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बरेली: इलाज न मिलने से 15 माह के बच्चे की मौत, CMO ने दिए जांच के आदेश - सीएमओ विनीत कुमार शुक्ला

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में समय से इलाज न मिलने के कारण एक 15 माह के बच्चे की मौत हो गई. मामला संज्ञान में आने के बाद सीएमओ ने जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

child died due to lack of treatment
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Published : Apr 12, 2020, 8:33 PM IST

बरेली: जिले में मानवता को शर्मशार करने वाला मामला सामने आया है. यहां इलाज न मिलने के कारण एक 15 माह के बच्चे की मौत हो गई. मृतक बच्चे की मां ने निजी अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज न करने का आरोप लगाया है. वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएमओ ने जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

जानकारी देती पीड़िता.

दरअसल, मामला जिले के सुभाषनगर के गन्ना मिल का है. यहां रहने वाली पीड़िता पिंकी के 15 माह के बच्चे की तबीयत खराब चल रही थी. बच्चे की हालत गंभीर होने पर वह पिंकी उसे लेकर एक निजी अस्पताल गई, जहां किसी डॉक्टर ने बच्चे को भर्ती नहीं किया. पिंकी का कहना है कि वह दो दिनों तक डॉक्टरों के चक्कर लगाती रही और गिड़गिड़ाती रही, लेकिन किसी ने उसकी एक नहीं सुनी, जिससे उसके कलेजे के टुकड़े ने इलाज के आभाव में दम तोड़ दिया.

बता दें कि सुभाषनगर में ही एक ही परिवार के छह लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके बाद उस इलाके को 'कोरोना हॉटस्पॉट' बनाया गया है. यही कारण है कि उस इलाके का होने की वजह से पिंकी के बेटे का जिला अस्पताल के अलावा किसी भी निजी अस्पताल ने इलाज नहीं किया गया. मामले को लेकर सीएमओ विनीत कुमार शुक्ला का कहना है कि मीडिया के जरिये उनके संज्ञान में यह मामला आया है. ये बच्चा पहले जिला अस्पताल आया था, लेकिन हालत गंभीर होने की वजह से उसके बेहतर इलाज के लिए उसके घर वाले उसे निजी अस्पताल ले गए.

सीएमओ विनीत कुमार शुक्ला का कहना है कि महिला उस बच्चे को कई अस्पतालों में ले गई, लेकिन किसी ने भी बच्चे का इस वजह से इलाज नहीं किया कि ये बेहद गंभीर मामला है. इस प्रकरण की विस्तृत जांच कराकर दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. ऐसी स्थित में इस प्रकार की संवेदनहीनता बिल्कुल स्वीकार नहीं की जाएगी.

बरेली: जिले में मानवता को शर्मशार करने वाला मामला सामने आया है. यहां इलाज न मिलने के कारण एक 15 माह के बच्चे की मौत हो गई. मृतक बच्चे की मां ने निजी अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज न करने का आरोप लगाया है. वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएमओ ने जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

जानकारी देती पीड़िता.

दरअसल, मामला जिले के सुभाषनगर के गन्ना मिल का है. यहां रहने वाली पीड़िता पिंकी के 15 माह के बच्चे की तबीयत खराब चल रही थी. बच्चे की हालत गंभीर होने पर वह पिंकी उसे लेकर एक निजी अस्पताल गई, जहां किसी डॉक्टर ने बच्चे को भर्ती नहीं किया. पिंकी का कहना है कि वह दो दिनों तक डॉक्टरों के चक्कर लगाती रही और गिड़गिड़ाती रही, लेकिन किसी ने उसकी एक नहीं सुनी, जिससे उसके कलेजे के टुकड़े ने इलाज के आभाव में दम तोड़ दिया.

बता दें कि सुभाषनगर में ही एक ही परिवार के छह लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके बाद उस इलाके को 'कोरोना हॉटस्पॉट' बनाया गया है. यही कारण है कि उस इलाके का होने की वजह से पिंकी के बेटे का जिला अस्पताल के अलावा किसी भी निजी अस्पताल ने इलाज नहीं किया गया. मामले को लेकर सीएमओ विनीत कुमार शुक्ला का कहना है कि मीडिया के जरिये उनके संज्ञान में यह मामला आया है. ये बच्चा पहले जिला अस्पताल आया था, लेकिन हालत गंभीर होने की वजह से उसके बेहतर इलाज के लिए उसके घर वाले उसे निजी अस्पताल ले गए.

सीएमओ विनीत कुमार शुक्ला का कहना है कि महिला उस बच्चे को कई अस्पतालों में ले गई, लेकिन किसी ने भी बच्चे का इस वजह से इलाज नहीं किया कि ये बेहद गंभीर मामला है. इस प्रकरण की विस्तृत जांच कराकर दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. ऐसी स्थित में इस प्रकार की संवेदनहीनता बिल्कुल स्वीकार नहीं की जाएगी.

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