में जाने वाले बच्चों का दाखिला शहर के नामचीन स्कूलों में कराया जाएगा. सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट स्कूलों को इसके तहत बच्चों के प्रवेश लेने होंगे. प्रशासन इन बच्चों को स्कॉलरशिप भी दिलाएगा.


अमेरिका में प्रचलित है फोस्टर केयर
मुख्य विकास अधिकारी यानि सीडीओ सत्येन्द्र कुमार ने बताया कि अमेरिका में फोस्टर केयर बहुत प्रचलित सिस्टम है. हम इसको बरेली में लागू करने जा रहे हैं.


फोस्टर फैमिली को ट्रेनिंग देगा प्रशासन
अनाथ बच्चों को परवरिश के लिए लेने वाले फोस्टर परिवारों को प्रशासन ट्रेनिंग देगा. उनकी आशंकाओं का समाधान करेगा. मासूम की देखभाल और उसके साथ बर्ताव के बारे में जानकारी दी जाएगी. बरेली में बहुत जल्द प्रशासन शहर के डॉक्टरों के साथ मीटिंग करने जा रहा है.

बच्चों को लेने के इच्छुक फोस्टर फैमिली से सम्पर्क शुरू कर दिया है. प्लान को शासन को भेज रहे हैं, ताकि दूसरे जिलों में भी इसे लागू किया जा सके.
​​​​​​​-सत्येन्द्र कुमार, सीडीओ

Intro:एंकर:-अनाथ - बेसहारा और समाज के दुत्कारे हुए बच्चों को परिवार का प्यार मिलेगा । बेहतर देखभाल होगी । अच्छा खाना और अच्छी शिक्षा मिलेगी । मां और पिता जैसा दुलार मिलेगा । मासूम अपने दिल की बात फोस्टर पेरेंट्स से कह सकेंगे ।


Body:Vo1:- अनाथ बच्चों का बचपन बचाने की मुहिम का आगाज प्रदेश में सबसे पहले बरेली प्रशासन करने जा रहा है । अनाथालय और दूसरे बाल गृहों में रहने वाले बच्चों को फोस्टर परिवारों को सौंपा जाएगा । 


बाइट:-अरविंद


Vo2:-फोस्टर केयर के इच्छुक परिवारों से संपर्क शुरू हो गया है । 

बरेली और आसपास के क्षेत्र में काफी लावारिस बच्चे मिलते हैं । हर महीने कम से कम तीन से चार बेसहारा बच्चे मिल जाते हैं । अनाथ बच्चों को बाल गृह भेज दिया जाता है । बाल गृह में मासूमों की बेहतर देखभाल नहीं होती । अच्छी पढ़ाई के संसाधन भी मुहैया नहीं हो पाते । बीमार बच्चों को इलाज तक नहीं मिल पाता । प्रशासन ने अमेरिका के फोस्टर केयर मॉडल को बरेली में लागू करने का फैसला किया है । प्रशासन ऐसे आर्थिक तौर पर संपन्न परिवारों को बच्चे सुपुर्द करेगा जिनकी औलाद उनसे दूर रहती है 


बाइट:-सत्येंद्र कुमार सीडीओ


Vo3:-इनफर्टिलिटी क्लीनिक संचालकों के जरिए बे औलाद दंपति का पता किया जा रहा है । ना उम्मीद हो चुके दंपति को प्रशासन प्राथमिकता के आधार पर बच्चों को फोस्टर केयर में देगा। फोस्टर केयर से असहाय और जरूरतमंत बच्चों को बेहतर परवरिश मिल सकेगी । 


प्रॉपर्टी में मालिकाना हक नहीं होगा:- 


फोस्टर केयर में पलने वाले बच्चे का उस परिवार की प्रॉपर्टी में कोई हक नहीं होगा बच्चे की सिर्फ देखभाल की जिम्मेदारी फोस्ट परिवार निभाएगा । फोस्टर परिवार जब कभी भी चाहेगा तब बच्चे को वापस प्रशासन को सौंप जा सकेगा । 


शिक्षा के अधिकार के तहत स्कूलों में होगा दाखिला:-

 शिक्षा के अधिकारी के तहत फोस्टर केयर में जाने वाले बच्चों का दाखिला शहर के नामचीन स्कूलों में कराया जाएगा । सरकारी के साथ - साथ प्राइवेट स्कूलों को इसके तहत बच्चों के प्रवेश लेने होंगे । प्रशासन इन बच्चों को स्कॉलरशिप भी दिलाएगा ।


बाइट:-सत्येंद्र कुमार , सीडीओ


अमेरिका में फोस्टर केयर बहुत प्रचलित सिस्टम है । हम इसको बरेली में लागू करने जा रहे हैं । बच्चों को लेने के इच्छुक फोस्टर फैमिली से सम्पर्क शुरू कर दिया है । प्लान को शासन को भेज रहे हैं , ताकि दूसरे जिलों में भी इसे लागू किया जा सके । 




Conclusion:Fvo:-फोस्टर फैमिली को ट्रेनिंग देगा प्रशासन 

अनाथ बच्चों को परवरिश के लिए लेने वाले फोस्टर परिवारों को प्रशासन ट्रेनिंग देगा । उनकी आशंकाओं का समाधान करेगा । मासूम की देखभाल और उसके साथ बर्ताव के बारे में जानकारी दी जाएगी । बरेली में बहुत जल्द प्रशासन शहर के डॉक्टरों के साथ मीटिंग करने जा रहा है ।


रंजीत शर्मा।

9536666643

ईटीवी भारत,बरेली।


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