बरेलीः जिले में धर्म परिवर्तन न करने पर पत्नी की हत्या के मामले में कोर्ट ने आरोपियों को दोषी करार दिया. अपर सत्र न्यायाधीश तबरेज अहमद ने दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई. साथ ही 50-50 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया. आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर 2021 में पत्नी की हत्या कर दी थी.
कौशल देवी पत्नी यशपाल सहारनपुर के थाना देवबंद क्षेत्र के मनोहरपुर की रहने वाली है. उन्होंने पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि उनकी बेटी निशा की शादी बरेली के थाना मीरगंज के दलपतपुर के रहने वाले डॉ. इकबाल पुत्र खलील अहमद से 10 साल पहले हुई थी. इकबाल ने खुद को हिन्दू बताकर धोखे से निशा से शादी की थी. शादी के बाद निशा को पता चला कि उसका पति मुस्लमान है और पहले से शादीशुदा है. शादी के बाद इकबाल ने निशा को दलपतपुर स्थित मकान में रखा. निशा वहां अपनी दो बेटी रिया और रोशनी के साथ रह रही थी. इसके बाद इकबाल निशा पर धर्म परिवर्तन का दबाब बनाने लगा. हिन्दू धर्म को छोड़कर मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए उसे प्रताड़ित करने लगा. अपनी सारी सम्पत्ति दूसरी बीबी के नाम करने की धमकी देने लगा.
कौशल देवी के अनुसार, निशा मायके आने पर उन्हें अपने पति की प्रताड़ना और धमकी के बारे में बताती थी. फिर वो उसे समझा-बुझाकर उसके घर भेज देती थी. इसी बीच 26 अक्टूबर 2021 को इकबाल ने निशा से फिर धर्म परिवर्तन की बात कही. लेकिन निशा ने मना कर दिया. इसके बाद इकबाल ने अपने साथियों को घर बुला उसकी गला दबाकर हत्या कर दी. मां की हत्या करते देखकर निशा की बेटियां रोने लगीं तो इकबाल ने उन्हें धमकाकर कमरे में बंद कर दिया. इसके बाद अपने साथियों के साथ फरार हो गया.
कौशल देवी की लिखित तहरीर के आधार पर थाना मीरगंज में संबंधित धाराओं में इकबाल और उसके अज्ञात साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ. मामले की विवेचना में आरोप सही पाए गए. इसके बाद आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया. शासकीय अधिवक्ता सचिन जायसवाल ने मामले में 7 गवाह पेश किए. अपर जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश दस तबरेज की अदालत ने अभियुक्त इकबाल, यासीन और मिसरयार को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. इसके अलावा तीनों पर 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है.
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