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चुन्ना मियां ने बनवाया था यह मंदिर, दुनिया भर को देता है धार्मिक एकता का संदेश - बरेली समाचार

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक ऐसा मंदिर है जो कि राष्ट्रीय एकता के प्रतीक को दर्शाता है. इस मंदिर का निर्माण एक मुस्लिम चुन्ना मियां ने बनवाया था, जिसका उद्घाटन देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने किया था.

चुन्ना मियां ने करवाया था इस मंदिर का निर्माण
चुन्ना मियां ने करवाया था इस मंदिर का निर्माण
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Published : Mar 9, 2020, 10:07 AM IST

बरेली: गंगा-जमुना की तहजीब की अनूठी धारा यूपी के बरेली में बहती है. मजहबी मापदंड से कोसों दूर एक ऐसा मंदिर, जहां दुनिया भर के लोगों को प्यार और सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देता है. बरेली जिले के कटरा मानराय में बना चुन्ना मियां का मंदिर एक ऐसी जगह है, जहां अमन और सौहार्द के फूल महकते हैं. लक्ष्मी नारायण का यह मंदिर उनके किसी भक्त ने नहीं, बल्कि बरेली के सेठ फजरुल रहमान उर्फ चुन्ना मियां ने बनवाया था.

चुन्ना मियां ने करवाया था इस मंदिर का निर्माण.
राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है चुन्ना मियां का मंदिरराष्ट्रीय एकता का प्रतीक और इंसानियत को अपना धर्म मानने वाले थे चुन्ना मियां. उनका यह मंदिर धर्म और मजहब को बांटने वालों के लिए किसी नजीर से कम नहीं. इस मंदिर के प्रवेश पर अशोक की लाट लगी हुई है, जो आमतौर पर देश के किसी भी मंदिर में दिखाई नहीं देती. इस मंदिर के निर्माण की कई खासियतों में एक खासियत यह भी है कि इस मंदिर की आधारशिला देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने रखी थी.

राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने किया था मंदिर का उद्घाटन
बताया जाता है कि 16 मई 1960 में जब ये मंदिर बनकर तैयार हुआ, तो इसका उद्घाटन चुन्ना मियां ने तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद से करवाया था. चुन्ना मियां तो अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनका परिवार आज भी मंदिर से जुड़ा हुआ है. परिवार के लोग इस मंदिर में आते हैं और मंदिर के कार्यों में हिस्सा लेते हैं.

साम्प्रदायिक एकता की ऐसी मिसाल शायद ही हम लोगों को कहीं और देखने को मिले. इस मंदिर का नाम चुन्ना मियां के नाम पर रख दिया गया. वैसे तो ये मंदिर श्री लक्ष्मी नारायण का है, लेकिन आज भी बरेली के हर कोने में रहने वाले लोग चुन्ना मियां मंदिर ही कहते हैं.

इसे भी पढ़ें:- बरेली में है 182 साल पुराना होलिका मां का मंदिर, होली से पहले पूरी होती है मनोकामना

बरेली: गंगा-जमुना की तहजीब की अनूठी धारा यूपी के बरेली में बहती है. मजहबी मापदंड से कोसों दूर एक ऐसा मंदिर, जहां दुनिया भर के लोगों को प्यार और सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देता है. बरेली जिले के कटरा मानराय में बना चुन्ना मियां का मंदिर एक ऐसी जगह है, जहां अमन और सौहार्द के फूल महकते हैं. लक्ष्मी नारायण का यह मंदिर उनके किसी भक्त ने नहीं, बल्कि बरेली के सेठ फजरुल रहमान उर्फ चुन्ना मियां ने बनवाया था.

चुन्ना मियां ने करवाया था इस मंदिर का निर्माण.
राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है चुन्ना मियां का मंदिरराष्ट्रीय एकता का प्रतीक और इंसानियत को अपना धर्म मानने वाले थे चुन्ना मियां. उनका यह मंदिर धर्म और मजहब को बांटने वालों के लिए किसी नजीर से कम नहीं. इस मंदिर के प्रवेश पर अशोक की लाट लगी हुई है, जो आमतौर पर देश के किसी भी मंदिर में दिखाई नहीं देती. इस मंदिर के निर्माण की कई खासियतों में एक खासियत यह भी है कि इस मंदिर की आधारशिला देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने रखी थी.

राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने किया था मंदिर का उद्घाटन
बताया जाता है कि 16 मई 1960 में जब ये मंदिर बनकर तैयार हुआ, तो इसका उद्घाटन चुन्ना मियां ने तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद से करवाया था. चुन्ना मियां तो अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनका परिवार आज भी मंदिर से जुड़ा हुआ है. परिवार के लोग इस मंदिर में आते हैं और मंदिर के कार्यों में हिस्सा लेते हैं.

साम्प्रदायिक एकता की ऐसी मिसाल शायद ही हम लोगों को कहीं और देखने को मिले. इस मंदिर का नाम चुन्ना मियां के नाम पर रख दिया गया. वैसे तो ये मंदिर श्री लक्ष्मी नारायण का है, लेकिन आज भी बरेली के हर कोने में रहने वाले लोग चुन्ना मियां मंदिर ही कहते हैं.

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