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बीएल एग्रो के एमडी घनश्याम खंडेलवाल और उनके भाई के खिलाफ कोर्ट में वाद दायर

उत्तर प्रदेश के बरेली में बीएल एग्रो तेल का इस्तमाल करना लोगों को महंगा पड़ सकता है. सरसों तेल के नाम पर कंपनी पामो आयल को बेच रही है जो कि हानिकारक होता है.

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बीएल एग्रो सरसों के तेल के नाम पर बेच रहा पामो आयल.
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Published : Nov 30, 2019, 10:27 AM IST

बरेली: बीएल एग्रो का तेल इस्तेमाल करने वालों की सेहत अब खतरे में है. इस तेल का इस्तमाल लोगों को बीमार बना सकता है. जिले के न्यायालय में बीएल एग्रो के एमडी और एडविल आयल लिमिटेड के खिलाफ वाद दायर किया गया है. समाजसेवी और अधिवक्ता वीरेंद्र गुप्ता ने बीएल एग्रो के एमडी घनश्याम खंडेलवाल और उनके भाई के खिलाफ कोर्ट में वाद दायर किया है.

बीएल एग्रो सरसों के तेल के नाम पर बेच रहा पामो आयल.

बीएल एग्रो तेल खाने से आप हो सकते है बीमार

  • बीएल एग्रो एक जाना पहचाना नाम है, जहां सरसों का तेल और रिफाइंड बनता है.
  • जिले के परसाखेड़ा स्थित बीएल एग्रो की रिफाइनरी में हजारो इम्प्लाई काम करते है.
  • यूपी में कई जगह इनकी यूनिट लगी हुई है, लेकिन पीला दिखने वाला ये तेल सरसों नहीं बल्कि पामो आयल है.

पामो आयल को सरसो का तेल बनाकर बेचा जाता है

  • पामो आयल पूरी दुनिया में प्रतिबंधित है क्योंकि ये बहुत ही हानिकारक है.
  • मलेशिया से पामो आयल बीएल एग्रो में मंगाया जाता है क्योंकि ये सरसों से काफी सस्ता होता है.
  • बीएल एग्रो की ओर से यह पामो तेल मंगाया जाता है और सरसों का तेल कहकर बेचा जाता है.

इसे भी पढ़ें- बरेली: पूर्व सैनिक ने बैंक पर लगाया आरोप, कहा- जन्मतिथि में हेराफेरी कर पेंशन में की कटौती

समाजसेवी ने कोर्ट में दायर की वाद
समाजसेवी और अधिवक्ता वीरेंद्र गुप्ता ने कोर्ट में बीएल एग्रो के खिलाफ कोर्ट में वाद दायर किया है. अधिवक्ता वीरेंद्र पाल गुप्ता का कहना है कि 2014-15 में बीएल एग्रो ने 1900 करोड़ रुपये का कारोबार किया था. यह कच्ची घानी, सरसों के तेल एवं तमाम ब्रांड मोहन धारा समेत कई अन्य नाम पर ब्राउन राइस तेल, पाम आयल, वेस्टेड आयल को बेच रहे हैं. 2019 में इनकम टैक्स की बड़ी रेड में लगभग 300 करोड़ रुपये की हेराफेरी का मामला भी सामने आया था. क्रेडिट के सापेक्ष बोगस स्टेटमेंट देकर 530 करोड़ का लोन लेकर और 430 करोड़ की सीसी लिमिट पर 300 करोड़ की हेराफेरी की गई थी.

बरेली: बीएल एग्रो का तेल इस्तेमाल करने वालों की सेहत अब खतरे में है. इस तेल का इस्तमाल लोगों को बीमार बना सकता है. जिले के न्यायालय में बीएल एग्रो के एमडी और एडविल आयल लिमिटेड के खिलाफ वाद दायर किया गया है. समाजसेवी और अधिवक्ता वीरेंद्र गुप्ता ने बीएल एग्रो के एमडी घनश्याम खंडेलवाल और उनके भाई के खिलाफ कोर्ट में वाद दायर किया है.

बीएल एग्रो सरसों के तेल के नाम पर बेच रहा पामो आयल.

बीएल एग्रो तेल खाने से आप हो सकते है बीमार

  • बीएल एग्रो एक जाना पहचाना नाम है, जहां सरसों का तेल और रिफाइंड बनता है.
  • जिले के परसाखेड़ा स्थित बीएल एग्रो की रिफाइनरी में हजारो इम्प्लाई काम करते है.
  • यूपी में कई जगह इनकी यूनिट लगी हुई है, लेकिन पीला दिखने वाला ये तेल सरसों नहीं बल्कि पामो आयल है.

पामो आयल को सरसो का तेल बनाकर बेचा जाता है

  • पामो आयल पूरी दुनिया में प्रतिबंधित है क्योंकि ये बहुत ही हानिकारक है.
  • मलेशिया से पामो आयल बीएल एग्रो में मंगाया जाता है क्योंकि ये सरसों से काफी सस्ता होता है.
  • बीएल एग्रो की ओर से यह पामो तेल मंगाया जाता है और सरसों का तेल कहकर बेचा जाता है.

इसे भी पढ़ें- बरेली: पूर्व सैनिक ने बैंक पर लगाया आरोप, कहा- जन्मतिथि में हेराफेरी कर पेंशन में की कटौती

समाजसेवी ने कोर्ट में दायर की वाद
समाजसेवी और अधिवक्ता वीरेंद्र गुप्ता ने कोर्ट में बीएल एग्रो के खिलाफ कोर्ट में वाद दायर किया है. अधिवक्ता वीरेंद्र पाल गुप्ता का कहना है कि 2014-15 में बीएल एग्रो ने 1900 करोड़ रुपये का कारोबार किया था. यह कच्ची घानी, सरसों के तेल एवं तमाम ब्रांड मोहन धारा समेत कई अन्य नाम पर ब्राउन राइस तेल, पाम आयल, वेस्टेड आयल को बेच रहे हैं. 2019 में इनकम टैक्स की बड़ी रेड में लगभग 300 करोड़ रुपये की हेराफेरी का मामला भी सामने आया था. क्रेडिट के सापेक्ष बोगस स्टेटमेंट देकर 530 करोड़ का लोन लेकर और 430 करोड़ की सीसी लिमिट पर 300 करोड़ की हेराफेरी की गई थी.

Intro:अगर आप बीएल एग्रो का तेल इस्तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि ये आपकी सेहत के लिए हानिकारक है और आपके शरीर को बीमार बना सकता है। जी हां बरेली के जिला न्यायालय में बीएल एग्रो के एमडी और एडविल आयल लिमिटेड के खिलाफ वाद दायर किया गया है। समाजसेवी और अधिवक्ता वीरेंद्र गुप्ता ने बीएल एग्रो के एमडी घनश्याम खंडेलवाल और उनके भाई के खिलाफ कोर्ट में वाद दायर किया है।


फ़वीओ- वही इस बारे में जब बीएल एग्रो के एमडी घनश्याम खंडेलवाल से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने बात करने से इंकार कर दिया।Body:बीएल एग्रो एक जाना पहचाना नाम है। जहां सरसो का तेल, रिफाइंड बनता है। बरेली के परसाखेड़ा स्थित बीएल एग्रो की रिफाइनरी में हजारो इम्प्लाई काम करते है और यूपी में कई जगह इनकी यूनिट लगी हुई है। लेकिन पीला पीला दिखने वाला ये तेल सरसो का नही बल्कि पामो आयल का है। पामो आयल पूरी दुनिया में प्रतिबंधित है क्योंकि ये बहुत ही हानिकारक है। लेकिन मलेशिया से पामो आयल बीएल एग्रो में मंगाया जाता है क्योंकि ये सरसो से काफी सस्ता होता है इसलिए इससे तेल बनाया जाता है। और सरसो का तेल कहकर बेचा जाता है। जिस वजह से समाजसेवी और अधिवक्ता वीरेंद्र गुप्ता ने कोर्ट में बीएल एग्रो के एमडी घनश्याम खंडेलवाल और एडविल आयल लिमिटेड के एमडी दिलीप खंडेलवाल के खिलाफ कोर्ट में वाद दायर किया गया है। एसीजेएम कोर्ट में धारा 420, 467, 465 471, 418, 272, 273 आईपीसी के तहत वाद दायर किया गया है।

अधिवक्ता वीरेंद्र पाल गुप्ता ने बताया की 2014-15 में इन्होंने 1900 करोड़ रुपये का कारोबार किया था। उनका कहना है की ये जनता की सेहत से खिलवाड़ कर रहे है। ये कच्ची घानी, सरसो के तेल एवं तमाम ब्रांड मोहन धारा, अविरल धारा, बैलेंस लाइट आदि नाम से सूरजमुखी, सोयाबीन, रिफाइंड के नाम पर ब्राउन राइस तेल पाम आयल वेस्टेड आयल आदि को बेच रहे है। इसी साल इनके ठिकानों पर इनकम टैक्स की बड़ी रेड में लगभग 300 करोड़ रुपये की हेराफेरी का मामला सामने आया था। जिसमे क्रेडिट के सापेक्ष बोगस स्टेटमेंट देकर 530 करोड़ का लोन लेकर एवं 430 करोड़ की सीसी लिमिट पर 300 करोड़ की हेराफेरी की गई थी।

बाइट- वीरेंद्र पाल गुप्ता, शिकायतकर्ता

सुनील सक्सेना
बरेली।
9412137562
Conclusion:
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