बरेली : जिले में कोरोना संक्रमण से संक्रमित होने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. ऐसे में उन लोगों के सामने सबसे अधिक समस्या खड़ी हो रही है जो रोज मजदूरी कर अपना घर चलाते हैं. संक्रमण से बचने के साथ-साथ अपना घर-परिवार चलाना एक मुश्किल चुनौती साबित हो रहा है. इस बीच नाइट कर्फ्यू के ऐलान ने एक बार फिर पिछले साल की याद ताजा करा दी है. लोगों को डर सता रहा है कि अगर ऐसे में हालात और खराब हुए तो घर-परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा. ईटीवी भारत की टीम ने बरेली के रहने वाले कुछ ऐसे ही लोगों से बात उनकी समस्या जानने की कोशिश की है.
ETV भारत ने कुछ ऐसे लोगों से भी बातचीत की, जो हर दिन कमाते हैं और फिर अपने परिवार के लिए रोटी का इंतजाम करते हैं. इसमें ऑटो रिक्शा या फिर ई-रिक्शा चलाने वाले शामिल थे. मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि जब लॉकडाउन लगा था तब समाजसेवी संगठन और शहर के जिम्मेदार लोग भी मदद के लिए आगे आते थे. सरकार ने भी मदद की थी, लेकिन अब अगर लॉकडाउन लगा तो हालात संभाले नहीं संभलेंगे. दरअसल, ये खौफ लोगों में इसलिए है क्योंकि पिछले एक साल में उन्होंने कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण जो कुछ झेला है, वह कभी भूला नहीं सकते हैं.
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जिले में तेजी से फैल रहा संक्रमण
बरेली जिले में वर्तमान में 5 हजार से अधिक कोरोना संक्रमण के एक्टिव केस हैं. आलम ये है कि पिछले 3 दिन में ही 2 हजार से अधिक कोरोना संक्रमितों की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की है. प्रदेश सरकार जहां इस महामारी पर लगाम लगाने के लिए तमाम दिशा-निर्देश अधिकारियों को दे रही है, वहीं कई राज्यों में लॉकडाउन फिर से प्रभावी कर दिया गया है. बरेली में 9 अप्रैल से ही नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. इससे आम जनता को ये डर सता रहा है कि कहीं दोबारा से लॉकडाउन लग गया तो वो क्या करेंगे ? लोगों को ये चिंता सता रही है कि वे खाएंगे क्या, कमाएंगे कैसे और परिवार की परवरिश कैसे करेंगे ?