बरेली: बीएल एग्रो का तेल इस्तेमाल करने वालों की सेहत अब खतरे में है. इस तेल का इस्तमाल लोगों को बीमार बना सकता है. जिले के न्यायालय में बीएल एग्रो के एमडी और एडविल आयल लिमिटेड के खिलाफ वाद दायर किया गया है. समाजसेवी और अधिवक्ता वीरेंद्र गुप्ता ने बीएल एग्रो के एमडी घनश्याम खंडेलवाल और उनके भाई के खिलाफ कोर्ट में वाद दायर किया है.
बीएल एग्रो तेल खाने से आप हो सकते है बीमार
- बीएल एग्रो एक जाना पहचाना नाम है, जहां सरसों का तेल और रिफाइंड बनता है.
- जिले के परसाखेड़ा स्थित बीएल एग्रो की रिफाइनरी में हजारो इम्प्लाई काम करते है.
- यूपी में कई जगह इनकी यूनिट लगी हुई है, लेकिन पीला दिखने वाला ये तेल सरसों नहीं बल्कि पामो आयल है.
पामो आयल को सरसो का तेल बनाकर बेचा जाता है
- पामो आयल पूरी दुनिया में प्रतिबंधित है क्योंकि ये बहुत ही हानिकारक है.
- मलेशिया से पामो आयल बीएल एग्रो में मंगाया जाता है क्योंकि ये सरसों से काफी सस्ता होता है.
- बीएल एग्रो की ओर से यह पामो तेल मंगाया जाता है और सरसों का तेल कहकर बेचा जाता है.
इसे भी पढ़ें- बरेली: पूर्व सैनिक ने बैंक पर लगाया आरोप, कहा- जन्मतिथि में हेराफेरी कर पेंशन में की कटौती
समाजसेवी ने कोर्ट में दायर की वाद
समाजसेवी और अधिवक्ता वीरेंद्र गुप्ता ने कोर्ट में बीएल एग्रो के खिलाफ कोर्ट में वाद दायर किया है. अधिवक्ता वीरेंद्र पाल गुप्ता का कहना है कि 2014-15 में बीएल एग्रो ने 1900 करोड़ रुपये का कारोबार किया था. यह कच्ची घानी, सरसों के तेल एवं तमाम ब्रांड मोहन धारा समेत कई अन्य नाम पर ब्राउन राइस तेल, पाम आयल, वेस्टेड आयल को बेच रहे हैं. 2019 में इनकम टैक्स की बड़ी रेड में लगभग 300 करोड़ रुपये की हेराफेरी का मामला भी सामने आया था. क्रेडिट के सापेक्ष बोगस स्टेटमेंट देकर 530 करोड़ का लोन लेकर और 430 करोड़ की सीसी लिमिट पर 300 करोड़ की हेराफेरी की गई थी.